हर दिन 4 हजार करोड़ की निकासी, FPI में लगी शेयर बेचने की होड़

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हाइलाइट्सपिछले कारोबारी सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्स 237.8 अंक गिर गया. निफ्टी 50 इंडेक्स 156.15 अंक या 0.64% डाउन हो गया. एफपीआई की बिकवाली की वजह से बाजार में गिरावट आई. नई दिल्‍ली. भारतीय शेयर बाजार से विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की निकासी पिछले कारोबारी सप्‍ताह में भी जारी रही. एफपीआई ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में लगभग 20,000 करोड़ रुपये मूल्‍य के भारतीय शेयर बेचे हैं. यानी हर दिन 4 हजार करोड़ रुपये की निकासी की गई. भारतीय शेयर बाजार का वैल्‍यूएशन महंगा होने और चीन के बाजार के बाजार के वहां की सरकार के उठाए कुछ कदमों से आकर्षक होने की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से मुंह मोड़ रहे हैं. एफपीआई 2024 में अब तक इक्विटी बाजार में शुद्ध विक्रेता बन गए हैं, और उन्होंने कुल 13,401 करोड़ रुपये की निकासी की है. आने वाले समय में एफपीआई की बिकवाली जारी रहने का अनुमान है.

एफपीआई की बिकवाली का असर यह हुआ की पिछले कारोबारी सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्स 237.8 अंक या 0.29% गिरकर 79,486.32 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 156.15 अंक या 0.64% गिरकर 24,148.20 पर बंद हुआ. बीएसई लार्ज-कैप इंडेक्स, मिड-कैप इंडेक्स और स्मॉल-कैप इंडेक्स क्रमशः 0.7%, 0.4%, और 1.3% फिसल गए. अगर तीसरी तिमाही के नतीजे और प्रमुख संकेतक आय में सुधार का संकेत देते हैं, तो यह परिदृश्य बदल सकता है और एफपीआई बिकवाली कम कर सकते हैं.

बाजार को प्रभावित करेंगे ये कारण मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा कि अमेरिका में नव निर्वाचित राष्ट्रपति जनवरी 2025 में पदभार ग्रहण करेंगे. इसलिए भारतीय बाजार निकट अवधि में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों, कॉरपोरेट आय और खुदरा निवेशकों के रुख से प्रभावित होगा.

अक्‍टूबर में भी की थी जोरदार निकासी आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस महीने अब तक 19,994 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है. इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. यह एफपीआई की अब तक की सबसे अधिक बिकवाली थी. सितंबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

चीन मोह रहा एफपीआई निवेशकों को एफपीआई के भारतीय इक्विटी से बाहर निकलने का एक प्रमुख कारण चीन के प्रति उनका नया आकर्षण है. उनका मानना है कि इस समय चीन का मूल्यांकन आकर्षक है. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के संयुक्त निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि चीन ने हाल ही में अपनी धीमी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कई उपाय किए हैं. उसी वजह से चीन के बाजार में विदेशी निवेश बढ़ रहा है.
Tags: Business news, Share market, Stock marketFIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 14:21 IST

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