Last Updated:January 26, 2025, 17:52 ISTसुकन्या समृद्धि योजना बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है. यह योजना 8.2% ब्याज दर और टैक्स छूट जैसे लाभ देती है. 10 साल से कम उम्र की बेटियों के लिए खाता खोला जा सकता है. सुकन्या समृद्धि योजना के कई लाभ हैं.Sukanya Samriddhi Yojna Benefits : बेटी की अच्छी शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सुरक्षा का सपना हर माता-पिता का होता है. सुकन्या समृद्धि योजना (SSA) सरकार की ऐसी योजना है, जो बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए बनाई गई है. यह योजना न केवल 8.2 फीसदी सालान की आकर्षक ब्याज दर देती है, बल्कि टैक्स छूट जैसे बड़े लाभ भी प्रदान करती है. यह योजना हर माता-पिता के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हो रही है.
सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी 2025 को 10वें साल में प्रवेश कर गई. 10 साल पहले यह योजना विशेष रूप से बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए फंड तैयार करने के लिए बनाई गई है. मौजूदा तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) में 8.2% की ब्याज दर इसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) जैसी लोकप्रिय योजनाओं से भी अधिक आकर्षक बनाती है. PPF वर्तमान में 7.1% प्रतिवर्ष की ब्याज दर प्रदान करता है. यह योजना माता-पिता के बीच इसलिए भी लोकप्रिय है, क्योंकि यह बेटी के सुरक्षित भविष्य के लिए स्थिरता और गारंटी प्रदान करती है.
कौन खुलवा सकता है अकाउंटइस योजना के तहत माता-पिता या अभिभावक अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के नाम पर खाता खोल सकते हैं. एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाते खोले जा सकते हैं, हालांकि जुड़वां या तीन बच्चियों के मामलों में नियमों में लचीलापन दिया गया है. हर वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है. निवेश की अवधि खाता खोलने की तारीख से 15 वर्षों तक रहती है, जबकि खाता 21 वर्षों में मैच्योर होता है. ब्याज हर वित्तीय वर्ष के अंत में खाते में जोड़ा जाता है.
EEE का फॉर्मूला बनाता है इसे शानदारसुकन्या समृद्धि योजना के अन्य कई फायदे हैं. यह योजना टैक्स के मामले में भी काफी लाभदायक है. इसे E-E-E (exempt-exempt-exempt) टैक्स स्टेटस प्राप्त है. इसका मतलब है कि निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि तीनों टैक्स-फ्री हैं. यह योजना उन माता-पिता को भी आकर्षित करती है, जो टैक्स लाभों से परे अपनी बेटियों के भविष्य के लिए सुरक्षित कोष तैयार करना चाहते हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, यह योजना ज्यादा प्रभावशाली हो जाती है.
एक कमी भी, जिसे आप फायदा भी मान सकते हैंहालांकि, इस योजना में एक बड़ी कमी इसकी लिक्विडिटी की है. खाता 21 साल की अवधि के लिए लॉक-इन होता है, और पैसे का आंशिक निकासी केवल बेटी के 18 साल की उम्र के बाद या 10वीं कक्षा पास करने पर ही संभव है. इसे दूसरी तरफ से यह भी समझा जा सकता है. लिक्विडिटी की कमी भी एक चुनौती हो सकती है, लेकिन इसकी लंबी लॉक-इन अवधि को एक फायदा भी माना जा सकता है. यह सुनिश्चित करता है कि माता-पिता इस धन का उपयोग केवल बेटी की शिक्षा या विवाह के लिए करें. विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को निकासी के लिए आयु सीमा को थोड़ा लचीला बनाना चाहिए. जैसे कि निकासी 16, 18 और 21 साल की उम्र में चरणबद्ध तरीके से की जा सके.
इसके अलावा, वार्षिक निवेश सीमा 1.5 लाख रुपये को बढ़ाना चाहिए, क्योंकि 10 साल पहले की तुलना में शिक्षा का खर्च काफी बढ़ गया है. यह सीमा या तो हर साल महंगाई दर के हिसाब से बढ़ाई जाए या हर तीन साल में इसे स्वचालित रूप से संशोधित किया जाए.
सुकन्या समृद्धि योजना एक स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन इसे इक्विटी जैसे हाई-रिटर्न वाले विकल्पों के साथ संतुलित करना चाहिए. यह योजना माता-पिता के लिए अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 26, 2025, 17:52 ISThomebusinessभारत की सबसे बढ़िया सेविंग स्कीम, देती है चौतरफा लाभ, बेटी वालों के लिए वरदान
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