Last Updated:May 31, 2025, 14:45 ISTमणिपुर के नोनी जिले में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने ने दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पियर ब्रिज बनाया है. यह जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन पर बनाया गया है जो पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा.इस ब्रिज के दो प्रमुख पियर्स, P3 और P4 दुनिया के सबसे ऊंचे पियर्स हैं.हाइलाइट्समणिपुर में बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पियर ब्रिज.जीरीबाम-इंफाल प्रोजेक्ट पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा.ब्रिज की ऊंचाई 141 मीटर, निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग.नई दिल्ली. जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज बनाने के भारतीय रेलवे ने एक और रिकॉर्ड बना दिया है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने मणिपुर में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. नोनी जिले में बनाए जा रहे ब्रिज नंबर 164, जिसे नोनी ब्रिज के नाम से जाना जाता है का गर्डर लॉन्चिंग कार्य पूरा कर लिया गया है. यह ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पियर ब्रिज बन गया है. इसकी ऊंचाई जिसकी ऊंचाई 141 मीटर (462 फुट) है. यह ब्रिज 111 किलोमीटर लंबे जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन परियोजना का हिस्सा है और पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा.
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि ब्रिज के सभी आठ स्पैन का लॉन्चिंग कार्य हाल ही में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. इस ब्रिज के दो प्रमुख पियर्स, P3 और P4 दुनिया के सबसे ऊंचे पियर्स हैं, जो 141 मीटर ऊंचे हैं. ब्रिज का निर्माण जटिल भूगोल और कठिन पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इसमें 1×71.5 मीटर + 5×106 मीटर + 1×71.5 मीटर + 1×30 मीटर के स्टील स्पैन लगाए गए हैं, जो इसे मजबूती और स्थिरता प्रदान करते हैं.
बहुत कठिन था निर्माण
इस ब्रिज का निर्माण अत्याधुनिक तकनीकों और सटीक योजना के साथ किया गया है. इंजीनियरिंग के इस अद्भुत नमूने को बनाने में कई तकनीकी चुनौतियों का सामना किया गया, लेकिन एनएफआर की टीम ने कठिन हालातों में भी उत्कृष्ट कार्य कर दिखाया. पहाड़ी इलाकों और गहरी घाटियों से गुजरते हुए इस ब्रिज का निर्माण करना एक कठिन कार्य था, जिसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.
जीरीबाम-इंफाल प्रोजेक्ट बनेगा पूर्वोत्तर भारत की जीवनरेखा
जीरीबाम-इंफाल रेलवे प्रोजेक्ट को पूर्वोत्तर भारत के लिए जीवनरेखा कहा जा रहा है. इसका जीरीबाम से खोंगसांग तक का हिस्सा पहले ही सितंबर 2022 में चालू हो चुका है, जहां नियमित मालगाड़ियां जरूरी सामान लेकर पहुंच रही हैं. इस परियोजना के तहत खोंगसांग-नोनी (18.25 किमी) और नोनी-इंफाल (37.02 किमी) सेक्शन को आने वाले वर्षों में चालू करने की योजना है.
इस ब्रिज और रेलवे लाइन के पूरा होते ही मणिपुर को देश के अन्य हिस्सों से तेज, सुरक्षित और सीधी रेल सेवा मिलेगी. इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों की आवाजाही सुगम होगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और आर्थिक विकास को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. यह प्रोजेक्ट पूर्वोत्तर भारत के लिए एक नई सुबह की तरह है, जो विकास की रफ्तार को नई ऊंचाई देगा.
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