Last Updated:March 08, 2025, 03:01 ISTभारतीय शेयर बाजार में FII की बिकवाली से गिरावट जारी है. अबर्डीन की रीता ताहिलरमाणी ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और ई-कॉमर्स सेक्टर पर संतोष जताया. वे मानती हैं कि बाजार में 10% और गिरावट आ सकती है, लेकिन यह लॉन्ग-ट…और पढ़ेंअधिकांश एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में अभी कुछ और दिन गिरावट रहेगी. हाइलाइट्सभारतीय शेयर बाजार में 10% और गिरावट संभवFII की बिकवाली से बाजार में करेक्शनलॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए अवसरनई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार में इस समय महामारी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखी जा रही है. इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली मानी जा रही है. इस पर Aberdeen Asset Management की रीता ताहिलरमाणी ने मनीकंट्रोल से बातचीत में अपनी राय रखी. रीता ताहिलरमाणी ने बताया कि अबर्डीन के बोर्ड मेंबर्स की भारत यात्रा सकारात्मक रही. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, बढ़ता सरकारी खर्च और तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर को लेकर संतोष व्यक्त किया. हालांकि, कुछ कंपनियों में ग्रोथ को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन समग्र रूप से भारतीय बाजार का भविष्य स्थिर नजर आ रहा है.
FII निवेशकों की बिकवाली के चलते पिछले 4-5 महीनों में बाजार में करेक्शन देखने को मिला है. मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में ताहिलरमाणी ने कहा कि फिलहाल भारत में कैपेक्स खर्च में थोड़ी कमी आई है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है. इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर और टैरिफ हाइक का असर भी देखने को मिल रहा है, हालांकि भारत इनसे अपेक्षाकृत कम प्रभावित होता है.
प्राइमरी बनाम सेकेंडरी मार्केट पर फोकसपिछले साल भारत में लगभग 90 IPO आए, लेकिन अबर्डीन ने उनमें से सिर्फ एक में निवेश किया. कंपनी का मानना है कि नई कंपनियां महंगे वैल्यूएशन पर आती हैं, जबकि उनका निवेश का फोकस मजबूत बैलेंस शीट, कैश फ्लो और उचित वैल्यूएशन पर रहता है. इसलिए, फिलहाल अबर्डीन की प्राथमिकता सेकेंडरी मार्केट में निवेश करने की है.
ट्रंप टैरिफ और भारत पर असरट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले का भारत पर सीधा असर नहीं पड़ता, लेकिन वैश्विक पूंजी प्रवाह प्रभावित होता है. हाल के महीनों में अमेरिकी बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ा है, जिससे भारत में FII निवेशकों की बिकवाली तेज हुई है.
चीन और भारत के बाजार की तुलनाभारतीय बाजार में करेक्शन के बाद वैल्यूएशन अब 10 साल के औसत स्तर पर आ गया है. चीन और भारत दोनों की ग्रोथ प्रोजेक्शन लगभग समान हैं, लेकिन ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी) के लिहाज से भारत 14% के साथ चीन (11%) से बेहतर स्थिति में है. हालांकि, चीन में स्टिमुलस का असर कितना होगा, यह देखने वाली बात होगी.
क्या बाजार बॉटम पर है?ताहिलरमाणी के अनुसार, भारत का बाजार धीरे-धीरे बॉटम आउट हो रहा है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए अभी सुधार की जरूरत है. वे मानती हैं कि आगे 10% और गिरावट आ सकती है, लेकिन यह लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए अवसर भी प्रदान करेगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 08, 2025, 03:01 ISThomebusinessबाजार में अभी और 10 परसेंट की गिरावट बाकी, लेकिन इन निवेशकों के लिए मौका!
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