नई दिल्ली. BEML लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का परिचालन तय समय पर शुरू नहीं होगा. दिसंबर 2024 में इसे शुरू करने का लक्ष्य था, लेकिन गुणवत्ता से जुड़ी कई समस्याओं के चलते देरी हो रही है. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने ट्रेन के अंदरूनी हिस्सों में खामियों की पहचान की है.
इसमें इंटीरियर पैनल में गैप, साइड लोअर बर्थ का सही से काम न करना, खराब कुशन, शौचालयों में रिसाव, और आपातकालीन अलार्म तक पहुंचने में दिक्कत शामिल हैं. ICF का कहना है कि BEML ने जल्दबाजी में ट्रेन के अंदरूनी काम पूरे किए, जिससे खराब गुणवत्ता का काम हुआ. प्रोटोटाइप अभी तक मुख्य लाइन परीक्षणों के लिए तैयार नहीं है.
ICF और रेलवे का बयानICF के महाप्रबंधक यू. सुब्बा राव ने बताया कि, “मामूली कमियों को दूर किया जा रहा है, और 10 दिसंबर तक ट्रेन RDSO (Railway Design and Standards Organisation) लखनऊ भेजी जाएगी. यहां दो महीने तक ट्रेन के oscillation trials होंगे, जिसमें 160 किमी प्रति घंटे तक की गति का परीक्षण होगा.” हालांकि, प्रोटोटाइप को अक्टूबर में ही तैयार होना चाहिए था, लेकिन अभी तक यह परीक्षणों के लिए तैयार नहीं है.
ट्रेन की खासियतेंप्रत्येक ट्रेन सेट में 16 कोच होंगे.1AC, 2AC और 3AC में कुल 823 बर्थ होंगी.संचालन की गति 160 किमी/घंटा और परीक्षण गति 180 किमी/घंटा होगी.
आगे की उम्मीदेंरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च 2024 में कहा था कि यह ट्रेन 6 महीनों में तैयार हो जाएगी. सितंबर में इसका प्रोटोटाइप लॉन्च किया गया था. अब उम्मीद है कि परीक्षण पूरे होने के बाद, इसे 2025 की शुरुआत में चालू किया जा सकता है.
Tags: Indian railway, Vande bharatFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 20:10 IST
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