ट्रंप टैरिफ की आंधी के सामने चट्टान बन खड़ा हुआ घरेलू शेयर बाजार! आंकड़े दिखा रहे सच

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Last Updated:April 08, 2025, 23:37 ISTअप्रैल के पहले हफ्ते में वैश्विक स्टॉक मार्केट्स गिरे, लेकिन भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा. सेंसेक्स 2.81% गिरा, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 13.31% लुढ़का. ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के संकेतों के बावजूद भारत की …और पढ़ेंहाइलाइट्ससेंसेक्स में 2.81% की गिरावट दर्ज हुई.भारत का प्रदर्शन वैश्विक बाजारों से बेहतर रहा.ट्रंप के टैरिफ संकेतों से वैश्विक बाजारों में गिरावट.नई दिल्ली. अप्रैल के पहले हफ्ते में दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स भारी गिरावट की गिरफ्त में रहे, लेकिन भारत का प्रदर्शन बाकी देशों के मुकाबले कहीं बेहतर रहा. सेंसेक्स में जहां 2.81% की गिरावट दर्ज हुई, वहीं हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 13.31% तक लुढ़क गया. इस बीच अमेरिका का S&P 500 करीब 6.76% टूटा, जबकि जापान, कोरिया, फ्रांस और जर्मनी के बाजारों में भी 7% से 9% तक की गिरावट आई. भारत ने एक बार फिर दिखा दिया कि ग्लोबल संकटों के बीच उसकी इकॉनमी में स्थिरता और निवेशकों का भरोसा मजबूत है.

इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से फिर से टैरिफ (आयात शुल्क) बढ़ाने के संकेत हैं. ट्रंप ने कहा है कि अगर वे सत्ता में लौटते हैं तो चीन समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे ताकि ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को मजबूत किया जा सके.

क्या है ट्रंप टैरिफ नीति?ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का मकसद अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और विदेशी उत्पादों को महंगा करके घरेलू कंपनियों को राहत देना है. लेकिन इसका उल्टा असर ग्लोबल मार्केट्स पर पड़ा है.

भारत पर ट्रंप प्रशासन के समय 26% तक टैरिफ लगाया गया था.

पाकिस्तान पर यह बढ़ाकर 29% कर दिया गया था.

चीन से आने वाले कुछ आयातों पर यह 34% तक पहुंच गया था.

इन टैरिफ का असर यह हुआ कि ग्लोबल ट्रेड की लागत बढ़ी और अमेरिकी आयातक कंपनियों को भी नुकसान होने लगा. बदले में दूसरे देशों ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिए. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई और निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ.

भारत ने कैसे दिखाई मजबूती?जहां वैश्विक निवेशक बड़ी मात्रा में यूरोप और एशिया के उभरते बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं, वहीं भारत में भरोसा अभी भी कायम है. इसके पीछे मजबूत घरेलू खपत, एफडीआई फ्लो, सरकार की रिफॉर्म पॉलिसी और स्थिर पॉलिटिकल माहौल बड़ा कारण हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में भी अगर ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बनती है, तो भारत अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर स्थिति में रहेगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 08, 2025, 23:37 ISThomebusinessट्रंप टैरिफ की आंधी के सामने चट्टान बन खड़ा हुआ घरेलू शेयर बाजार!

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