बाजार में बन रहा था एफपीआई का भरोसा, ट्रंप ने फोड़ा ‘टैरिफ बम’ तो फिर भागे

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Last Updated:April 06, 2025, 12:44 ISTअमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ वार के कारण एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 10,355 करोड़ रुपये निकाले हैं. बाजार की नजर आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक पर है.साल 2025 में अबतक एफपीआई की कुल निकासी 1.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.हाइलाइट्सएफपीआई ने भारतीय बाजार से 10,355 करोड़ रुपये निकाले.ट्रंप के टैरिफ वार से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने.बाजार की नजर आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक पर है.नई दिल्‍ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया के कई देशों पर जवाबी शुल्क लगाए जाने का असर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियों पर भी पड़ा है. एफपीआई ने पिछले चार कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार से 10,355 करोड़ रुपये निकाले हैं. 21 मार्च से 28 मार्च तक छह कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 30,927 करोड़ रुपये डाले थे. लेकिन, डोनाल्‍ड ट्रंप के टैरिफ वार से फिर एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बन गए.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की कुल निकासी 3,973 करोड़ रुपये रही. साल 2025 में अबतक एफपीआई की कुल निकासी 1.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. फरवरी 2025 में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयरों से 34,574 करोड़ रुपये निकाले थे, जबकि जनवरी में उनकी निकासी 78,027 करोड़ रुपये रही थी.

रेपो रेट पर नजरबीडीओ इंडिया के भागीदार और लीडर, एफएस कर, कर और नियामकीय सेवाएं मनोज पुरोहित ने कहा कि आने वाले दिनों में बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिकी शुल्क के दीर्घावधि के प्रभाव और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक पर रहेगी. बाजार उम्मीद कर रहा है कि केंद्रीय बैंक रेपो दर में कटौती करेगा. उन्होंने कहा कि ये घटनाक्रम आगामी दिनों में निवेश रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

उम्‍मीद से ज्‍यादा टैरिफजियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अमेरिकी शुल्क उम्मीद से कहीं अधिक हैं. अब उनके व्यापक आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता है.’’ उन्होंने कहा कि भारत और अन्य देशों पर जवाबी शुल्क से अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी. इन घटनाक्रमों के प्रभाव से अमेरिकी बाजारों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली है. सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में एसएंडपी 500 और नैस्डैक में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है.

विजयकुमार ने कहा, ‘‘पूर्ण व्यापार युद्ध के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार और आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा. हालांकि, डॉलर इंडेक्स के घटकर 102 तक आने को भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी प्रवाह के लिए अनुकूल माना जा रहा है.’’

बॉन्‍ड बाजार में भी बिकवालीआंकड़ों के अनुसार, शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में बॉन्ड या ऋण बाजार ससामान्य सीमा के तहत 556 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 4,038 करोड़ रुपये निकाले हैं.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 06, 2025, 12:44 ISThomebusinessबाजार में बन रहा था एफपीआई का भरोसा, ट्रंप ने फोड़ा ‘टैरिफ बम’ तो फिर भागे

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