2008 से भी बुरा साबित होने वाला है 2025! निकाल लोगे इन कंपनियों में लगा पैसा तो रहोगे फायदे में

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Last Updated:February 10, 2025, 11:46 ISTबहुत बड़ा फंड मैनेज करने वाली कंपनी के CIO ने निवेशकों के लिए बड़ी चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा कि मिड और स्मॉल कैप में निवेश करने वालों को अब यहीं रुक जाना चाहिए. और तो और उन्होंने निवेशकों को मिड और स्मॉल…और पढ़ेंनिवेश की दुनिया में जहां रातोंरात अमीर बनने के सपने देखे-दिखाए जाते हैं, वहीं अनुभवी निवेशकों की सलाह हमेशा सुनने लायक होती है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी (ICICI Pru AMC) के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर एस नरेन (S Naren) ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है. उन्होंने मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है. नरेन ने अनुसार अब ऐसा समय है, जब SIP के जरिए किया गया निवेश भी बहुत फायदे का सौदा नहीं होगा, बशर्ते बह बहुत लंबी अवधि के लिए न हो. उन्होंने बताया कि यदि अब निवेश करना है तो कहां करें, कौन से विकल्प बेहतर रहेंगे.

पिछले हफ्ते चेन्नई में आयोजित एक म्यूचुअल फंड सम्मेलन आईएफए गैलेक्सी 2025 (IFA Galaxy 2025) में एस नरेन ने निवेशकों को इस बारे में चेताया था. उन्होंने कहा कि मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करने वालों को सतर्क हो जाना चाहिए. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “हमारा मानना है कि यह सही समय है कि निवेशक मिड और स्मॉल-कैप से अपना पैसा पूरी तरह निकाल लें.”

रिटेल निवेशकों पर बड़ा जोखिमनरेन ने बताया कि पहले बैंक और बड़े संस्थान ही जोखिम उठाते थे, लेकिन आज यह जोखिम रिटेल निवेशकों पर आ गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि 2025 का साल 2008-2010 के बाद से सबसे जोखिम भरा साल हो सकता है. उन्होंने कहा, “उस समय निवेशकों ने कई कंपनियों, खासकर बैंकों में पैसा गंवाया था. कई रियल एस्टेट कंपनियों ने भी जरूरत से ज्यादा कर्ज लेकर गलतियां की थीं, लेकिन यह जोखिम बैंकों और कॉर्पोरेट्स के जरिए आया था. आज कंपनियां नए प्रोजेक्ट्स या अधिग्रहण के लिए बैंकों से कर्ज लेने की बजाय सीधे निवेशकों से पैसा जुटा रही हैं, जैसे QIP (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) या IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए.”

नरेन ने यह भी बताया कि फंड मैनेजर को जो पैसा मिलता है, उसे मिड और स्मॉल-कैप फंड्स में लगा देते हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों की कीमतें पहले से ही काफी ऊंची होने के बावजूद, नए निवेश इनमें लगते जा रहे हैं, जिससे इनकी वैल्यूएशन और बढ़ रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि बैंक अब बहुत कम जोखिम उठा रहे हैं, जो उनके बैलेंस शीट से साफ पता चलता है. उन्होंने कहा, “आज सारा जोखिम आप जैसे निवेशक उठा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि निवेशकों या वेल्थ मैनेजर्स को इस बात का अहसास हो गया है. मैं चाहता हूं कि हर कोई इस बारे में गंभीरता से सोचे.”

SIP अच्छी है, मगर हमेशा अच्छे रिटर्न नहीं मिलेंगेनरेन ने एसआईपी को लेकर भी एक बड़ी गलतफहमी को दूर किया. उन्होंने कहा कि एसआईपी हमेशा अच्छा रिटर्न नहीं देते. हालांकि एसआईपी एक अच्छी निवेश रणनीति है, लेकिन इसका सफल होना बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है. “एसआईपी अस्थिर और कम वैल्यूएशन वाले एसेट क्लास में सबसे अच्छा काम करते हैं. यह एक महत्वपूर्ण बात है जिसे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री नजरअंदाज कर रही है.”

नरेन ने निवेशकों को चेतावनी दी कि मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में पैसा लगाते समय यह सोचना कि एसआईपी उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से बचा लेगा, गलत है. उन्होंने इन शेयरों की वर्तमान वैल्यूएशन को “बेतुका” बताया. उन्होंने कहा, “चाहे जिस तरह से भी विश्लेषण करें, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों की वैल्यूएशन बहुत ऊंची है. यह 2013-14 के समय से बिल्कुल अलग है, जब ये बहुत सस्ते थे.”

उन्होंने यह दावा डेटा के साथ साबित किया. उन्होंने बताया कि मिड और स्मॉल-कैप शेयरों का मीडियन पी/ई रेशियो (मूल्य-आय अनुपात) अब 43x तक पहुंच गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इन कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में जो वृद्धि हुई है, वह उनके मुनाफे के अनुपात में नहीं है, जिससे वर्तमान वैल्यूएशन अस्थिर हो गई है.

पैसा निकालने की सलाहनरेन ने निवेशकों को सलाह दी कि वे मिड और स्मॉल-कैप शेयरों से पैसा निकाल लें. उन्होंने कहा कि इन सेगमेंट्स में लंबी अवधि के एसआईपी भी अच्छा रिटर्न देने में नाकाम हो सकते हैं. “आज जब आप मिड और स्मॉल-कैप में एसआईपी करते हैं, तो आप बहुत ऊंचे स्तर पर एवरेजिंग कर रहे होते हैं. इससे मध्यम अवधि में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना काफी कम हो जाती है. अगर आप 2025 से 2045 तक 20 साल का एसआईपी करते हैं, तो रिटर्न कम नहीं होगा. लेकिन 2023 के बाद शुरू किए गए एसआईपी में खराब रिटर्न का जोखिम बहुत ज्यादा है, बशर्ते कि वे बहुत लंबी अवधि के लिए न हों.”

इसके बजाय, नरेन ने निवेशकों को हाइब्रिड स्कीमों पर विचार करने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “हाइब्रिड फंड्स इस समय बहुत आकर्षक हैं, यह आपके बाजार के नजरिए पर निर्भर करता है. अगर आप बाजार को लेकर बहुत आशावादी हैं, तो इक्विटी-डेट हाइब्रिड फंड्स अच्छा विकल्प हैं. अगर आप कम आश्वस्त हैं, तो मल्टी-एसेट फंड्स, खासकर जिनमें गोल्ड हो, बेहतर विकल्प हो सकते हैं.”

(Disclaimer: यह न्यूज़ एक बड़ी कंपनी के बड़े अधिकारी के विचारों पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 10, 2025, 11:46 ISThomebusiness2008 से भी बुरा साबित होने वाला है 2025! निकाल लो इन कंपनियों में लगा पैसा

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