नई दिल्ली. महारत्न सरकारी कपंनी कोल इंडिया शेयर से दूर रहने की सलाह ब्रोकरेज हाउस चॉइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने दी है. शेयर को ‘SELL’ रेटिंग देते हुए ब्रोकरेज ने इस स्टॉक को एक ‘Value Trap’ बताया है. इसका मतलब है कि यह ऐसा शेयर जो बाहर से आकर्षक दिख रहा है, लेकिन अंदर से कमजोर है. ब्रोकरेज का मानना है कि यह स्टॉक आने वाले समय में करीब 25% तक गिर सकता है. चॉइस इंस्टीट्यूशन ने कोल इंडिया का टारगेट प्राइस ₹290 रखा है.
आज सोमवार 21 जुलाई को कोल इंडिया का शेयर एनएसई पर गिरावट के साथ 386.50 रुपये पर बंद हुआ है. एक महीने में यह शेयर डेढ फीसदी लुढक चुका है.एक साल में इसकी कीमत 21 फीसदी घट चुकी है. कोल इंडिया लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है. यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ है.
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बाजार आधारित नहीं बिजनेस मॉडल
चॉइस ब्रोकरेज का कहना है कि कोल इंडिया अपना कोयला बाजार से काफी सस्ते दाम पर बेचती है. इतना ही नहीं, कंपनी ज्यादा मुनाफा देने वाले ग्रेड के कोयले की बजाय सस्ते कोयले की बिक्री पर ज्यादा ध्यान देती है, जिससे राजस्व और मुनाफे पर सीधा असर पड़ता है. इसका बिजनेस मॉडल बाजार आधारित नहीं बल्कि सरकारी सप्लाई और पॉलिसी पर निर्भर है.
भारी खर्च, फिर भी मुनाफा जस का तस
ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ वर्षों में कंपनी को ₹80,000 करोड़ का कैपिटल एक्सपेंडिचर (CapEx) करना है. लेकिन इसके बावजूद, EBIT (कमाई से पहले ब्याज और टैक्स) में कोई खास बढ़ोतरी नहीं दिख रही. विश्लेषकों ने इसकी तुलना ट्रेडमिल पर दौड़ने वाले व्यक्ति से की, जो लगातार दौड़ रहा है लेकिन आगे नहीं बढ़ रहा.
कंपनी के पास नकद है, पर पूरी तरह फ्री नहीं
Coal India के पास ₹32,800 करोड़ की नकद राशि जरूर है, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा पूर्व निर्धारित देनदारियों में बंधा हुआ है. खास तौर पर, ‘स्ट्रिपिंग एक्टिविटी’ जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए यह पैसा अगले 5 से 15 साल में खर्च होना है. यानी जो कैश बैलेंस नजर आ रहा है, वो असल में निवेशकों के लिए उपलब्ध नहीं है.
Coal India के कोयले की ऊष्मा क्षमता (GCV) लगातार घट रही है, यानी कोयले से मिलने वाली ऊर्जा में गिरावट आ रही है. इससे बिक्री मूल्य और मुनाफे दोनों पर असर पड़ रहा है. बीते एक दशक से यह ट्रेंड जारी है, और अभी तक इसके सुधरने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
डिविडेंड पर ही टिका कंपनी का आकर्षण
Coal India को भले ही कैश काउ कहा जाता हो, लेकिन उसका लगभग सारा फ्री कैश डिविडेंड देने में चला जाता है. इसलिए ब्रोकरेज का कहना है कि इसका सही मूल्यांकन Dividend Discount Model (DDM) के आधार पर होना चाहिए.
(Disclaimer: यहां बताए गए स्टॉक्स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए OXBIG NEWS NETWORK जिम्मेदार नहीं होगा.)
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