Market Outlook Next Week: बीते हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 609.51 अंक या 0.74 फीसदी नीचे आया. वहीं एनएसी का निफ्टी 166.65 अंक या 0.66 फीसदी के नुकसान में रहा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा 26 मई से शुरू होने वाले हफ्ते में कई मैक्रो इकोनॉमिक डेटा की घोषणाओं, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियों से तय होगी.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वीपी (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘ग्लोबल और डोमेस्टिक घटनाक्रमों की वजह से बीते हफ्ते स्थानीय शेयर बाजार का प्रदर्शन सुस्त रहा है. ग्लोबल मोर्चे पर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और अमेरिका के बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर चिंताओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की निकासी बढ़ी. इससे भारत सहित दूसरे इमर्जिंग मार्केट्स पर दबाव पड़ा.’’
इस हफ्ते 28 मई को भारत के अप्रैल के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन के आंकड़े आने हैं. इसके अलावा सप्ताह के दौरान जीडीपी की ग्रोथ रेट के आंकड़े भी आने हैं. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की सुधार की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी.
मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा मानसून की प्रगति पर जानकारी भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगी. उन्होंने कहा कि ग्लोबल मोर्चे पर अमेरिकी बॉन्ड बाजार के घटनाक्रम, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के ब्योरे और अमेरिका-भारत ट्रेड बातचीत से भी बाजार की सेंटीमेंट प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि मई के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट के निपटान और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के अंतिम दौर का भी बाजार पर प्रभाव पड़ेगा. हफ्ते के दौरान बजाज ऑटो, अरविंदो फार्मा और आईआरसीटीसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे बाजार का रुख मजबूत रहने की उम्मीद है। वृहद आर्थिक आंकड़े और कंपनियों तिमाही नतीजे बाजार को समर्थन प्रदान करेंगे। निवेशकों की निगाह इस सप्ताह जारी होने वाले इन आंकड़ों पर रहेगी। सप्ताह के दौरान भारत और अमेरिका के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े भी आने हैं।’’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की है, जो 2023-24 की तुलना में 27.4 फीसदी ज्यादा है. एनालिस्ट का कहना है कि इस सप्ताह बाजार के भागीदार सबसे पहले रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड डिविडेड ट्रांसफर और फिस्कल पॉलिसी के लिए इसके निहितार्थ पर प्रतिक्रिया देंगे.
लेमन मार्केट्स डेस्क के एनालिस्ट गौरव गर्ग ने कहा, ‘‘अमेरिकी अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश प्रवाह और ट्रेड टॉक को लेकर जारी अनिश्चितता को देखते हुए भारतीय बाजार में निकट भविष्य में एकीकरण का दौर देखने को मिल सकता है.’’ एक विशेषज्ञ ने कहा कि बढ़ते कर्ज के कारण अमेरिकी फिस्कल हेल्थ को लेकर चिंताओं के बीच पिछले पूरे सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहा।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों का ध्यान अब अमेरिका-भारत ट्रेड टॉक और मजबूत घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक इंडीकेटर्स पर है. हालांकि, बढ़ते अमेरिकी कर्ज को लेकर चिंताओं के बीच बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के कारण एफआईआई की हालिया निकासी से बाजार की सेंटीमेंट पर असर पड़ सकता है.’’
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