देश के एक रेलवे स्‍टेशन वाले इस राज्‍य को जल्‍द मिलेगा तोहफा

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Last Updated:May 05, 2025, 10:34 ISTमिजोरम को जुलाई 2025 तक बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन का तोहफा मिलेगा, जिससे आइजोल देश के रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा. इस परियोजना में 87 पुल और 32 सुरंगें शामिल हैं.बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन जिस इलाके से गुजर रही है, भौगोलिक रूप से वह काफी खतरनाक क्षेत्र है.हाइलाइट्समिजोरम को जुलाई 2025 में बैराबी-सैरांग रेल लाइन का तोहफा मिलेगा.इस परियोजना में 87 पुल और 32 सुरंगें शामिल हैं.रेलवे लाइन मिजोरम की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी.नई दिल्‍ली. देश के एक रेलवे स्‍टेशन वाले राज्‍य मिजोरम को अब बड़ा तोहफा मिलने वाला है. मिजोरम की राजधानी आइजोल को देश के रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन जुलाई 2025 तक चालू हो जाएगी. बैराबी असम सीमा के निकट है जबकि सैरंग राज्य की राजधानी आइजोल से लगभग 21 किलोमीटर दूर है. 51.38 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का‍ निर्माण साल 2015 में शुरू हुआ था और इस पर ₹8,213.72 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी किशोर शर्मा ने बताया कि इस रेलवे लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है. जुलाई में इसे चालू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में 51 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पर सफलतापूर्वक ट्रायल रन कर लिया गया है और रेलवे सुरक्षा निरीक्षण अभी चल रहा है.

इस परियोजना का उद्देश्य मिजोरम की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना, पर्यटन को बढ़ावा देना और राज्य को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर तरीके से जोड़ना है. परियोजना के पूरा होने से मिजोरम और असम के बीच यात्रा का समय और परिवहन लागत में कमी आएगी. इस रेलवे  लाइन पर चार नए स्‍टेशन,  होर्टोकी, काउनपुई, मुअलखांग और सैरांग होंगे. गौरतलब है कि मिजोरम में वर्तमान में केवल एक रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम बैराबी (Bairabi) है. यह स्टेशन राज्य के उत्तर में स्थित है और आइजोल शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है.

रेलवे लाइन बिछाने में थी कई चुनौतियांबैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन जिस इलाके से गुजर रही है, भौगोलिक रूप से वह काफी खतरनाक क्षेत्र है. बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेल लाइन को बिछाने में कई चुनौतियां थी. कठिन पहाड़ी इलाका, भारी बारिश और सीमित संसाधनों की पहुंच जैसी दिक्‍कतों से पार पाते हुए  नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने करीब दस साल में इस रेलवे लाइन का निर्माण पूरा कर लिया. इस रूट पर 55 बड़े और 87 छोटे पुल और 32 सुरंगें, जिनकी कुल लंबाई करीब 12 किलोमीटर है, बनाई गई है. इस ट्रैक के निर्माण में कुल 42000 मीट्रिक टन स्टील का इस्‍तेमाल हुआ है.

म्‍यांमार सीमा तक बढ़ाने की योजनाबैराबी सैरांग रेलवे लाइन को भारत-म्‍यांमार सीमा तक बढाने की योजना है. आठ अप्रैल को मिजोरम के राज्यसभा सदस्य के. वनलालवेना ने भी कहा था कि रेल मंत्रालय भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित गांव ज़ोचाछुआ तक इस रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना बना रहा है. इसके लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण भी किया जा चुका है. अगर यह रेलवे लाइन म्‍यांमार सीमा तक पहुंचती है तो इससे भारत-म्यांमार के बीच व्यापार और संपर्क को बढ़ावा मिलेगा.
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