ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी क्यों नहीं गिरा भारत का शेयर बाजार? उल्टा खुश हुआ! कहां से मिल रही इतनी मजबूती

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नई दिल्ली. 7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर धावा बोला और तबाह कर दिया. आर्मी ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया. पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद यह कदम देश की सुरक्षा को लेकर बड़ा संदेश है. अब सवाल आता है कि क्या इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ेगा? भारतीय बाजार पिछले कुछ समय से मजबूत बना हुआ था, लेकिन इस सैन्य कार्रवाई के बाद निवेशक सतर्क हो गए हैं. क्या यह तनाव बाजार को नुकसान पहुंचाएगा या बाजार पहले से ही ऐसे हालात के लिए तैयार है?

वैसे 7 मई को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गैपडाउन जरूर खुले थे, लेकिन 3 बजकर 30 मिनट तक क्लोजिंग के वक्त सेंसेक्स 105.71 अंक (0.13 फीसदी) की तेजी के साथ 80746.78 पर बंद हुआ तो निफ्टी50 ने 34.80 अंकों (0.14 फीसदी) की तेजी के साथ 24414.40 पर सेटल किया.

आज क्यों नहीं गिरा बाजार?विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक पहले से ही इस सैन्य कार्रवाई की संभावना को ध्यान में रख चुके थे, इसलिए बाजार में ज्यादा घबराहट नहीं दिखी. हालांकि, निकट भविष्य में मुनाफावसूली हो सकती है, जिससे बाजार में कुछ गिरावट की संभावना बन सकती है.

मार्केट एक्सपर्ट दीपक शेनॉय ने हमारी सहयोगी ऐप मनीकंट्रोल से कहा कि निवेशक अभी और तनाव बढ़ने से चिंतित हैं. साथ ही, कंपनियों के नतीजे भी ज्यादा उत्साहित करने वाले नहीं रहे हैं. इसलिए फिलहाल नए निवेश को टाला जा सकता है. कुछ प्रॉफिट बुकिंग आने की संभावना दिख रही है.

दूसरी ओर, भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति, घरेलू म्यूचुअल फंड्स के पास रखा खूब सारा कैश, और विदेशी निवेशकों की फिर से लौटने जैसी चीजें बाजार के फेवर में हैं और मार्केट को संभाले रखने में मदद कर रही हैं.

कौन-से सेक्टर में बनी रहेगी तेजी?PL कैपिटल के विक्रम कसाट का कहना है कि बाजार थोड़ी देर के लिए कंसोलिडेट कर सकता है, लेकिन इसमें कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी. डिफेंस और FMCG जैसे सेक्टर मजबूत बने रह सकते हैं, जबकि पर्यटन और बैंकिंग पर असर पड़ सकता है.

बाजार को सहारा देने वाले दूसरे कारणों में क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट, डॉलर इंडेक्स में नरमी और वैश्विक ब्याज दरों की धीमी संभावनाएं शामिल हैं. कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि ऐसे अनिश्चित समय में घबराने की बजाय अच्छी कंपनियों के सस्ते शेयरों को खरीदना चाहिए. उनका मानना है कि 24,200 से 24,500 के बीच बाजार रहेगा और 23,800 एक मजबूत सपोर्ट लेवल है.

बाजार को संभालने वाली और अच्छी चीजें क्या हैं?दुनियाभर में आर्थिक मोर्चे पर कई बदलाव हो रहे हैं. चीन ने अपने बैंकिंग रेट्स में कटौती की है. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर थमती नजर आ रही है और दोनों देश बातचीत शुरू कर रहे हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी ब्याज दरों की घोषणा को लेकर भी बाजार इंतजार कर रहा है.

ICICI Direct का मानना है कि भारत और यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से खासकर टेक्सटाइल, शराब और जूते-चप्पल जैसे सेक्टर को फायदा होगा. यह भारत की प्रतिस्पर्धा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा.

Angel One के एनालिस्ट राजेश भोसले का कहना है कि बाजार फिलहाल एक ठहराव के दौर में है. अगर निफ्टी 24,000 से नीचे आता है तो इसमें और गिरावट हो सकती है. मिडकैप शेयरों पर पहले से दबाव है और जब तक निफ्टी 24,600 के पार नहीं जाता, तब तक बड़ी खरीदारी की उम्मीद नहीं है.इतिहास भी बताता है कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय भी बाजार थोड़ी देर के लिए ही गिरे थे, लेकिन फिर संभल गए थे.

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