अडानी ग्रुप के शेयरों के मालिकाना हक में बड़ा बदलाव, FIIs ने बेचा, भारत में किसने खरीदा? जानिए

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भारत के शेयर बाजार में अडानी ग्रुप कुछ ऐसा है कि उसके बारे में चर्चा होती ही रहती है. कोई निवेशक इसके शेयरों में पैसा लगाए या न लगाए, लेकिन इस कंपनी को इग्नोर नहीं कर सकता. ताजा खबर है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने इस वर्ष की पहली तिमाही में अडानी ग्रुप के कई स्टॉक डंप कर दिए हैं. वहीं दूसरी ओर भारतीय बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स और एलआईसी जैसे घरेलू निवेशकों ने जमकर निवेश किया है. विदेशी निवेशकों ने कौन-से स्टॉक अपने झोले से निकाल दिए हैं और क्या-क्या जोड़ा है? चलिए जानते हैं-

FIIs ने ग्रुप की पांच प्रमुख कंपनियों से करीब 3,600 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेच दी. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अडानी समूह पर अमेरिका में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं.

अडानी ग्रीन एनर्जी में FII की हिस्सेदारी 13.68% से घटकर 12.45% रह गई, जो कि 1.23% की गिरावट है. 1,850 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) में भी उनकी हिस्सेदारी 0.5% घटकर 13.42% रह गई, जिसमें 1,310 करोड़ रुपये की निकासी हुई. इसके अलावा, अम्बुजा सीमेंट्स में 0.54% (700 करोड़ रुपये), ACC में 0.31% (110 करोड़ रुपये) और अडानी एंटरप्राइजेज में 54 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेची गई.

वहीं दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस मौके को निवेश के रूप में देखा. एलआईसी, पेंशन फंड्स और म्यूचुअल फंड्स ने अडानी समूह की कई कंपनियों में जमकर पैसे लगाए. अकेले LIC ने 2,050 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बाद बीमा कंपनियों ने 1,865 करोड़ रुपये, पेंशन फंड्स ने 1,050 करोड़ रुपये और म्यूचुअल फंड्स ने 1,600 करोड़ रुपये की राशि लगाई.

क्या है LIC का सबसे बड़ा निवेशएलआईसी का सबसे बड़ा निवेश अम्बुजा सीमेंट्स में रहा, जहां उसने 0.48% हिस्सेदारी बढ़ाकर इसे 5.55% कर दिया. यह निवेश 636 करोड़ रुपये का था. अडानी पोर्ट्स में भी LIC ने 0.24% की हिस्सेदारी खरीदते हुए 631 करोड़ रुपये डाले, ACC में 1.12% खरीदकर 412 करोड़ रुपये, और अडानी एंटरप्राइजेज में 0.14% के साथ 362 करोड़ रुपये का निवेश किया.

बीमा कंपनियों ने भी अपनी पकड़ मजबूत की है. उन्होंने अम्बुजा सीमेंट्स में 0.4% हिस्सेदारी (550 करोड़ रुपये), अडानी पोर्ट्स में 0.2% (475 करोड़ रुपये), ACC में 1.17% (433 करोड़ रुपये), और अडानी एंटरप्राइजेज में 0.13% हिस्सेदारी (335 करोड़ रुपये) का निवेश किया. पेंशन फंड्स का ध्यान विशेष रूप से अडानी पोर्ट्स (871 करोड़ रुपये) और अम्बुजा सीमेंट्स (192 करोड़ रुपये) पर केंद्रित रहा.

म्यूचुअल फंड्स में किन स्टॉक में पैसा डालाम्यूचुअल फंड्स ने अडानी ग्रीन एनर्जी में 0.64% (973 करोड़ रुपये), अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 0.54% (563 करोड़ रुपये), अडानी एंटरप्राइजेज में 0.12% (322 करोड़ रुपये) और अम्बुजा सीमेंट्स में 0.10% (127 करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी बढ़ाई. हालांकि, उन्होंने ACC (0.91% घटाकर 338 करोड़ रुपये), अडानी पोर्ट्स (0.04% घटाकर 92 करोड़ रुपये) और अडानी टोटल गैस (0.05% घटाकर 127 करोड़ रुपये) में अपनी हिस्सेदारी कम की.

इस बीच, GQG ग्रुप ने भी कुछ अडानी कंपनियों में अपने निवेश में मामूली इज़ाफा किया. इसने अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एंटरप्राइजेज में 430-430 करोड़ रुपये का निवेश करते हुए अपनी हिस्सेदारी क्रमशः 4.49% और 3.84% तक बढ़ाई. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी पावर में भी क्रमशः 141 करोड़ और 30 करोड़ रुपये का निवेश किया. हालांकि, अडानी पोर्ट्स में इसने 225 करोड़ रुपये की बिक्री कर अपनी हिस्सेदारी घटा दी.

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