Last Updated:March 04, 2025, 12:15 ISTLIC investment decline: भारत के सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) ने 2025 के पहले दो महीनों में अपने इक्विटी होल्डिंग्स में 1.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान देखा है. बाजार में मिडकैप…और पढ़ेंLIC के पोर्टफोलियो में तगड़ी गिरावट आई है.हाइलाइट्सLIC को 1.45 लाख करोड़ का नुकसान हुआ.ITC, TCS, और SBI में भारी गिरावट से LIC प्रभावित.LIC के पोर्टफोलियो में 310 से अधिक कंपनियां शामिल.LIC investment decline: पिछले पांच महीनों से विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार बिकवाली कर रहे हैं. इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) खरीदारी कर रहे हैं. भारत का सबसे बड़ा DII लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) है. LIC के पोर्टफोलियो पर भी पिछले पांच महीनों में आई मंदी का असर साफ दिख रहा है. 2025 के शुरुआती 2 महीनों में इसने अपने शेयरों की होल्डिंग्स में भारी गिरावट का सामना किया है. LIC के पोर्टफोलियो की वैल्यू दिसंबर 2024 के 14.9 लाख करोड़ रुपये से गिरकर फरवरी 2025 के अंत तक 13.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. यह गिरावट LIC के इतिहास में सबसे बड़े नुकसानों में से एक है.
LIC के पोर्टफोलियो में यह गिरावट बाजार के बड़े संकट का प्रतिबिंब है. स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों ने COVID क्रैश के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन किया है. हालांकि, बड़े शेयर भी इस मंदी से अछूते नहीं रहे, जिनमें LIC की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है. ITC, TCS, और SBI जैसे दिग्गज शेयरों में भारी गिरावट ने LIC के पोर्टफोलियो को गहरे लाल समंदर में डुबो दिया है.
इकॉनमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का दूसरा सबसे बड़ा इक्विटी निवेश ITC में है. ITC के शेयरों में 18 फीसदी की गिरावट ने LIC के पोर्टफोलियो से लगभग 17,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है. टेक दिग्गज TCS और इंफोसिस, जिनमें LIC की क्रमशः 4.75% और 10.58% हिस्सेदारी है, ने भी भारी चोट की है. इन शेयरों में गिरावट के कारण LIC के पोर्टफोलियो से 10,509 करोड़ रुपये और 7,640 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
फाइनेंस सेक्टर से कितना लॉसबैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में भी LIC को भारी झटका लगा है. SBI में LIC की 9.13 फीसदी हिस्सेदारी के मूल्य में 8,568 करोड़ रुपये की गिरावट आई है, जबकि ICICI बैंक में 7.14 फीसदी हिस्सेदारी के मूल्य में 3,179 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, जिसके शेयरों में 30.5 फीसदी की भारी गिरावट आई है, ने LIC के पोर्टफोलियो से 3,546 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है. L&T, HCL टेक, और M&M जैसे अन्य प्रमुख शेयरों ने भी इस साल दोहरे अंकों में नुकसान दर्ज किया है.
कितनी कंपनियां हैं LIC के पोर्टफोलियो मेंLIC का इक्विटी पोर्टफोलियो 310 से अधिक कंपनियों में फैला हुआ है, जहां यह 1 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखता है. इससे कम वाली कंपनियों की लिस्ट जाहिर नहीं होती. इस मंदी ने LIC के पोर्टफोलियो को खूब लाल किया है, जिसमें वित्तीय कंपनियां, आईटी क्षेत्र की दिग्गज, और इंडस्ट्रियल कंपनियां सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं. इस साल कम से कम 35 शेयरों में LIC को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
LIC के सबसे बड़े होल्डिंग्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज (1,03,727 करोड़ रुपये), ITC (75,780 करोड़ रुपये), इंफोसिस (67,055 करोड़ रुपये), HDFC बैंक (62,814 करोड़ रुपये), TCS (59,857 करोड़ रुपये), SBI (55,597 करोड़ रुपये), और L&T (54,215 करोड़ रुपये) शामिल हैं. हालांकि, LIC के पोर्टफोलियो में कुछ चमकते सितारे भी हैं, जैसे बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व, और SBI कार्ड्स, जिन्होंने बाजार की मंदी को मात देते हुए मुनाफा दिया है.
क्या और गिरावट आ सकती है बाजार में?बाजार की मौजूदा स्थिति और बिकवाली के दबाव को देखते हुए, LIC के पोर्टफोलियो में और गिरावट की आशंका है. LIC ने ऐतिहासिक रूप से बाजार की अस्थिरता को सहन करने की क्षमता दिखाई है, लेकिन निफ्टी और सेंसेक्स पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली और स्मॉलकैप व मिडकैप शेयरों की गिरावट के कारण यह संकट अभी खत्म नहीं हुआ है.
विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी के टॉप से 16 फीसदी गिरने के बाद, इसका TMM PE मल्टीपल पिछले 32 महीनों में पहली बार 20 के स्तर से नीचे आ गया है, जिससे वैल्यूएशन में कमी आई है. हालांकि, FIIs के रुख में बदलाव आने तक बाजार में सुधार की संभावना कम है. पिछले 5 महीनों में, FIIs ने इक्विटी कैश सेगमेंट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय शेयरों को बेचा है.
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि निफ्टी इस साल मुख्य रूप से एक लिमिटेड रेंज में रहेगा, जबकि सिटी रिसर्च ने हाल ही में दिसंबर 2025 तक 26,000 के स्तर पर बाजार के सुधार का अनुमान लगाया है, जो वर्तमान स्तर से 13% की वृद्धि दर्शाता है. मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि भारत मैक्रो स्थिरता और बढ़ती खपत के साथ उभरते बाजारों के मुकाबले फिर से बेहतर प्रदर्शन करेगा.
LIC की इस तूफान को नेविगेट करने की क्षमता और पॉलिसीधारकों के रिटर्न को संतुलित करने की कला पर सभी की नजर टिकी हुई है, क्योंकि इक्विटी बाजार का यह उथल-पुथल भरा दौर 2025 तक जारी रहने की संभावना है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 04, 2025, 11:26 ISThomebusinessबिकवाली की सुनामी में उड़ा सबसे बड़ा सौदागर, हुआ 1.45 लाख करोड़ का लॉस!
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