हाइलाइट्सप्रमोटर ने हाल ही में कंपनी के 3 करोड़ शेयर बेचकर लगभग ₹50 करोड़ जुटाए.कंपनी ने अपनी वित्तीय जानकारियां मार्केट रेगुलेटर से छुपाई हैं. सेबी के नोटिस की जानकारी आने के बाद से ही शेयर गिर गया है. नई दिल्ली. मिष्टान फूड्स के शेयरों में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी है. आज यानी 9 दिसंबर को कंपनी के शेयर 20% गिरकर लोअर सर्किट पर पहुंच गए. मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद आई है. पिछले दो दिनों में यह शेयर लगभग 36% गिर चुका है.
SEBI ने मिष्टान फूड्स को लगभग 100 करोड़ रुपये के फंड में गड़बड़ी के आरोप में नोटिस भेजा है. आरोप है कि कंपनी ने इस फंड का या तो दुरुपयोग किया या इसे ग्रुप की अन्य संस्थाओं के माध्यम से डायवर्ट किया. SEBI ने कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) और कई अन्य डायरेक्टर्स को अगले आदेश तक शेयर बाजार से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर रोक लगा दी है. कंपनी ने SEBI के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उनकी कानूनी टीम इस मामले को हल करने और उचित कदम उठाने के लिए प्रयासरत है.
SEBI का आरोपमनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, SEBI के फुल-टाइम मेंबर अश्विनी भाटिया ने बताया कि मिष्टान फूड्स ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट्स में बड़े पैमाने पर गलत जानकारियां दी हैं. सेबी के अनुसार, कंपनी ने ‘फर्जी या गैर-मौजूद संस्थाओं’ के माध्यम से काल्पनिक लेनदेन दिखाए और अपनी बिक्री व खरीदारी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन संस्थाओं को मिष्टान फूड्स के प्रमोटर्स और उनके रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित किया गया.
SEBI ने 5 दिसंबर को जारी अपने अंतरिम आदेश में कहा कि कंपनी ने अपने वित्तीय विवरणों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की. रिपोर्ट के मुताबिक, 90% से अधिक क्रेडिट और डेबिट लेनदेन या तो फर्जी संस्थाओं के बीच या मिष्टान फूड्स के साथ हुए, जिनका कोई असली कारोबार नहीं था.
एमडी के पास 43 फीसदी शेयर सेबी ने यह भी पाया कि कंपनी के प्रमुख हितों और 4.2 लाख से अधिक शेयरधारकों के निवेश को MD हितेश कुमार गौरीशंकर पटेल नियंत्रित करते हैं, जो कंपनी के 43% शेयर के मालिक हैं. SEBI का कहना है कि हितेश ने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से मिष्टान फूड्स के फर्जी खरीदारों और विक्रेताओं को नियंत्रित किया. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि हितेश ने हाल ही में कंपनी के 3 करोड़ शेयर बेचकर लगभग ₹50 करोड़ जुटाए. हालांकि, उनके पास अभी भी 47 करोड़ MFL शेयर हैं, जिससे आने वाले वित्तीय नुकसान का खतरा खुदरा निवेशकों पर मंडरा रहा है. SEBI का मानना है कि ये निवेशक हितेश की योजनाओं से अनजान हैं.
Tags: Share allotment, Stock marketFIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 13:45 IST
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