डांवाडोल रहा शेयर बाजार, लेकिन ‘चिल’ करते दिखे म्यूचुअल फंड निवेशक

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Last Updated:May 19, 2025, 15:57 ISTMutual Fund : अस्थिर शेयर बाजार के बावजूद वित्त वर्ष 2025 में म्यूचुअल फंड्स का एयूएम रिकार्ड स्‍तर पर पहुंच गया.यह दीर्घकालिक विकास के लिए निवेशकों की निरंतर प्राथमिकता को दर्शाता है.भारत में म्यूचुअल फंड की पहुंच अभी भी विकसित देशों की तुलना में कम है.हाइलाइट्सम्यूचुअल फंड्स का एयूएम 65.74 लाख करोड़ रुपए पहुंचा.वित्त वर्ष 2025 में SIP योगदान 45.24% बढ़ा.डेट फंड में 1.38 लाख करोड़ रुपए का निवेश दर्ज.नई दिल्ली. साल 2024 के अक्‍टुबर महीने से ही भारतीय शेयर बाजार हिचकोले खाने लगा था. अभी तक भी स्‍टॉक मार्केट में उतार-चढाव जारी है. लेकिन, खास बात यह है कि वित्‍त वर्ष 2025 में लोगों ने म्‍यूचुअल फंड्स में बाजार की अस्थिरता के बावजूद भी जमकर पैसा लगाया. इस अवधि में म्‍यूचुअल फंड्स का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) मार्च 2025 में रिकॉर्ड 65.74 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) की सोमवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में दी गई. यह मार्च 2024 में 53.40 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 23.11 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि को दर्शाता है.

यह वृद्धि अस्थिर शेयर बाजार के बावजूद भी दर्ज की गई, जो दर्शाता है कि निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष के दौरान घरेलू म्यूचुअल फंड में कुल 8.15 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ. इसमें से अधिकांश इक्विटी-ऑरिएंटेड योजनाओं में आया, जिसने 4.17 लाख करोड़ रुपए आकर्षित किए. यह दीर्घकालिक विकास के लिए निवेशकों की निरंतर प्राथमिकता को दर्शाता है. भारत में म्यूचुअल फंड की पहुंच अभी भी विकसित देशों की तुलना में कम है, लेकिन वित्त वर्ष 2025 में उद्योग का प्रदर्शन निवेशकों के बीच बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है.

डेट फंड में भी निवेश बढा

पिछले तीन वर्षों से निकासी का सामना करने के बाद डेट योजनाओं ने भी 1.38 लाख करोड़ रुपए का निवेश दर्ज किया. एएमएफआई ने कहा कि कम ब्याज दरों और भविष्य में दरों में कटौती की उम्मीदों ने डेट फंड में रुचि बढ़ाने में मदद की. इसके अलावा, एयूएम में बढ़त की एक और वजह खुदरा भागीदारी में वृद्धि थी. म्यूचुअल फंड फोलियो की कुल संख्या वित्त वर्ष 2025 में 32 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 23.45 करोड़ हो गई, जो वित्त वर्ष 2024 में 17.78 करोड़ थी.

SIP योगदान में वृद्धि

इस वृद्धि में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) ने बड़ी भूमिका निभाई. वित्त वर्ष 2025 में एसआईपी योगदान 45.24 प्रतिशत बढ़कर 2.89 लाख करोड़ रुपए हो गया. यह निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है. इसने एसआईपी एसेट्स की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 13.35 लाख करोड़ रुपए भी कर दिया है, जो कुल म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एयूएम का लगभग 20 प्रतिशत है.

इस वर्ष के दौरान एसआईपी खातों और योगदानों की संख्या में शानदार वृद्धि हुई. एसआईपी एसेट्स का एक बड़ा हिस्सा पांच साल से अधिक समय तक रखा गया, जो दर्शाता है कि निवेशक तेजी से अनुशासित धन सृजन को अपना रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि युवा निवेशक अधिक एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट अप्रोच को प्राथमिकता देते हैं, जबकि पुराने निवेशक जोखिम प्रबंधन और विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
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