Last Updated:March 09, 2025, 16:21 ISTमार्च के पहले सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से 24,753 करोड़ रुपये निकाले हैं. कमजोर आय और वैश्विक व्यापार तनाव के कारण एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं.एफपीआई भारतीय शेयरों को लेकर सावधानी बरत रहे हैं.हाइलाइट्सएफपीआई ने मार्च के पहले सप्ताह में 24,753 करोड़ रुपये निकाले.कमजोर आय और व्यापार तनाव से एफपीआई बिकवाल बने.2025 में अबतक एफपीआई ने 1.37 लाख करोड़ रुपये निकाले.नई दिल्ली. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 24,753 करोड़ रुपये (2.8 अरब डॉलर) निकाले हैं. कंपनियों की कमजोर आय और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ने के बीच एफपीआई लगातार शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं. इससे पहले फरवरी में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अबतक एफपीआई कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं.
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने सात मार्च तक 24,753 करोड़ रुपये के शेयर बेचे है. यह उनकी शुद्ध निकासी का लगातार 13वां सप्ताह है. 13 दिसंबर, 2024 से एफपीआई 17.1 अरब अमेरिकी डॉलर के शेयर बेच चुके हैं. विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिक्री मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन के कारण है.
टैरिफ से डरे निवेशकमॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका द्वारा मेक्सिको, कनाडा और चीन जैसे देशों पर ऊंचा शुल्क लगाए जाने तथा भारत सहित कई देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा से बाजार धारणा प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के कमजोर नतीजों ने नकारात्मक धारणा को और बढ़ा दिया है. इससे एफपीआई भारतीय शेयरों को लेकर सावधानी बरत रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह अनिश्चितता कमजोर रुपये से और बढ़ गई है, जिससे भारतीय परिसंपत्तियों का आकर्षण कम हो गया है.
डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल ने कहा कि रुपये में गिरावट ने एफपीआई के लिए रिटर्न को कम कर दिया है. वहीं भारत की कर संरचना भी एक कारण है, जिसमें दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर और अल्पकालिक लाभ पर 20 प्रतिशत कर है, जो वैकल्पिक बाजारों के विपरीत है, जो कम या शून्य कर वातावरण प्रदान करते हैं.
चीन का बढ रहा आकर्षणजियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने चीन के शेयरों के प्रति बढ़ते आकर्षण का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आकर्षक मूल्यांकन और चीन सरकार की बड़ी कंपनियों के लिए हालिया सकारात्मक पहल से एफपीआई वहां का रुख कर रहे हैं. इसने चीनी शेयरों में उल्लेखनीय तेजी में योगदान दिया है.
हैंग सेंग सूचकांक ने सालाना आधार पर भारत के निफ्टी के नकारात्मक पांच प्रतिशत रिटर्न की तुलना में 23.48 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. हालांकि, उन्होंने चेताते हुए कहा कि यह एक अल्पकालिक चक्रीय कारोबार हो सकता है, क्योंकि चीन के कॉरपोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन 2008 से लगातार उम्मीद से कम रहा है.
427 करोड़ रहा था 2024 में निवेशएफपीआई का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रहा था. इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे, जबकि 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 09, 2025, 16:21 ISThomebusinessशेयर बाजार में पैर नहीं थाम रहे विदेशी निवेशक, इस महीने भी जमकर बेचे शेयर
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