91 फीसदी निवेशकों को हुआ नुकसान, एक्‍सपर्ट ने बताया-पैसा डुबाने से कैसे बचें

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Last Updated:January 13, 2025, 13:56 ISTHow to Invest Your Money : अगर आप छोटे और खुदरा निवेशक हैं तो अच्‍छा होगा कि शेयर बाजार के इन्‍ट्रा डे ट्रेडिंग से दूर ही रहें. इसके बजाय लंबी अवधि के विकल्‍पों में पैसे लगाना ज्‍यादा सही रहेगा.नई दिल्‍ली. शेयर बाजार से रातोंरात मुनाफा कमाने की चाहत में लाखों निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं. खासकर खुदरा और व्‍यक्तिगत निवेशकों को इससे बहुत नुकसान हो रहा. संख्‍या के लिहाज से देखा जाए तो व्यक्तिगत या खुदरा निवेशकों की संख्‍या काफी ज्‍यादा है, लेकिन सितंबर 2024 तक उन्होंने एनएसई की सूचीबद्ध बाजार पूंजीकरण का केवल 9.6 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखा है. सरकार के पास शेयर बाजार का 10.5 प्रतिशत हिस्‍सा तो विदेशी प्रमोटरों के पास 8.3 प्रतिशत हिस्‍सा है. भारतीय प्रमोटरों के पास सितंबर 2024 तक 32.8 प्रतिशत बाजार पूंजीकरण का स्वामित्व रहा है.

बात जब ट्रेडिंग और नुकसान की हो तो खुदरा निवेशकों के पास पूंजी भले ही कम हो, लेकिन नुकसान सबसे ज्‍यादा उन्‍हीं का हुआ है. ट्रेडिंग वॉल्यूम की बात आती है, तो इसमें सबसे बड़ा हिस्सा व्यक्तिगत निवेशकों का होता है. व्यक्तिगत श्रेणी में घरेलू निवेशक, एनआरआई, एकल स्वामित्व वाली फर्में और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) शामिल होते हैं. NSE के कैश सेगमेंट (जो डेरिवेटिव्स से अलग हैं) में, 2023-24 में व्यक्तियों का ट्रेडेड वॉल्यूम में 35.5 प्रतिशत हिस्सा था. 2024-25 में, नवंबर तक, व्यक्तिगत भागीदारी थोड़ी कम होकर 34.9 प्रतिशत पर आ गई, लेकिन फिर भी यह सबसे बड़ा हिस्सा है. इसका कारण यह है कि अन्य श्रेणियों के शेयरधारकों द्वारा ट्रेड का वॉल्यूम अपेक्षाकृत कम है.

दूसरे नंबर पर कौनव्यक्तिगत निवेशकों के बाद, प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स (एनएसई सदस्य यानी ब्रोकर, जो अपने खाते पर ट्रेड करते हैं) कैश मार्केट में सबसे अधिक ट्रेडिंग वॉल्यूम उत्पन्न करते हैं. उन्हें अपने ऑर्डर को क्लाइंट/प्रोप्राइटरी ट्रेड के रूप में निर्दिष्ट करना होता है. 2023-24 में, प्रोप्राइटरी ट्रेड्स का ट्रेडेड वॉल्यूम में 28.2 प्रतिशत हिस्सा था. 2024-25 में नवंबर तक यह थोड़ा बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया. इसके अलावा नवंबर 2024 तक, विदेशी निवेशकों का ट्रेडेड वॉल्यूम में 14.8 प्रतिशत हिस्सा था, डीआईआई का 11.7 प्रतिशत, कॉरपोरेट्स का 4.9 प्रतिशत और अन्य का 4.7 प्रतिशत हिस्सा था.

लंबी अवधि में किसकी हिस्‍सेदारी ज्‍यादा2002-03 और 2024-25 (नवंबर तक) की तुलना करने पर हम पाते हैं कि व्यक्तियों की हिस्सेदारी लगभग समान रही है. 2002-03 में यह 36.6 प्रतिशत थी और वर्तमान में यह 34.9 प्रतिशत है. इसी अवधि में, स्वामित्व व्यापार का वॉल्यूम 42.5 प्रतिशत से घटकर 29 प्रतिशत हो गया है, जबकि DIIs की मामूली हिस्सेदारी बढ़कर 11.7 प्रतिशत हो गई है. FPIs की हिस्सेदारी में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो 2002 से नवंबर 2025 के बीच 5.9 प्रतिशत से बढ़कर 14.8 प्रतिशत हो गई है.

क्‍यों दूर रहना चाहिए छोटे निवेशकों कोव्यक्तिगत निवेशकों की तुलना में कैश और डेरिवेटिव्स सेगमेंट में प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स का डे ट्रेडिंग एक अलग ही खेल है. ये पेशेवर होते हैं जो अपना पूरा दिन शेयर बाजार में बिताते हैं. विदेशी निवेशक और प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स आमतौर पर अपने डेरिवेटिव ट्रेड्स को एल्गोरिदम के माध्यम से करते हैं, जिससे उन्हें उन व्यक्तियों पर बढ़त मिलती है जो अभी सीख रहे हैं. यदि आप एक व्यक्तिगत निवेशक हैं और पेशेवर नहीं हैं, तो आपको दीर्घकालिक निवेश करना चाहिए और डे-ट्रेडिंग व डेरिवेटिव्स से बचना चाहिए. SEBI ने कैश सेगमेंट में व्यक्तिगत प्रतिभागियों पर अध्ययन किया है, जिसमें महामारी से पहले और बाद के रुझानों का विश्लेषण किया गया है.

आखें खोल देंगे सेबी के खुलासे

71 प्रतिशत व्यक्तिगत इन्‍ट्रा डे ट्रेडर्स को नुकसान हुआ. साल में 500 से अधिक ट्रेड करने वालों के लिए यह अनुपात बढ़कर 80 प्रतिशत हो गया.

नुकसान उठाने वालों द्वारा किए गए ट्रेड की औसत संख्या, मुनाफा कमाने वालों से अधिक थी.

90 प्रतिशत डेरिवेटिव्स व्यापारियों को नुकसान हुआ है.

महज 1 प्रतिशत व्यक्ति ही डेरिवेटिव्स में 1 लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमा सके हैं.

Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 13, 2025, 13:56 ISThomebusiness91 फीसदी निवेशकों को हुआ नुकसान, एक्‍सपर्ट ने बताया-पैसा डुबाने से कैसे बचें

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