2008 मार्केट क्रैश की भविष्‍यवाणी करने वाले ने भारत को लेकर कही बड़ी बात

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Last Updated:March 12, 2025, 13:09 ISTShare Market Prediction : साल 2008 के मार्केट क्रैश की भविष्‍यवाणी करने वाले दिग्‍गज निवेशक जिम वॉकर ने एक बार फिर भारतीय बाजार को लेकर बड़ी बात कही है. उन्‍होंने इसे निवेश के लिए चीन से बेहतर जगह बताया है.जिम वॉकर ने भारतीय शेयर बाजार को चीन से बेहतर बताया है. हाइलाइट्सजिम वॉकर ने भारतीय बाजार को चीन से बेहतर बताया.वॉकर ने दीर्घकालिक निवेश की वकालत की.निवेशकों को SIP जारी रखने की सलाह दी.नई दिल्‍ली. इस साल भारतीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इस बीच 2008 में मार्केट क्रैश को लेकर भविष्‍यवाणी करने वाले दिग्‍गज ब्रोकर ने भारतीय बाजार को लेकर बड़ा इशारा किया है. उन्‍होंने कहा कि अभी निवेशक सोच रहे हैं कि मार्केट में करेक्‍शन है और उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है. लेकिन, इस बार गिरावट का मामला जरा दूसरा है और दबाव के बावजूद भारतीय बाजार चीन के मुकाबले निवेश के लिए बेहतर स्‍थान बना हुआ है.

2025 में शुरू हुई गिरावट से अब तक बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों ने करीब 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बाजार पूंजीकरण खो दिया है. निफ्टी 50 ने 1996 में अपनी शुरुआत के बाद से अब तक की सबसे लंबी गिरावट दर्ज की है. इस बीच जेरोधा के निखिल कामत ने उन निवेशकों को कुछ आश्वासन देने वाली बातें कही हैं जो बाजार में चल रही गिरावट को देखकर थोड़े चिंतित हैं. कामत ने इस गिरावट को कोविड महामारी के बाद पहला असली मार्केट करेक्‍शन बताया है.

जरूरी थी यह गिरावट : कामतनिखिल कामत का कहना है कि बाजार चक्रीय होते हैं और जिस तरह से हमारे बाजार 2020 के अंत से ऊपर गए थे, यह गिरावट अनिवार्य थी. निवेशक बाजार की नकारात्मकता से प्रभावित न हों और अपने SIPs में निवेश जारी रखें. मुझे नहीं पता कि डेटा कितना सही है, लेकिन ऐसा लगता है कि SIPs रोकने वाले निवेशकों की संख्या बढ़ गई है, यह गलत है. SIP आपको विभिन्न बाजार चक्रों में अपने निवेश को औसत करने में मदद करता है.

2008 के दिग्‍गज ने क्‍या कहाएक और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एलेथिया कैपिटल के जिम वॉकर, जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की भविष्यवाणी की थी. उन्‍होंने भारतीय बाजारों पर भी इसी तरह की भावना व्यक्त की है. वॉकर ने मौजूदा आर्थिक अनिश्चितताओं पर कहा कि आज के भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की स्थिति कैसी है. वॉकर ने स्पष्ट किया कि वर्तमान बाजार की सुस्ती 2008 के संकट जैसी नहीं है.

मंदी तो है लेकिन…जिम वॉकर ने वैश्विक आर्थिक मंदी को स्वीकार किया लेकिन जोर देकर कहा कि वर्तमान स्थिति एक दशक पहले के वित्तीय संकट से बहुत अलग है. वॉकर ने दीर्घकालिक निवेश रणनीति की वकालत की और अपने ग्राहकों से आग्रह किया कि वे शेयर बाजार के मूल्यांकन को लेकर चिंताओं के बावजूद भारत में अपने निवेश को बढ़ाएं. मैंने अपने ग्राहकों को भारत में अपने निवेश को काफी बढ़ाने की सलाह दी है. वैसे शेयरों के मूल्यांकन पर सवाल उठ सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि आर्थिक विकास जल्द ही इसे सही ठहराएगा और कंपनियों की मजबूत कमाई होगी.

चीन या भारत, कहां लगाएं पैसावॉकर ने निवेशकों के लिए चीन के मुकाबले भारत को बेहतर विकल्प चुना है. यह सुझाव देते हुए कि यह यहां निवेश करने का अच्छा समय हो सकता है, क्योंकि उनकी नजर में यह पिछले तीन दशकों में सबसे अच्छी नीति है. भारत की नीति स्थिरता और निश्चितता पिछले 30 वर्षों में अपने चरम पर है. भारत की सरकार के विनियमन में ढील और व्यापार-अनुकूल सुधारों को भविष्य की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में देखा जा सकता है. वॉकर ने जोर देकर कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना आर्थिक विस्तार और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका से बाजार भी आगे बढ़ेगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 12, 2025, 13:09 ISThomebusiness2008 मार्केट क्रैश की भविष्‍यवाणी करने वाले ने भारत को लेकर कही बड़ी बात

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