क्या बातों-बातों में नारायण मूर्ति बता गए कौन से आईपीओ से रहना है दूर? बच जाएंगे लाखों

Must Read

नई दिल्ली. इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा है कि उन्हें हाई पीई वाला कारोबार समझ नहीं आता है. वह भारत में लगी आईपीओ की झड़ी को लेकर अपनी बात कह रहे थे जिसमें स्टार्टअप का प्राइस टू अर्निंग रेश्यो (P/E) काफी ऊंचा जा रहा है. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “मुझे उच्च प्राइस टू अर्निंग रेश्यो वाला बिजनेस समझ नहीं आता.”

मूर्ति ने कहा, “मुझे 7-15 पीई रेश्यो में रहने का आदि हूं, शायद कुछ मामलों में यह 20-25 तक पहुंच जाए. लेकिन 100 पीई मेरे लिए बहुत ज्यादा हो जाता है.” उन्होंने आईपीओ का लाभ ले रहे स्टार्टअप्स को लेकर कहा कि समझदारी से खर्च करें, कॉस्ट को काबू में रखें और खर्च से ज्यादा रेवेन्यू ग्रोथ पर ध्यान दें.

क्या होता है पीई रेश्योप्राइस टू अर्निंग (P/E) रेश्यो शेयर मार्केट का एक महत्वपूर्ण वित्तीय मापदंड है, जिसका उपयोग निवेशक किसी कंपनी के शेयर की कीमत और उसकी कमाई (Earnings) के बीच संबंध को समझने के लिए करते हैं. यह रेश्यो दर्शाता है कि निवेशक किसी कंपनी की प्रति शेयर कमाई (EPS) के लिए कितना भुगतान कर रहे हैं. इसे इस फॉर्मूले से निकाला जाता है:

P/E रेश्यो = शेयर की वर्तमान कीमत / प्रति शेयर कमाई (EPS)

उच्च P/E रेश्योअगर किसी कंपनी का P/E रेश्यो ज्यादा है, तो इसका मतलब हो सकता है कि निवेशक कंपनी की भविष्य की कमाई को लेकर आशावादी हैं. इसे यह भी माना जा सकता है कि शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना है. हालांकि, यह भी संकेत हो सकता है कि स्टॉक ओवरवैल्यूड (अधिक मूल्यांकित) है और उसकी कीमत उतनी होनी चाहिए. यह शेयर में गिरावट का खतरा भी दिखाता है.

कम P/E रेश्योयह दर्शाता है कि स्टॉक की कीमत कम है या कंपनी का प्रदर्शन बेहतर है. कम P/E रेश्यो वाली कंपनियों में निवेश अक्सर कम जोखिम वाला माना जाता है. माना जाता है कि इन कंपनियों के शेयर में अभी उछाल की गुंजाइश काफी है.

उदाहरणअगर किसी कंपनी का शेयर ₹200 पर ट्रेड कर रहा है और उसकी प्रति शेयर कमाई (EPS) ₹20 है, तो:P/E रेश्यो = ₹200 / ₹20 = 10

इसका मतलब है कि निवेशक हर ₹1 की कमाई के लिए ₹10 का भुगतान कर रहे हैं. P/E रेश्यो का उपयोग समझदारी से निवेश करने में मदद करता है और इसे अन्य मेट्रिक्स के साथ उपयोग करना बेहतर होता है.

P/E रेश्यो का उपयोगतुलना: इसे एक ही सेक्टर की कंपनियों के बीच तुलना के लिए उपयोग किया जाता है.मूल्यांकन: यह स्टॉक की सही कीमत का आकलन करने में मदद करता है.निवेश निर्णय: निवेशक यह समझ सकते हैं कि कोई शेयर सस्ता है या महंगा.
FIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 17:01 IST

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -