नई दिल्ली. शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से जारी अस्थिरता और शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग (F&O Trading) में छोटे निवेशकों को हो रहे भारी नुकसान से अब निवेशक बाजार से दूर होने लगे हैं. सेबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के बीच तीन वर्षों में 93 फीसदी ट्रेडर्स ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में 1.8 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए. इसका असर डीमैट अकाउंट खुलने की संख्या पर पड़ा है. चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में भारत में डीमैट अकाउंट खुलने की रफ्तार धीमी पड़ गई और तिमाही आधार पर इनमें 26 फीसदी की कमी आई.दिसंबर तिमाही में करीब 97.7 लाख नए डीमैट खाते खोले गए, जो पिछले चार तिमाहियों में सबसे कम है. सितंबर तिमाही में रिकॉर्ड 1.3 करोड़ नए खाते खुले थे.
दिसंबर तिमाही में डीमैट खाते खुलने की वृद्धि में चार तिमाहियों में सबसे तेज गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, डीमैट खातों की कुल संख्या में वृद्धि जारी रही. दिसंबर के अंत तक, एनएसडीएल (NSDL) और सीडीएसएल (CDSL) के साथ कुल 185.3 मिलियन डीमैट खाते पंजीकृत थे, जो नवंबर के 182.05 मिलियन खातों से अधिक हैं.
बाजार की गिरावट का असर शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से आई गिरावट का सीधा असर निवेशकों की रुचि पर पड़ा. दिसंबर तिमाही में प्रमुख सूचकांकों, सेंसेक्स और निफ्टी, में क्रमशः 7.3% और 8.5% की गिरावट दर्ज की गई. यह जून 2022 के बाद से इनकी सबसे बड़ी तिमाही गिरावट थी. इसके अलावा, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में भी क्रमशः 6% और 3.5% की गिरावट हुई, जो मध्य 2022 और मार्च 2023 के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन रहा.
इस गिरावट के पीछे वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार रहे. वैश्विक स्तर पर टैरिफ युद्ध की आशंका, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों में कमी, और भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार पर दबाव डाला. वहीं, घरेलू स्तर पर कमजोर कॉर्पोरेट आय, धीमी आर्थिक वृद्धि, महंगाई का दबाव, कड़ी तरलता की स्थिति, और सरकारी खर्च में देरी ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया.
डेरिवेटिव बाजार में भी गिरावटडेरिवेटिव बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा लागू नए नियमों के कारण विकल्प खंड (options segment) में गतिविधि सीमित हो गई. दिसंबर में बीएसई और एनएसई के एफएंडओ (फ्यूचर और ऑप्शंस) सेगमेंट का औसत दैनिक टर्नओवर 280 ट्रिलियन रुपये रहा, जो अगस्त 2023 के बाद सबसे कम है. यह नवंबर के 442 ट्रिलियन रुपये के मुकाबले 36.56% की गिरावट दर्शाता है.
Tags: Business news, Share market, Stock marketFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 11:28 IST
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