नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड्स ने अप्रैल महीने में अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपने निवेश को कम कर दिया है. कुल मिलाकर 85 लाख से ज़्यादा शेयर बेचे गए हैं. अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी एंटरप्राइजेज, एसीसी, अंबुजा सीमेंट, अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन और सांगही इंडस्ट्रीज़ वो कंपनियां हैं, जिनके शेयर ऑफलोड किए गए हैं.
इकॉनमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रीन एनर्जी में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी मार्च में 1.63 करोड़ शेयर थी, जो अप्रैल में घटकर 1.37 करोड़ रह गई. यानी इसमें 16 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 12 प्रतिशत और अडानी एंटरप्राइजेज में करीब 75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. सिर्फ दो कंपनियों AWL एग्री बिजनेस (+2.9%) और अडानी पावर (+2.6%) में निवेश थोड़ा बढ़ा है.
अडानी टोटल गैस में म्यूचुअल फंड्स का निवेश मार्च में 22.29 लाख शेयर था, जो अप्रैल में घटकर 21.81 लाख हो गया. सांगही इंडस्ट्रीज़ में भी 26% की गिरावट आई. अंबुजा सीमेंट्स में निवेश मार्च के 19.20 करोड़ शेयर से घटकर अप्रैल में 18.74 करोड़ शेयर रह गया.
किस कंपनी में किस म्यूचुअल फंड स्कीम का कितना निवेश
अगर कंपनी दर कंपनी देखें, तो अडानी ग्रीन एनर्जी में 26 म्यूचुअल फंड्स का निवेश था. 224 करोड़ रुपये के साथ सबसे ज़्यादा SBI म्यूचुअल फंड का निवेश था. इसके बाद कोटक म्यूचुअल फंड 188 करोड़ के निवेश के साथ था. अप्रैल में इन कंपनियों के शेयरों की कुल कीमत 1,234 करोड़ रुपये थी.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 27 म्यूचुअल फंड्स का निवेश था. HDFC म्यूचुअल फंड ने सबसे ज़्यादा ₹646 करोड़ का निवेश किया. इसके बाद टाटा म्यूचुअल फंड 430 करोड़ रुपये के साथ नंबर दो पर था.
अडानी एंटरप्राइजेज में 34 म्यूचुअल फंड्स का निवेश था. क्वांट म्यूचुअल फंड ने सबसे ज़्यादा ₹1,620 करोड़ का निवेश किया, उसके बाद SBI म्यूचुअल फंड ने ₹1,400 करोड़ और ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने ₹623 करोड़ का निवेश किया था. अप्रैल में कुल 2.71 करोड़ शेयर इनके पास थे, जिनकी कीमत 6,257 करोड़ रुपये थी.
अडानी पावर में बढ़ा है निवेश
अडानी पावर में निवेश बढ़ा है. इसमें 22 म्यूचुअल फंड्स का निवेश था, जिसमें सबसे ज़्यादा क्वांट म्यूचुअल फंड का 2,725 करोड़ रुपये का और ICICI प्रूडेंशियल का 162 करोड़ रुपये का निवेश था. अप्रैल में इन फंड्स के पास 6.51 करोड़ शेयर थे, जिनकी कीमत 3,464 करोड़ रुपये थी.
बाकी कंपनियों जैसे अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स, एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में भी कई फंड हाउसेज़ ने निवेश किया था, लेकिन अप्रैल में ज्यादातर में गिरावट देखी गई. अडानी पोर्ट्स में सबसे ज़्यादा निवेश SBI म्यूचुअल फंड ने किया था. यह 4,766 करोड़ रुपये था.
सांगही इंडस्ट्रीज़ में केवल टॉरस म्यूचुअल फंड ने करीब 2.28 करोड़ रुपये का निवेश किया था. यह भी अप्रैल में कम हुआ है. म्यूचुअल फंड्स के मुताबिक, इनमें से कई कंपनियां इंडेक्स फंड्स और ETF का हिस्सा होने के कारण उनके पोर्टफोलियो में आती हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर क्या चल रहा?
इस बीच, खबर आई है कि गौतम अडानी और उनके प्रतिनिधियों ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार से जुड़े अधिकारियों से मुलाकात की है, ताकि उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म कराया जा सके. बताया गया कि अडानी टीम का तर्क है कि ये केस ट्रंप सरकार की प्राथमिकताओं से मेल नहीं खाता, इसलिए उसे हटाया जाना चाहिए.
पिछले साल अमेरिकी अधिकारियों ने अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारत में बिजली सप्लाई के ठेके लेने के लिए रिश्वत दी और फिर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया. SEC ने अडानी ग्रुप से जुड़े ₹750 मिलियन के बांड ऑफर में गलत जानकारी देने का भी आरोप लगाया है. इस मामले में भारत के कानून मंत्रालय से भी सहायता मांगी गई थी.
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