Last Updated:February 28, 2025, 13:55 ISTShare Market Crash : स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भारी गिरावट के कारण बाजार पूंजीकरण में 18 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. भू-राजनीतिक तनाव और शेयरों के अधिक मूल्यांकन ने इस गिरावट को बढ़ावा दिया. विशेषज्ञो…और पढ़ेंShare Market Crash : शेयर बाजार में स्मॉल और मिड कैप कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले कुछ महीनों से जारी इस गिरावट ने निवेशकों के 18 लाख करोड़ रुपये खाक कर दिए हैं. यह गिरावट भू-राजनीतिक तनाव और शेयरों के अधिक मूल्यांकन (ओवरवैल्यूएशन) के कारण हुई है. आइए जानते हैं कि यह स्थिति कैसे बनी और भविष्य में क्या हो सकता है.
निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में लगातार चौथे दिन गिरावट देखी गई. 28 फरवरी को इन इंडेक्स में 3 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट भू-राजनीतिक चिंताओं और बाजार में बिकवाली के कारण हुई. निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने अपने चरम से 25% से अधिक की गिरावट दर्ज की, जिससे बाजार पूंजीकरण में 5.25 लाख करोड़ रुपये की कमी आई. वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 ने अपने चरम से 21% की गिरावट दर्ज की, जिससे 13.35 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
निफ्टी में 30 साल की सबसे लम्बी गिरावटमिड सितंबर से शुरू हुई इस गिरावट ने निफ्टी 50 इंडेक्स को भी प्रभावित किया है. निफ्टी 50 में 14% से अधिक की गिरावट देखी गई, जो पिछले 30 सालों में सबसे लंबी गिरावट है. इससे बाजार पूंजीकरण में 31.94 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 28 फरवरी को निफ्टी 50 में 1.19% की गिरावट देखी गई, जो लगातार सातवें दिन की गिरावट हो सकती है.
कई एक्सपर्ट ने चेताया था, मगर नहीं मानेविशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट निफ्टी 50 के मूल्यांकन (वैल्यूएशन) को 10 साल के औसत स्तर से नीचे ले जा रही है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) एस नरेन ने निवेशकों को स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों के अधिक मूल्यांकन के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है. सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच ने भी एक साल पहले म्यूचुअल फंड कंपनियों को इस “बबल” (अत्यधिक मूल्यांकन) के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी थी.
अब क्या कहते हैं एक्सपर्टप्रशांत जैन और कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के संजीव प्रसाद जैसे अनुभवी निवेशकों ने भी 2023 के अंत से ही इन शेयरों के अधिक मूल्यांकन के प्रति चिंता जताई थी. प्रशांत जैन ने कहा कि यह गिरावट “अप्रत्याशित नहीं” थी, जबकि संजीव प्रसाद ने इसे “मिडकैप मैडनेस” (मिडकैप शेयरों में अत्यधिक निवेश) बताया.
हेलिओस कैपिटल के संस्थापक समीर अरोड़ा ने बताया कि बुल रन (तेजी के दौर) के दौरान स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर 6-8% प्रति वर्ष की दर से बेहतर प्रदर्शन करते हैं. हालांकि, जब करेक्शन होता है, तो यह निवेशकों की अपेक्षा से ज्यादा होता है. पिछले तीन सालों में निफ्टी का प्रदर्शन इतिहास में सबसे कम रहा है, लेकिन लंबे समय (7 साल) में निफ्टी और निफ्टी 500 ने 13-16% का औसत रिटर्न दिया है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 28, 2025, 13:55 ISThomebusinessस्मॉल और मिडकैप ने दिया लार्ज पेन: अब तक निगले 18 लाख करोड़ रुपये, कहां जाएं?
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