फीस में अरबों रुपये लेने वाले बैंकर्स ने NTPC ग्रीन के लिए ‘लगभग फ्री’ में कर दिया काम, मगर क्यों?

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नई दिल्ली. सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ (NTPC Green Energy IPO) बुधवार को शेयर बाजार में लिस्ट हो गया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर इसकी लिस्टिंग 3.33 फीसदी प्रीमियम के साथ 111.60 रुपये पर हुई. कारोबार के दौरान इसने 10 फीसदी के अपर सर्किट को छू लिया. 10,000 करोड़ रुपये के एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के आईपीओ को इंस्टीट्यूशनल और रिटेल निवेशकों की मजबूत मांग के चलते 2.55 गुना सब्सक्राइब किया गया था.

आईपीओ को मैनेज करने वाले मर्चेंट बैंकर्स ने अच्छा काम किया, लेकिन बैंकर्स को फीस या रैम्यूनरेशन के मामले में वास्तव में कोई फायदा नहीं हुआ. आईपीओ के दस्तावेज के मुताबिक, कुल मर्चेंट बैंकिंग फीस मात्र 7.1 करोड़ रुपये थी, जो किसी भी प्राइवेट सेक्टर की यूनिट के इश्यू को संभालने के लिए बैंकर्स की फीस का एक अंश है. हुंडई मोटर इंडिया ने अपने 27,855 करोड़ रुपये के आईपीओ को संभालने के लिए अपने मर्चेंट बैंकर्स को 493 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ के मर्चेंट बैंकर्सआईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स, एचडीएफसी बैंक, आईआईएफएल कैपिटल सर्विसेज और नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ को संभालने वाले मर्चेंट बैंकर्स थे.

इस साल बाजार में आने वाले सबसे बड़े आईपीओ में से एकएनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ इस साल बाजार में आने वाले सबसे बड़े आईपीओ में से एक है. इसके आगे केवल हुंडई मोटर इंडिया और स्विगी हैं, जो इश्यू साइज के मामले में इस एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी से आगे हैं. वोडाफोन-आइडिया ने 18,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) लाया था. स्विगी के आईपीओ को मैनेज करने के लिए मर्चेंट बैंकरों ने 275 करोड़ रुपये की भारी-भरकम फीस कमाई.

PSU आईपीओ को मैनेज करना पैसे से ज्यादा प्रतिष्ठा की बातदिलचस्प बात यह है कि मर्चेंट बैंकर हमेशा सरकारी इश्यू के लिए बहुत कम राशि का हवाला देते हैं, क्योंकि आमतौर पर ऐसे ऑफर बड़े होते हैं और मर्चेंट बैंकिंग फर्मों को लीग टेबल में अपनी स्टैंडिंग में फायदा होता है. पीएसयू आईपीओ के साथ काम करने वाले एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने कहा, ”सरकारी कंपनियों के आईपीओ को मैनेज करना पैसे से ज्यादा प्रतिष्ठा की बात है. हम लीग टेबल में टॉप मर्चेंट बैंकिंग फर्मों में शामिल होकर भी लाभान्वित होते हैं, जो हमें और बड़े और ज्यादा मैंडेट हासिल करने में मदद करता है.” इन्वेस्टमेंट बैंकर ने कहा कि यह पहले के सालों की तुलना में बेहतर है जब बैंकर लगभग जीरो फीस पर काम करने के लिए तैयार हो जाते थे.

2009 में एनएचपीसी के 6,039 करोड़ रुपये के आईपीओ में मर्चेंट बैंकर्स ने केवल 5.5 करोड़ रुपये की फीस कमाई थी. ऑयल इंडिया के 2,777 करोड़ रुपये के आईपीओ में मर्चेंट बैंकर्स ने केवल 45 लाख रुपये की फीस कमाई थी. पिछले साल इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी का 2,150 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च हुआ था और मर्चेंट बैंकर्स ने केवल 11.5 करोड़ रुपये की फीस कमाई थी. इस इश्यू में 3 मर्चेंट बैंकर थे- आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स, बीओबी कैपिटल मार्केट्स और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स.
Tags: IPO, Share market, Stock marketFIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 16:57 IST

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