नई दिल्ली. भारत की अग्रणी ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने 2 प्रमुख सरकारी वित्तीय कंपनियों – पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) और REC लिमिटेड पर अपना भरोसा जताया है. इन कंपनियों पर ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग देते हुए मैक्वेरी ने कहा है कि PFC और REC के शेयरों में क्रमशः 34% और 28% तक की संभावित बढ़त देखी जा सकती है. यह दोनों कंपनियां बीएसई 100 इंडेक्स में लिस्ट हैं और बिजली क्षेत्र के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जहां सरकार के समर्थन और नीतिगत सुधारों का सीधा असर उनकी वित्तीय स्थिति पर पड़ता है.
मैक्वेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन में तेजी देखी जा रही है, जो रेग्युलेटरी सुधारों, क्रेडिट रिस्क में कमी, और उद्योग में बढ़ते रीन्यूएबल मिक्स की वजह से संभव हुआ है. फर्म का मानना है कि पिछले कुछ समय में इन कंपनियों के शेयरों में बढ़त के बावजूद, लोअर स्लिपेज, असेट रिजॉल्यूशन और आगे की स्थिर वृद्धि इनके शेयर मूल्य को और अधिक रेटिंग दिलाने में सक्षम बना सकती है.
REC लिमिटेड शेयर प्राइस टारगेट 2024मैक्वेरी के अनुसार, REC लिमिटेड के पास वित्तीय वर्ष 2024 से 2027 तक 15% AUM ग्रोथ CAGR और 20-21% ROE प्राप्त करने की क्षमता है. इस अनुमान के आधार पर फर्म ने REC के शेयर के लिए 660 रुपये का प्राइस टारगेट निर्धारित किया है. मंगलवार को बीएसई पर यह स्टॉक 514.50 रुपये पर बंद हुआ था. पिछले साल, REC ने अपने शेयर का 52-वीक का उच्चतम स्तर 653.90 रुपये दर्ज किया था. एनालिस्ट्स का मानना है कि बाजार में बढ़ते रीन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स और बिजली क्षेत्र में बढ़ती मांग से REC को लाभ हो सकता है.
REC के प्रमोटर के रूप में PFC की 52.63% हिस्सेदारी होने से ये दोनों कंपनियां परस्पर संबंधित हैं, जो उन्हें न केवल प्रतिस्पर्धात्मक बल्कि सहयोगी भी बनाती है. इन दोनों कंपनियों का आपस में जुड़ा हुआ होना, उनके संयुक्त लाभ को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है.
PFC शेयर प्राइस टारगेट 2024मैक्वेरी ने पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) को भी ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग दी है और इसका शेयर प्राइस टारगेट 630 रुपये रखा है, जो वर्तमान स्तर से 34 फीसदी ज्यादा है. मंगलवार को बीएसई पर यह शेयर 466.85 रुपये पर बंद हुआ. मैक्वेरी ने कहा कि PFC के पास REC की तुलना में बेहतर रिस्क-रिवार्ड अनुपात है.
मैक्वेरी ने कहा है कि हाल के वर्षों में भारत सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र के लिए शुरू किए गए सुधारों और सरकारी योजनाओं ने इन कंपनियों के विकास को बल दिया है. मैक्वेरी का मानना है कि जैसे-जैसे बिजली क्षेत्र में सुधार होता रहेगा और रिन्यूएबल एनर्जी की भागीदारी बढ़ती रहेगी, यह दोनों कंपनियां अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होंगी.
(Disclaimer: यहां बताए गया स्टॉक्स सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
Tags: Business news, Share marketFIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 16:54 IST
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