Last Updated:February 24, 2025, 16:50 ISTदिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर का लगभग 70 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है, जबकि 12 किमी अंडरग्राउंड बनाया गया है.
मेरठ में आरआरटीएस के लिए एक प्रीकॉस्ट फैक्टरी लगाई गई है.हाइलाइट्सRRTS कॉरिडोर पर 70 किमी एलिवेटेड और 12 किमी अंडरग्राउंड है.नमो भारत ट्रेन 160 किमी/घंटा की स्पीड से चलती है.21 अक्टूबर 2023 को पहली नमो भारत ट्रेन चली थी.नई दिल्ली. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर ट्रैक का बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. 82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के 55 किलोमीटर हिस्से पर इस समय नमो भारत ट्रेन चल भी रही है. आरआरटीएस कॉरिडोर पर बिछाई गई पटरियां आम रेल पटरियों से काफी अलग है. मेट्रो और मेट्रो और भारतीय रेलवे में बैलास्टलेस ट्रैक सिस्टम से पटरियां बिछाई जाती हैं. वहीं, आरआरटीएस कॉरिडोर पर हाई-स्पीड ट्रेनों के अनुरूप प्रीकास्ट स्लैब ट्रैक सिस्टम को अपनाया गया है. यह सिस्टम ट्रेन को ज्यादा गति पकड़ने में तो मदद करता ही है साथ ही इससे ट्रेन में झटके भी नहीं लगते. बैलास्टलेस ट्रैक सिस्टम से बिछाई गईं पटरियों पर अधिकतम गति 95 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ही ट्रेन चल सकती है.
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर का लगभग 70 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है, जबकि 12 किमी अंडरग्राउंड बनाया गया है. नमो भारत प्रोजेक्ट में 5-10 किलोमीटर की दूरी पर स्टेशन और ट्रेनों की 160 किलोमीटर प्रति घंटा की ऑपरेशनल स्पीड को देखते हुए उन्नत ट्रैक सिस्टम अपनाया गया है. हाई-स्पीड ट्रेनों की विश्वसनीयता, कम मेंटेनेंस, आसान रिप्लेसमेंट और पर्यावरणीय अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए, प्रीकास्ट स्लैब ट्रैक सिस्टम सबसे उपयुक्त माना जाता है.
मेरठ में लगाई गई प्रीकास्ट फैक्ट्रीइस प्रोजेक्ट के लिए कुल 44,000 स्लैब्स का उत्पादन किया गया. इसके लिए मेरठ में 45,000 वर्ग मीटर में फैली एक अत्याधुनिक प्रीकास्ट फैक्ट्री स्थापित की गई, जहां अत्याधुनिक मशीनरी और ऑटोमेशन के जरिए ट्रैक इंस्टॉलेशन और अलाइनमेंट सुनिश्चित किया गया. एक अधिकारी ने बताया,”इस ट्रैक सिस्टम में विशेष ध्यान दिया गया है कि हाई-स्पीड ट्रेनों की आवाजाही से उत्पन्न कंपन और झटकों को न्यूनतम किया जाए, जिससे यात्रियों को एक आरामदायक और स्थिर यात्रा अनुभव मिले.”
21 अक्टूबर 2023 को चली थी पहली नमो भारत ट्रेनइस कॉरिडोर के पहले हिस्से को 21 अक्टूबर 2023 को चालू किया गया था. तब से अब तक 66 लाख से अधिक यात्री नमो भारत ट्रेनों का इस्तेमाल कर चुके हैं. ऑपरेशनल सेक्शन से आगे मेरठ साउथ से शताब्दी नगर के बीच नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन फरवरी में शुरू हो गया है. वहीं, दिल्ली में आनंद विहार से सराय काले खां के बीच ट्रायल रन जल्द शुरू होने की संभावना है. मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवा भी नमो भारत के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित की जाएगी. इसका व्यापक ट्रायल रन भी जारी है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 24, 2025, 16:50 ISThomebusinessआम रेल पटरियों जैसा नहीं है रैपिड रेल का ट्रैक, यूज हुई है ये खास तकनीक
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