बाजार में आया मंदी का भूचाल तो यहां धड़ाधड़ पैसे लगाने लगे लोग

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Last Updated:March 21, 2025, 08:16 ISTशेयर बाजार में अस्थिरता के बावजूद फरवरी में फोकस्ड फंड्स में 64.45% की बढ़ोतरी हुई, जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 26.17% की गिरावट आई. फोकस्ड फंड्स में शुद्ध निवेश ₹1,287.72 करोड़ रहा.फोकस्ड फंड्स का लार्जकैप स्टॉक्स में अधिक आवंटन होता है.हाइलाइट्सफरवरी में फोकस्ड फंड्स में 64.45% की बढ़ोतरी हुई.इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 26.17% की गिरावट आई.फोकस्ड फंड्स में शुद्ध निवेश ₹1,287.72 करोड़ रहा.नई दिल्‍ली. शेयर बाजार में अस्थिरता का असर म्यूचुअल फंड में निवेश पर भी पड़ा है. फरवरी में इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं के इनफ्लो में 26.17% की गिरावट देखी गई और कुल प्रवाह ₹29,303 करोड़ तक सिमट गया. लेकिन, खास बात यह है कि फोकस्ड फंड्स के इनफ्लो में फरवरी में 64.45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फोकस्ड फंड्स में शुद्ध निवेश ₹1,287.72 करोड़ रहा, जो जनवरी में ₹783.07 करोड़ था. यानी लोगों ने इस फंड कैटेगरी में ज्‍यादा पैसा लगाया और बाजार उतार-चढाव के दौर में फोकस्‍ड फंडों पर विश्‍वास जताया है.

फोकस्ड फंड्स ऐसे इक्विटी म्यूचुअल फंड होते हैं जो 20 से 30 चुनिंदा शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि फ्लेक्सीकैप, लार्जकैप और मिडकैप फंड्स में 50-70 तक शेयर शामिल होते हैं. . निवेश की यह रणनीति उच्च-आत्मविश्वास वाले चयन (high-conviction picks) पर ध्यान केंद्रित करती है और फोकस्‍ड इनवेस्‍टमेंट के माध्यम से उच्चतम रिटर्न प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है. फरवरी में भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी करीब 6% तक गिरे, जिससे स्मॉलकैप, मिडकैप और लार्जकैप फंड्स में निवेश 35% तक घट गया. इसके बावजूद फोकस्ड फंड्स में निवेश बढ़ा है. बीते तीन महीनों में लार्जकैप फंड्स में 11% की वृद्धि हुई, जबकि फोकस्ड फंड्स में यह बढ़ोतरी 67% रही. हालांकि, बाजार में अस्थिरता के कारण मिडकैप फंड्स में निवेश 43% घटा और स्मॉलकैप फंड्स में 10% की कमी आई.

क्‍यों बढा निवेशमनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स ने मजबूत रिटर्न दिए. जिससे निवेशकों ने इन्हें प्राथमिकता दी. आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने बताया कि निवेशक आमतौर पर हालिया प्रदर्शन के आधार पर फैसले लेते हैं.  इसलिए जब मिडकैप और स्‍मॉलकैप फंड्स बढिया रिटर्न दे रहे थे तो निवेशकों ने फोकस्ड फंड्स से पैसा निकालकर मिड और स्मॉलकैप फंड्स में लगाया. अब जब स्‍मॉलकैप और मिडकैप पिटे तो फोकस्‍ड फंड्स का रुख इनवेस्‍टर्स ने किया.

अजीज का कहना है कि फोकस्ड फंड्स का लार्जकैप स्टॉक्स में अधिक आवंटन होता है और अस्थिरता के समय निवेशक अधिक स्थिरता चाहते हैं, जिसके कारण वे लार्जकैप स्टॉक्स को प्राथमिकता देते हैं.” इसके अलावा, हाल ही में फोकस्ड फंड्स का प्रदर्शन अन्य विविध श्रेणियों की तुलना में बेहतर रहा है, जिससे निवेशकों का ध्यान इस ओर गया है.

बदलाव की बड़ी वजहएडेलवाइस म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) तृदीप भट्टाचार्य का कहना है कि जब अर्थव्यवस्था में तेजी होती है तो पूरे बाजार में व्यापक स्तर पर स्टॉक्स बेहतर प्रदर्शन करते हैं. लेकिन जब अर्थव्यवस्था धीमी होती है तो कुछ चुनिंदा शेयरों में ही तेजी आती है. ऐसे समय में व्यापक निवेश रणनीति के बजाय कुछ हाई-कॉन्फिडेंस स्टॉक्स में निवेश करना अधिक फायदेमंद साबित होता है.

क्‍या होगा आगेविशेषज्ञों का मानना है कि बाजार सुधार के दौरान निवेशक पूरी तरह फोकस्ड फंड्स की ओर शिफ्ट नहीं होंगे, बल्कि ऐसी श्रेणियों को प्राथमिकता देंगे जहां फंड मैनेजर्स के पास सक्रिय निवेश का अधिक अवसर हो. फिरोज अजीज के मुताबिक, “मौजूदा बाजार अस्थिरता में निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, जैसे कि लार्जकैप फंड्स, फ्लेक्सीकैप फंड्स और डिविडेंड यील्ड फंड्स. फोकस्ड फंड्स में निवेश बढ़ सकता है, लेकिन निवेशक पूरी तरह से इस श्रेणी में जाने के बजाय अपनी रणनीति को संतुलित रखेंगे.”
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 21, 2025, 08:16 ISThomebusinessबाजार में आया मंदी का भूचाल तो यहां धड़ाधड़ पैसे लगाने लगे लोग

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