Last Updated:March 13, 2025, 15:08 ISTरिटेल निवेशक भी अब समझदार होते जा रहे हैं. हाल ही में कुछ आंकड़े सामने आए हैं जो बताते हैं कि मिड और स्मॉल कैप शेयरों में बड़ी गिरावट से ऐन पहले छोटे निवेशकों ने अपनी पोजिशन घटा ली थी. इस खबर में पिछली 3 तिमाहि…और पढ़ेंहाइलाइट्सरिटेल निवेशकों ने गिरावट से पहले पोजिशन घटाई.63 स्मॉल और मिडकैप शेयरों में निवेशकों की हिस्सेदारी घटी.BSE Smallcap Index 2025 में अब तक 20% गिरा.आमतौर पर माना जाता है कि रिटेल निवेशक बहुत होशियार नहीं होते. वे जिन शेयरों में पैसा लगाते हैं, अगर वे गिरने लगते हैं तो उसी में अटककर रह जाते हैं और उसके वापस लौटने का इंतजार करते हैं. लेकिन अगर हम आपको बताएं कि ऐसा नहीं है, अब छोटे निवेशक भी काफी होशियारी से काम ले रहे हैं तो क्या आप यकीन करेंगे? शायद नहीं, मगर अब ऐसा होता दिख रहा है. हाल ही में कुछ आंकड़े सामने आए हैं, जो इस तस्वीर को साफ करते हैं कि रिटेल निवेशकों ने बाजार की गिरावट से ऐन पहले अपनी पोजिशन काट ली और समय रहते स्टॉक बेचकर निकल गए.
बीती तीन तिमाहियों में रिटेल निवेशकों ने 63 स्मॉल और मिडकैप शेयरों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. वो सभी शेयर अब मंदी के चपेट में हैं और 2025 में अब तक कम से कम 20 फीसदी तो गिर ही चुके हैं. उन्हीं में से कुछेक तो ऐसे हैं तो 60 फीसदी तक भी गिरे हैं. इन 63 में कई नामी शेयर शुमार हैं, जैसे कि पेटीएम (One 97 Communications), पॉलीकैब इंडिया (Polycab India), ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टिफायर्स (इंडिया), द इंडिया सीमेंट्स, दीपक नाइट्रेट, और वोल्टास. इन कंपनियों में रिटेल निवेशकों की होल्डिंग जून 2024 से लगातार घट रही है. जनवरी 2025 से इन शेयरों की कीमतों में 35 फीसदी से लेकर 22 फीसदी तक की गिरावट आई है.
कौन से शेयर सबसे ज्यादा गिरे?इन 63 शेयरों में से कुछ को तगड़ा झटका लगा है. वक्रांगी (Vakrangee) ने 61 फीसदी की गिरावट दर्ज की है, जबकि सूरज एस्टेट डेवलपर्स, न्यूजेन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज, नवकार कॉर्पोरेशन, और सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स में 40 फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई है. इसके अलावा प्राज इंडस्ट्रीज़, सोनाटा सॉफ्टवेयर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज, नेल्को (Nelco), लक्स इंडस्ट्रीज़ (Lux Industries), गोकलदास एक्सपोर्ट्स (Gokaldas Exports), लिखिता इंफ्रा (Likhitha Infrastructure), सिग्निटी टेक (Cigniti Technologies) जैसी कंपनियों में भी 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.
वक्रांगी (Vakrangee) में मार्च 2024 तक रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 28.33% थी, जो जून 2024 तक घटकर 25.61% हो गई. इसके बाद सितंबर 2024 तक यह हिस्सेदारी और घटकर 24.5% पर पहुंच गई. इस तरह, मार्च 2024 से सितंबर 2024 तक कुल 3.83% की गिरावट देखी गई.
सूरज एस्टेट डेवलपर्स (Suraj Estate Developers) में मार्च 2024 तक रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 10.95% थी, जो जून 2024 तक घटकर 8.82% हो गई. सितंबर 2024 तक यह हिस्सेदारी और घटकर 8.48% पर पहुंच गई. इस तरह, मार्च 2024 से सितंबर 2024 तक कुल 2.47% की गिरावट देखी गई.
अपार इंडस्ट्रीज (Apar Industries) में मार्च 2024 तक रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 8.59% थी, जो जून 2024 तक घटकर 8.18% हो गई. सितंबर 2024 तक यह हिस्सेदारी और घटकर 8.12% पर पहुंच गई. इस तरह, मार्च 2024 से सितंबर 2024 तक कुल 0.47% की गिरावट देखी गई. हालांकि गिरावट बहुत ज्यादा नहीं है.
न्यूजेन सॉफ्टवेयर (Newgen Software) में मार्च 2024 तक रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 11.12% थी, जो जून 2024 तक घटकर 10.7% हो गई. हालांकि, सितंबर 2024 तक यह हिस्सेदारी बढ़कर 10.9% हो गई. इस तरह, मार्च 2024 से सितंबर 2024 तक कुल 0.22% की गिरावट देखी गई.
नवकार कॉर्पोरेशन (Navkar Corporation) में मार्च 2024 तक रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 14.23% थी, जो जून 2024 तक घटकर 13.33% हो गई. सितंबर 2024 तक यह हिस्सेदारी और घटकर 13.16% पर पहुंच गई. इस तरह, मार्च 2024 से सितंबर 2024 तक कुल 1.07% की गिरावट देखी गई.
बाजार के लिए कितना मुश्किल है ये टाइम2025 के शुरुआत से ही बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है. BSE Smallcap Index इस साल अब तक 20% तक गिर चुका है. मिडकैप इंडेक्स भी 15% तक लुढ़क चुका है, जिसमें फरवरी में 10.39% और जनवरी में 6.44% की गिरावट देखी गई थी.
बड़ी कंपनियों (लार्जकैप) में भी रिटेलरों की हिस्सेदारी घटी है. एलटीआई माइंडट्री (LTIMindtree), टीसीएस (TCS), डीवीज़ लैब (Divi’s Laboratories), इंफोसिस (Infosys), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra), अल्ट्राटेक सीमेंट (Ultratech Cement) और विप्रो (Wipro) जैसी कंपनियों में छोटे निवेशकों की होल्डिंग में कमी देखी गई, जबकि इनके शेयर 16 फीसदी से 7 फीसदी तक गिरे हैं. वहीं, BSE Sensex ने 2025 में अब तक 7.45 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?विश्लेषकों की राय इस समय बंटी हुई है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि बाजार बीते 5 महीनों में काफी करेक्शन के दौर से गुजरा है, जिससे अब खरीदारी के अच्छे मौके बन रहे हैं. उनका फोकस फिलहाल लार्जकैप शेयरों पर ज्यादा है.
कोटक एएमसी के CIO हर्षा उपाध्याय के अनुसार, मिड और स्मॉलकैप शेयर अब भी ऐतिहासिक वैल्यूएशन से प्रीमियम पर हैं. बाजार में थोड़ी स्थिरता तो आ सकती है, लेकिन आगे की चाल कंपनियों की कमाई और वैल्यूएशन पर निर्भर करेगी.
PhillipCapital ने भी भारतीय शेयर बाजारों को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है और कहा है कि अगले कुछ महीनों में गिरावट के दौरान खरीदारी का अवसर मिलेगा.
Goldman Sachs के मुताबिक, मिड और स्मॉलकैप शेयरों में अभी और गिरावट की संभावना है, क्योंकि रिटेल और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की मजबूत पकड़ अब भी बनी हुई है. इसलिए निवेशकों को अभी लार्जकैप शेयरों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 13, 2025, 15:02 ISThomebusinessइस बार तो बड़े होशियार निकले छोटे निवेशक, गिरावट से पहले ही कर गए खेल!
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