Last Updated:July 04, 2025, 12:15 ISTSebi in Action : बाजार नियामक सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट को शेयर बाजार में किसी भी गतिविधि से बैन कर दिया है. सेबी ने कहा है कि कंपनी ने अवैध रूप से जो भी कमाया है, उसे वापस भी करना होगा.सेबी ने अमेरिकी कंपनी जेन स्ट्रीट पर ट्रेडिंग से बैन लगा दिया है. हाइलाइट्ससेबी ने जेन स्ट्रीट पर बैन लगाया.कंपनी को 4843 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश.सेबी ने हेराफेरी के आरोप में कार्रवाई की.नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट पर बैन लगा दिया है, जिससे यह कंपनी आगे कभी प्रतिभूति बाजारों में ट्रेडिंग नहीं कर सकेगी. सेबी ने कंपनी को 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का भी निर्देश दिया है. कंपनी पर सूचकांक विकल्पों में भारी मुनाफा कमाने के लिए समाप्ति के दिनों में सूचकांक स्तर में कथित रूप से हेरफेर करने का आरोप है. बाजार नियामक ने कहा है कि कंपनी गलत तरीके से कमाए मुनाफे को वापस करके शेयर बाजार से हमेशा के लिए चली जाए.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जेएसआई इन्वेस्टमेंट्स, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट ग्रुप (जेएस ग्रुप) की जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग (ऑनलाइन कारोबार) को बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है. सेबी के आदेश के अनुसार, जेएस समूह की संस्थाओं ने एनएसई के सभी उत्पाद श्रेणियों और खंडों में एक जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 तक एनएसई पर सूचकांक विकल्पों से 43,289 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया.
हेराफेरी पर सख्त आदेश
सेबी ने सभी संस्थाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी धोखाधड़ी, हेरफेर या अनुचित व्यापार व्यवहार में शामिल होने या प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल होने से बचने का निर्देश दिया है, जो मानदंडों का उल्लंघन करती हो. बाजार नियामक ने कहा कि जेएस ग्रुप ने फिर से समाप्ति दिवस के करीब सूचकांक और घटक बाजारों में बड़े हस्तक्षेप के जरिये हेरफेरी ‘एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज’ कारोबार तरीके को अपनाया, ताकि मई 2025 में अपने अवैध लाभ के लिए सूचकांक को प्रभावित और हेरफेर किया जा सके.
जेएस ग्रुप पर भरोसा नहींसेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी. ने कहा कि फरवरी 2025 में एनएसई ने स्पष्ट आदेश जारी किया था. बावजूद इसके जेएस ग्रुप अन्य विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और अन्य बाजार सहभागियों के विपरीत उचित काम नहीं करता है. लिहाजा इस समूह पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. ऐसे में जेएस समूह को काम जारी रखने की अनुमति देना निवेशकों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. यही वजह है कि सेबी ने उस पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है.
कुल मुनाफे का 10 फीसदी लौटाना होगासेबी ने अपने आदेश में कहा है कि जेएस ग्रुप ने 2023 से 2025 तक जो भी लाभ कमाया, उसका 10वां हिस्सा वापस करना होगा. बाजार नियामक का मानना है कि कुल मुनाफे में से करीब 10 फीसदी रकम को कंपनी ने गलत तरीके से कमाया है. यही वजह है कि सेबी ने जेएस ग्रुप को 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का निर्देश दिया है. अगर जांच में पाया गया कि यह पैसा निवेशकों का है तो उन्हें लौटाने की कोशिश की जाएगी.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessसेबी ने लगाया अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी पर बैन, 4843 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश
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