आपको पता है! आजाद भारत का पहला रेल बजट किसने पेश किया, नहीं… तो जान लो

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Last Updated:January 25, 2025, 07:28 ISTIndian Railways first rail budget- आजादी के बाद भारत का पहला रेल बजट 2 दिसंबर 1947 को रेल मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था. यह बजट रेलवे प्रणाली को स्वतंत्र भारत की आवश्यकताओं और लक्ष्यों के अनुसार पेश किया गया थ…और पढ़ें रेल मंत्री जॉन मथाई (इनसेट में ) ने पहला रेल बजट पेश किया था.हाइलाइट्सस्वतंत्र भारत की आवश्यकताओं और लक्ष्यों के अनुसार पेश किया गया रेलवे से मिलने वाला राजस्व आम राजस्व से 6 प्रतिशत अधिक थापहला रेल बजट रेलवे के राष्ट्रीयकरण पर केंद्रित थानई दिल्‍ली. देश के आम बजट आने में केवल एक सप्‍ताह बचा है. अब इसी बजट में रेल बजट भी शामिल हो गया है. हर बार की तरह इस बार भी बजट से रेल यात्रियों को काफी उम्‍मीदें हैं. कौन सी नई ट्रेनें चलेंगी या क्‍या सीनियर सिटीजन की छूट बहाल की जाएगी. लेकिन क्‍या आपको पता है कि आजाद भारत का पहला बजट किस रेल मंत्री ने पेश किया था और बजट की क्‍या प्रमुख घोषणाएं थी. आइए जानें-

आजादी के बाद भारत का पहला रेल बजट 2 दिसंबर 1947 को रेल मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था. यह बजट रेलवे प्रणाली को स्वतंत्र भारत की आवश्यकताओं और लक्ष्यों के अनुसार पेश किया गया था. देश के पहले मथाई ने भारत के वित्त मंत्री के रूप में दो आम बजट भी पेश किए थे. 2016 में रेल मंत्री रहे पीयूष गोयल ने आखिरी बार रेल बजट पेश किया था. हालांकि देश में पहला रेल बजट 1924 में पेश किया गया था.

भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन के समय 1924 में पेश गया था.

बजट की खासियत

रेलवे से मिलने वाला राजस्व आम राजस्व से 6 प्रतिशत अधिक था. तब सर गोपालस्वामी आयंगर समिति ने यह सिफारिश दी थी कि अलग रेलवे बजट की यह परम्परा जारी रहनी चाहिए. इस संबंध में 21 दिसंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा एक प्रस्ताव अनुमोदित किया गया था. गौरतलब है कि इस अनुमोदन के अनुसार 1950-51 से लेकर अगले पांच साल तक की अवधि के लिये ही रेलवे बजट को आम बजट से अलग पेश किया जाना था. यह परम्परा 2016 तक जारी रही.

पहले रेल बजट प्रमुख घोषणाएं

पहला रेल बजट रेलवे के राष्ट्रीयकरण पर केंद्रित था, ताकि पूरे देश में रेलवे नेटवर्क को एकीकृत और संगठित किया जा सके. बजट में नई रेल लाइनों के निर्माण और मौजूदा लाइनों के विस्तार पर जोर दिया गया, ताकि देश के दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़ने में मदद मिल सके. यात्रियों के लिए सुविधाओं में सुधार के लिए विशेष ध्यान दिया गया. रेलवे को देश की आर्थिक विकास में एक प्रमुख कारक के रूप में मान्यता दी गई और इसके लिए वित्तीय आवंटन में वृद्धि की गई. रेलवे के विस्तार और सुधार से रोजगार पैदा करने पर जोर दिया गया.

धीरे-धीरे राजस्‍व में कमी आई

देश की आजादी के बाद धीरे-धीरे रेलवे के राजस्व में कमी आने लगी और 70 के दशक में रेलवे बजट सम्पूर्ण राजस्व का 30 प्रतिशत ही रह गया और 2015-16 में रेलवे का राजस्व कुल राजस्व का 11.5 प्रतिशत पर पहुंच गया.

1924 में आया था पहला रेल बजट

भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन के समय 1924 में पेश गया था. यह पहला अलग रेल बजट था. हालांकि इससे पहले रेल बजट को आम बजट के साथ ही प्रस्तुत किया जाता था. 1921 में ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटी के चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ रेलवे को एक बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम में लाए थे. कमेटी ने रेल बजट को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें रेल बजट को अलग से पेश करने और उसके वित्तीय मामलों को अलग से देखे जाने की बात कही थी. इसके बाद उन्होंने 1924 में इसे आम बजट से अलग पेश करने का फैसला किया.

Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 25, 2025, 07:16 ISThomebusinessआपको पता है! आजाद भारत का पहला रेल बजट किसने पेश किया, नहीं… तो जान लो

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