चीन-अमेरिका के झगड़े में भारत की इस कंपनी को मोटा फायदा, 2 दिन में 30% बढ़ा शेयर, 4 साल के हाई पर

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नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के बीच दुश्मनी और गहरी होती जा रही है. अभी तक अमेरिका ने चीन के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी बढ़ाकर उसे झटका दिया था. इसके बदले में, चीन ने भी कठोर कदम उठाते हुए अमेरिका को ग्रेफाइट की सप्लाई पर बैन लगाने की घोषणा की है. चीन की इस घोषणा का फायदा भारत में लिस्टेड एक कंपनी एचईजी (HEG) के शेयर को हुआ है. यह शेयर दो दिनों में ही 30 फीसदी तक उछल गया है. फिलहाल यह 4 वर्षों के अपने हाई पर पहुंच गया है. हालांकि अपने ऑल टाइम हाई से अभी यह बहुत दूर है. बुधवार को 12:42 बजे तक एचईजी का शेयर 12.02 फीसदी बढ़कर 560.70 रुपये पर ट्रेड हो रहा था.

बता दें कि ग्रेफाइट एक ऐसा मटीरियल है, जिसका कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल होता है. मुख्य तौर पर इसका उपयोग बैटरियों और इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस में इलेक्ट्रोड, स्टील और ग्लास मैन्युफैक्चरिंग जैसे कि हाई-टंपरेचर इंडस्ट्रीज़ में रेफ्रैक्टरी, लिथियम-आयन बैटरियों में एनोड कंटेंट, और न्यूक्लियर रिएक्टरों में परमाणु प्रतिक्रियाओं को स्थिर करने के लिए होता है.

हाल ही में चीन ने अमेरिका को ग्रेफाइट निर्यात करने पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जो दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव को बढ़ाने वाला कदम है. इंडस्ट्री पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि सप्लाई चेन में बाधा. परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में उत्पादन लागत तो बढ़ेगी ही, डिलीवरी में भी देरी होगी. अमेरिकी कंपनियां वैकल्पिक स्रोत खोजने या घरेलू उत्पादन में निवेश करने पर मजबूर हो सकती हैं. इसके अलावा कंपनियां ग्रेफाइट की उपलब्धता कम होने का लाभ उठाते हुए इलेक्ट्रोरॉड्स की कीमतें बढ़ाने की तरफ जाएंगी.

एचईजी (HEG) कंपनी भी ग्रेफाइट इलेक्ट्रोरॉड्स (Graphite electrodes) बनाती है, और 80 फीसदी तक रेवेन्यू इसी काम से हासिल करती है. चीन द्वारा अमेरिका को होने वाले निर्यात को रोकने का फायदा ग्रेफाइट में डील करने वाली कंपनियों पर होगा, जिसमें HEG भी शामिल है.

HEG शेयर की हिस्ट्री2018 में इस शेयर ने 991 रुपये का हाई बनाया था. उसके बाद इसका शेयर गिरना शुरू हुआ और मार्च 2020 में 81.90 रुपये का निम्नतर स्तर छुआ. इसके बाद एक ही साल में यह बढ़कर 525 रुपये तक आ गया. लेकिन 2023 में फिर गिरा और 178 रुपये का लो लगाया. फिलहाल कंपनी ने 2021 का 525.80 रुपये का हाई ब्रेक किया है. पिछले 2 दिनों में इसकी डेली वॉल्यूम कैंडल भी 20 दिनों की एवरेज के मुकाबले कई गुना ऊंची है.

बहुत ऊंची है एचईजी की हैसियतHEG के पास लंबे समय से दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल साइट ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड प्लांट है, जिसकी जिसकी क्षमता 80,000 टन प्रति वर्ष है. कंपनी ने हाल ही में 100,000 टन तक विस्तार किया है, और पश्चिमी दुनिया में ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है. यह 20 से अधिक वर्षों से लगातार दुनियाभर के लगभग 35 देशों को अपने उत्पादन का लगभग 65-70 प्रतिशत निर्यात कर रहा है.

स्टील इंडस्ट्री के डी-कार्बोनाइजेशन के लिए एचईजी के इनिशिएटिव से ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड की मांग में वृद्धि होने की संभावना है, जो इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (EAF) स्टीलमेकिंग को अपनाने से प्रेरित है. इसके परिणामस्वरूप 2030 तक लगभग 200,000 टन की अतिरिक्त मांग होगी (चीन को छोड़कर). हालांकि, डी-कार्बोनाइजेशन की रिवर्स न हो सकने वाली प्रक्रिया को देखते हुए मिड-टू-लॉन्ग टर्म में ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स (GE) की मांग में वृद्धि हो सकती है.
Tags: Share market, Stock marketFIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 13:23 IST

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