नई दिल्ली. भारतीय रेलवे अब देश की सबसे व्यस्त रेल लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार को नए मुकाम पर ले जाने की तैयारी कर रहा है. जल्द ही दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से हावड़ा के बीच चलने वाली ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी. यह बदलाव यात्रियों के सफर को पहले से कहीं ज्यादा तेज और सुविधाजनक बना देगा. रेलवे ने इन दोनों रूट्स पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए जरूरी मंजूरी दे दी है और काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. दिल्ली-मुंबई रूट की लंबाई करीब 1386 किलोमीटर है. इस पूरे मार्ग को हाई-स्पीड के लिए तैयार किया जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो दिल्ली से मथुरा के बीच की दूरी करीब 183 किलोमीटर है जिसे एक्सप्रेस ट्रेन तय करने में 3 घंटे से ज्यादा का समय लेती है, अगर स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा होती है तो यह दूरी महज सवा घंटे में तय हो जाएगी.
भारत में वंदे भारत, राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस समेत अन्य प्रीमियम ट्रेनों को छोड़ दें तो सामान्य तौर पर एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड 100 से 120 किमी/घंटा (62-75 मील प्रति घंटे) है. वंदे भारत ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ डिजाइन किया गया है, जबकि राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटा है.
दिल्ली-मुंबई रूट पर तेज रफ्तार के लिए ज़मीन तैयार
इस रूट में 196 किलोमीटर हिस्से में पहले से चार रेल लाइनें मौजूद हैं. दहाणू रोड से विरार तक के 64 किलोमीटर सेक्शन में तीसरी और चौथी लाइन का काम जारी है. इसके अलावा 1126 किलोमीटर हिस्से में नई लाइनें बिछाने के लिए सर्वे को मंजूरी मिल चुकी है.
पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) की लंबाई 1404 किलोमीटर है. इसका उपयोग शुरू कर दिया गया है और 102 किलोमीटर हिस्से में काम चल रहा है. इससे पैसेंजर ट्रेनों को ज्यादा खाली ट्रैक मिलेगा और रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी.
दिल्ली-हावड़ा रूट पर भी हाई-स्पीड ट्रेनें दौड़ने को तैयार
दिल्ली-हावड़ा रूट लगभग 1450 किलोमीटर लंबा है. यहां भी ट्रेन की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है. इस रूट पर 194 किलोमीटर हिस्से में चार लाइनें हैं. 312 किलोमीटर में तीन लाइनें और बाकी 944 किलोमीटर हिस्से में दोहरी लाइनें मौजूद हैं.
रेलवे ने इस रूट पर भी कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. सोननगर से अंडाल तक 375 किलोमीटर की नई मल्टी-लाइन बनाई जा रही है. अलीगढ़ से दाऊद खान के बीच 18 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन का काम चल रहा है. इसी तरह दीनदयाल उपाध्याय से प्रयागराज तक 150 किलोमीटर की तीसरी लाइन पर काम हो रहा है.
इसके अलावा कालिपहाड़ी से बख्तनगर तक 18 किलोमीटर की पांचवीं लाइन, शक्तिगढ़ से चंदनपुर तक 43 किलोमीटर की चौथी लाइन और नीमचा सेक्शन में 9.42 किलोमीटर के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है, साथ ही कुल 480 किलोमीटर की तीसरी लाइन, 96 किलोमीटर की चौथी लाइन और 151 किलोमीटर की पांचवीं लाइन के लिए सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के 1337 किलोमीटर हिस्से में ट्रेनों का संचालन पहले ही शुरू किया जा चुका है.
इन तमाम परियोजनाओं के पूरा होने के बाद दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के बीच चलने वाली ट्रेनों का सफर न केवल तेज होगा बल्कि यात्रियों के लिए ज्यादा सुविधाजनक और समय की बचत करने वाला भी होगा. रेलवे की यह योजना देश के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. अब यात्रियों को लंबी दूरी के सफर में घंटों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ट्रेनें पहले से कहीं ज्यादा तेज और भरोसेमंद होंगी.
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