देखो! वो लौट आए.. गिराने वालों ने ही भारतीय शेयर बाजार को संभाला, अब जमकर डाल रहे पैसा

Must Read

भारतीय शेयर बाजार में सितंबर 2024 से शुरू हुई फॉरेन इन्वेस्टर्स की सेलिंग पर अब पूर्ण विराम लगता नजर आ रहा है. उल्टा अब तो विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में पैसा डालना शुरू कर दिया है. इसी हफ्ते की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने 1.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर भारतीय इक्विटीज में डाले हैं. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से जो तस्वीर उभरकर सामने आती है, वह तो ऐसा ही बताती है. भारतीय शेयर बाजार में आया निवेश किसी भी एशियन मार्केट से ज्यादा है.

20 मार्च से अब तक विदेशी निवेशकों ने जमकर खरीदारी की है. वे अब नेट बायर के रूप में सामने आ रहे हैं. इन्हीं 7 दिनों में अब तक 2.37 बिलियन डॉलर की खरीदारी की जा चुकी है. बात करें सितंबर से लेकर अब तक की, तो विदेशी निवेशकों ने 28.118 बिलियन डॉलर का माल बेचा था.

इसके उलट, ताइवान के शेयर बाजार से सबसे ज्यादा 298 मिलियन डॉलर की निकासी हुई है, उसके बाद मलेशिया से 161 मिलियन डॉलर, और थाईलैंड से 89 मिलियन डॉलर निकाले गए हैं. यह आंकड़ा साफ साफ कहता है कि भारतीय बाजार एक बार फिर से विदेशी निवेशकों की पहली पसंद के तौर पर उभरा है.

एशियाई बाजारों जैसे वियतनाम और फिलीपींस में भी क्रमशः 32 मिलियन डॉलर और 64 मिलियन डॉलर की निकासी देखी गई. भारत के अलावा, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया में भी निवेश आया, जहां क्रमशः 158.3 मिलियन डॉलर और 118 मिलियन डॉलर की पूंजी आई.

भारत में क्यों आया सबसे अधिक पैसाहाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किए गए लिक्विडिटी बढ़ाने के कदमों और अप्रैल में होने वाली MPC समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है, जिसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की रुचि फिर से बढ़ी है.

भारतीय शेयर बाजार में हाल की गिरावट के बाद इक्विटी वैल्यूएशन (शेयरों की कीमतें) भी अपने हाल के हाई लेवल से नीचे आ गई हैं. इसके साथ ही अमेरिका और चीन के बाजारों में भी गिरावट आई है, जिसके कारण भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है.

बैंकिंग सिस्टम में डाला खूब पैसालगातार लिक्विडिटी की कमी को दूर करने के लिए RBI ने कई तरीकों से बैंकिंग सिस्टम में पैसे डाले हैं, जैसे कि रोजाना, स्टैंडर्ड, और लंबी अवधि के वेरिएबल रेट रेपो (VRR) नीलामी, USD/INR खरीद-बिक्री स्वैप नीलामी, और सरकारी सिक्योरिटीज के साथ ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO).

भारत के मुख्य शेयर सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी, मार्च महीने में लगभग 5.5 प्रतिशत तक उछले हैं. व्यापक बाजारों ने इससे भी बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें BSE मिडकैप और BSE स्मॉलकैप सूचकांक क्रमशः 9.8 प्रतिशत और 11.1 प्रतिशत की उछाल के साथ बढ़े हैं.

हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बने रहने और कुछ सेक्टरों में कमजोरी के संकेत दिखने के कारण निवेशकों को निकट भविष्य में सावधानी बरतने की जरूरत हो सकती है. कुछ विश्लेषकों ने यह भी चेतावनी दी है कि बाजार में तेजी के बावजूद इसे लंबे समय तक बनाए रखने के लिए मजबूत बुनियादी कारणों की कमी है – खासकर जब भू-राजनीतिक और व्यापारिक जोखिमों की बात आती है, जैसे कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा संभावित जवाबी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की बात, जो निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा रही है.

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -