Last Updated:June 10, 2025, 15:01 ISTMutual Fund : मई 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश 21.66% घटकर 19,013.12 करोड़ रुपये रह गया. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और मुनाफावसूली के कारण निवेश घटा है.लार्जकैप फंड्स में निवेश 53.19% घटकर 1,250.47 करोड़ रुपये रह गया.हाइलाइट्सइक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 21.66% घटा.म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM 72.20 लाख करोड़ रुपये पहुंचा.वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और मुनाफावसूली से निवेश घटा.नई दिल्ली. पिछले महीने यानी मई 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश (Net Inflows) 21.66% घटकर 19,013.12 करोड़ रुपये रह गया. यह बीते एक साल का सबसे निचला स्तर है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा 10 जून को जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी मार्केट में मार्क-टू-मार्केट (MTM) गेन की बदौलत म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पहली बार बढ़कर 72.20 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. अप्रैल में यह 69.99 लाख करोड़ रुपये था. मई में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 29,108.33 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखने को मिला. मई में अप्रैल की तुलना में बाजार में कम तेजी, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, घरेलू शेयर बाजार में पिछले महीनों में तेज रैली के बाद मुनाफावसूली की वजह से म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश घटा है.
ओपन-एंडेड इक्विटी फंड्स में शुद्ध निवेश लगातार 51वें महीने पॉजिटिव रहा है. यह ट्रेंड मार्च 2021 से जारी है. खास बात यह है इक्विटी मयूचुअल फंड्स में शुद्ध प्रवाह में यह गिरावट तब आई है जब शेयर बाजार में रिकवरी जारी थी. मई में बीएसई सेंसेक्स में 1.51% और एनएसई निफ्टी50 में 1.71% की बढ़त दर्ज की थी. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये म्यूचुअल फंड्स में मासिक निवेश में 0.21% की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 26,688 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो की एक रिकार्ड है.
क्यों कम हुआ निवेश?
मॉर्निंग स्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि इक्विटी इनफ्लो में गिरावट मई में अप्रैल की तुलना में बाजार में कम तेजी, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, घरेलू शेयर बाजार में पिछले महीनों में तेज रैली के बाद मुनाफावसूली का दौर और ऊंची वैल्यूएशन जेसे कारणों से आई है. वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक महंगाई को लेकर चिंताओं की वजह से भी निवेशकों ने सतर्क रुख बनाया.
कुछ ऐसा रहा इक्विटी फंड्स का हाल
लार्जकैप फंड्स में निवेश 53.19% घटकर 1,250.47 करोड़ रुपये रह गया.
स्मॉलकैप फंड्स में नेट इनफ्लो 19.64% घटकर 3,214.21 करोड़ रुपये रहा.
मिडकैप फंड्स में निवेश 15.25% घटकर 2,808.68 करोड़ रुपये पर आ गया.
मल्टीकैप और फ्लेक्सीकैप फंड्स में अलग-अलग ट्रेंड
मल्टीकैप फंड्स, जिन्हें लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में कम से कम 25%-25% निवेश करना होता है, में 17.54% की बढ़ोतरी के साथ 2,999.29 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. दूसरी ओर, फ्लेक्सीकैप फंड्स निवेश में 30.68% की गिरावट रही और कुल इन्वेस्टमेंट 3,841.32 करोड़ रुपये रहा. हाइब्रिड फंड्स (जो डेट, इक्विटी और कमोडिटी में निवेश करते हैं) में नेट इनफ्लो 45.74% बढ़कर 20,765.05 करोड़ रुपये पहुंच गया. आर्बिट्राज फंड्स में 33.18% बढ़कर 15,701.97 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज हुआ. मल्टी एसेट अलोकेशन फंड्स में 39% उछाल के साथ 2,926.80 करोड़ रुपये का निवेश हुआ.
ओमनीसांइस कैपिटल के सीईओ और चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट विकास गुप्ता ने का कहना है कि स्मॉलकैप फंड्स में कम निवेश की वजह ऊंची वैल्यूएशन है. फ्लेक्सीकैप फंड्स मैनेजर्स को जहां मौका दिखे वहां निवेश की आजादी देते हैं. सेक्टर फंड्स में अभी भी निवेश आकर्षित हो रहा है, लेकिन निवेशकों को वैल्यूएशन को ध्यान में रखकर सतर्क रहना चाहिए. यदि निवेशक फंड के PE रेशियो पर ध्यान देंगे तो पूंजी आवंटन बेहतर होगा और सेक्टोरल या थीमैटिक बबल का जोखिम कम रहेगा.
Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessरिकॉर्ड ऊंचाई पर म्यूचुअल फंड का AUM, फिर भी इक्विटी फंड्स में गिरा निवेश
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