Last Updated:March 15, 2025, 16:35 ISTएडलवाइस म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों को बाजार की गिरावट से न घबराने की सलाह दी है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार ने हर करेक्शन के बाद नई ऊंचाइयों को छुआ है.पिछले 10 वर्षों में भारतीय बाजार में 10 बार बड़ी गिरावट आई है.हाइलाइट्सएडलवाइस ने गिरावट से न घबराने की सलाह दी.हर करेक्शन के बाद बाजार ने नई ऊंचाइयों को छुआ है.लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए खरीदारी का अच्छा अवसर.नई दिल्ली. एडलवाइस म्यूचुअल फंड्स ने बाजार की मौजूदा गिरावट से न घबराने की सलाह शेयर बाजार निवेशकों को दी है. एडलवाइज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हर करेक्शन के बाद भारतीय बाजार ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और इस बार भी यही ट्रेंड देखने को मिल सकता है. लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए यह गिरावट खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकती है. एडलवाइस ने निवेशकों के लिए कुछ सेक्टरों को प्राथमिकता दी है, जिनमें कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कंज्यूमर सर्विसेज, कैपिटल गुड्स, FMCG और कंस्ट्रक्शन मटेरियल शामिल हैं.
एडलवाइज की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय बाजार में 10 बार बड़ी गिरावट आई है, लेकिन कोई भी करेक्शन 3 महीने से ज्यादा नहीं टिका. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वॉर का भारत पर अधिक असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड डेफिसिट अन्य देशों की तुलना में काफी कम है.
ये आंकड़े देंगे हौसलाभारतीय बाजार में पिछले दस वर्षों में आए बड़े करेक्शन रिकवरी-
मार्च-सितंबर 2015: 188 दिनों तक चली गिरावट, निफ्टी 15% टूटा. 1 साल में 18% की रिकवरी हुई.
फरवरी-मार्च 2020: 40 दिनों तक बाजार में रही मंदी. निफ्टी 38% गिरा, लेकिन अगले 1 साल में 88% की तेजी आई.
जनवरी-मार्च 2022: 49 दिनों तक चला करेक्शन, निफ्टी 13% गिरा, लेकिन अगले 1 साल में 12% चढ़ा.
अप्रैल-जून 2022: 74 दिनों तक चला करेक्शन, निफ्टी 15% टूटा, लेकिन अगले 1 साल में 24% बढ़ा.
सितंबर 2024-मार्च 2025: 168 दिनों में निफ्टी 14% गिरा.
घरेलू संस्थागत निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारीएडलवाइज की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की हिस्सेदारी लगातार बढ रही है और पहली बार इन्होंने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) से ज्यादा हिस्सेदारी बना ली है. FY2010 में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 16.40% थी और DIIs की 11.80%. FY2014 FIIs की हिस्सेदारी 22.10% और DIIs की 11.10% थी. FY2020 में FIIs की हिस्सेदारी 20.80% और DIIs की 15.40% रही. FY2025 (Q3) में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 17.40% तो घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 18.20% रही.
ट्रेड वार का भारत पर कम असरएडलवाइज का कहना है भी अमेरिकी ट्रेड वार का भारत पर कम असर होगा क्योंकि अमेरिका के अन्य देशों की तुलना में भारत का ट्रेड डेफिसिट कम है. चीन के साथ अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट 295 अरब डॉलर, मैक्सिको के साथ 172 अरब डॉलर, वियतनाम के साथ 124 अरब डॉलर और आयरलैंड के साथ 87 अरब डॉलर है. जबकि, भारत के साथ अमेरिकी का ट्रेड डेफिसिट 46 अरब डॉलर है.
(Disclaimer: यहां बताए गए स्टॉक्स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 15, 2025, 16:35 ISThomebusinessगिरकर उठने का रहा है बाजार का इतिहास, करेक्शन के बाद आएगी धांसू तेजी
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News