टैरिफ से बड़े-बड़े धनकुबेर पस्त, लेकिन एक आदमी कर गया कमाई! कई बार ट्रंप को लताड़ा भी

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दुनिया के 500 सबसे अमीर लोगों की नेट वर्थ में हाल ही में भारी गिरावट आई है, और यह सब शुरू हुआ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बड़े ऐलान से. बीते बुधवार को ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की, जिसने शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया. 3 और 4 अप्रैल को स्टॉक मार्केट में हुए नुकसान ने इन बड़े-बड़े धनकुबेरों की जेब से 536 अरब डॉलर (लगभग 45 लाख करोड़ रुपये) साफ हो गए. इसमें कुछ बड़े नाम जैसे एलन मस्क, मार्क ज़करबर्ग और जेफ बेजोस भी शामिल हैं, जिन्होंने चुनावों के दौरान डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था, लेकिन अब उनकी दौलत में अरबों की कमी देखी जा रही है. गिरावट के इस तूफान में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने अपनी नेट वर्थ को बचाया भी और बढ़ा भी लिया.

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, टेस्ला के मालिक एलन मस्क की संपत्ति में इस साल 143 अरब डॉलर (लगभग 12 लाख करोड़ रुपये) की भारी कमी आई. अमेज़न के संस्थापक जेफ बेजोस की नेट वर्थ 44 अरब डॉलर (लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये) घटी, तो मेटा के सीईओ मार्क ज़करबर्ग की दौलत में 26 अरब डॉलर (लगभग 2.2 लाख करोड़ रुपये) की चपत लगी. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं, पर इस बार नुकसान इतना बड़ा था कि हर कोई हैरान रह गया. इसी बीच एक अमेरिकी अरबपति ने सबको चौंका दिया, जिसका नाम है वॉरेन बफेट.

दुनिया के बड़े बड़े धनकुबेरों में से एक वॉरेन बफेट ने मुनाफा बनाया. जब बाकी अरबपतियों की संपत्ति डूब रही थी, बफेट की दौलत 2025 में लगभग 12 अरब डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपये) बढ़ गई. हालांकि, 3 और 4 अप्रैल के उस दो दिन के संकट में उनकी संपत्ति में भी 2.57 अरब डॉलर (लगभग 21,600 करोड़ रुपये) की कमी आई, पर यह नुकसान उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखता था. उनकी कंपनी, बर्कशायर हैथवे, ने इस साल 11 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हासिल की. बाजार में हलचल के बावजूद उनकी रणनीति ने उन्हें मजबूत बनाए रखा.

बफेट ने ऐसा क्या किया, जो बाकियों से अलग था?बफेट की होशियारी और दूरदर्शिता की मिसाल उनकी “सावधानी भरी रणनीति” में छिपी है. CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 2024 के अंत तक 334 अरब डॉलर (लगभग 28 लाख करोड़ रुपये) का रिकॉर्ड नकद भंडार तैयार किया था. 22 फरवरी को अपने शेयरधारकों को लिखे पत्र में बफेट ने कहा, “मुझे कोई निवेश आकर्षक नहीं लगा.” यानी, जहां बाकी लोग जल्दबाजी में पैसा लगा रहे थे, बफेट चुपचाप इंतजार कर रहे थे. जब बाजार गिरा, तो उनकी कंपनी के शेयरों में 6.5 फीसदी की गिरावट के बावजूद उनकी स्थिति मजबूत रही. निवेशक अब बर्कशायर हैथवे को “सुरक्षित ठिकाना” मानने लगे हैं.

ट्रंप ने जब अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि बफेट ने उनकी आर्थिक नीतियों की तारीफ की थी. लेकिन बफेट ने इसे सिरे से नकार दिया. बर्कशायर हैथवे ने बयान जारी कर कहा, “सोशल मीडिया पर वॉरेन बफेट के नाम से जो बातें फैलाई जा रही हैं, वो पूरी तरह झूठी हैं.”

वॉरेन बफेट के वो लेसन, जो सबके लिए हैं

लंबी अवधि का नजरिया: बफेट हमेशा लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट में विश्वास रखते हैं. उनका मानना है कि अच्छे स्टॉक्स को लंबे समय तक होल्ड करने से ही असली रिटर्न मिलता है.

बिजसेस को समझना जरूरी: वे उन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनका बिजनेस मॉडल वे अच्छी तरह समझते हैं. जटिल तकनीकी या अनजाने क्षेत्रों से वे दूर रहते हैं.

मूल्य से कम कीमत पर खरीदना: बफेट “Intrinsic Value” का मूल्यांकन करते हैं और शेयर को तब खरीदते हैं जब वह अपनी वास्तविक कीमत से कम पर मिल रहा हो.

कंपनी की गुणवत्ता पर ध्यान: वे ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जो मजबूत ब्रांड, अच्छा मैनेजमेंट और स्थिर लाभप्रदता रखती हैं.

धैर्य और अनुशासन: बफेट कहते हैं, “स्टॉक मार्केट पैसे को उन लोगों से ट्रांसफर करता है जो अधीर होते हैं उन लोगों को जो धैर्य रखते हैं.”

कम रिस्क, बेहतर रिटर्न: वे जोखिम से बचने में विश्वास रखते हैं. उनका मूलमंत्र है – “रूल नंबर 1: पैसा मत गंवाओ. रूल नंबर 2: पहला रूल कभी मत भूलो.”

डिविडेंड और कैश फ्लो पर फोकस: बफेट कंपनियों के फ्री कैश फ्लो और डिविडेंड यील्ड को बहुत महत्व देते हैं. इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति का पता चलता है.

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