JNPT से जल्दी पहुंच सकेगा व्यापारियों का माल, DFCC ने बनाया रिकार्ड

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Last Updated:May 12, 2025, 11:23 IST
डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर ने महाराष्‍ट्र में पोर्ट से कनेक्‍ट करने के लिए फ्लाईओवर बना रहा है. इसके लिए गार्टर लांच कर दिया गया है. खास बात यह है कि अब तक का सबसे वजनी गार्टर है.पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर सबसे लंबा गार्टर लांच.नई दिल्‍ली. जेएनपीटी से भविष्‍य में व्‍यापारियों का माल गोदाम में जल्‍दी पहुंच सकेगा. डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर ने महाराष्‍ट्र में पोर्ट से कनेक्‍ट करने के लिए फ्लाईओवर बना रहा है. इसके लिए गार्टर लांच कर दिया गया है. खास बात यह है कि अब तक का सबसे वजनी गार्टर है. इसके साथ ही डीएफ़सीसीआईएल ने एक और रिकार्ड अपने नाम कर लिया है.जल्‍द ही इस पर ट्रैक संबंधी काम शुरू हो जाएगा.

भारत की मालवाहक बुनियादी संरचना को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जेएनपीटी-निलजे खंड के कालंबोली में 110.5 मीटर लंबा और लगभग 1500 टन वजनी ओपन वेब स्टील गर्डर का सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. यह रेल फ्लाईओवर अब तक निर्मित सबसे लंबा होगा.

यह फ्लाईओवर बनेगा उदाहरण

इस लॉन्च में एक जटिल इंजीनियरिंग प्रक्रिया के तहत गर्डर को भारतीय रेलवे ट्रैक पर 32 मीटर की रेडियल शिफ्टिंग के साथ स्थापित किया गया, जो उन्नत निर्माण तकनीकों और सटीक योजना का उदाहरण है. भविष्‍य में अन्‍य रेलवे ट्रैकों पर इसी तकनीक से निर्माण किया जा सकता है. इस ऐतिहासिक अवसर पर डीएफ़सीसीआईएल के प्रबंध निदेशक प्रवीन कुमार स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने इस उपलब्धि के लिए इंजीनियरिंग टीमों एवं सभी संबंधित कर्मचारियों की सराहना की. यह उपलब्धि विश्वस्तरीय मालवाहक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के निर्माण और देश की लॉजिस्टिक्स रीढ़ को सुदृढ़ बनाने में मददगार होगी.

दो प्रमुख कॉरिडोर

देश में मालगाड़ियों के लिए दो कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है. ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों कॉरिडोर की लंबाई 2843 किमी. है. करीब 84 हजार करोड़ रुपये की लागत से दोनों कॉरिडोर को बनाने का उद्देश्य बंदरगाहों से माल को समय से पहुंचाना है. मौजूदा समय मालगाड़ियां की औसतन स्‍पीड 35 से 40 किमी. प्रति घंटे है लेकिन कॉरिडोर से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. कॉरिडोर 9 राज्यों के 61 जिलों से होकर गुजर रहा है.

पैसेंजर ट्रेनों को भी होगा फायदा

दोनों कॉरिडोर के निर्माण के बाद करीब 1800 मालगाड़ियां मौजूदा दिल्‍ली हावड़ा और दिल्‍ली मुंबई से शिफ्ट होंगी. चूंकि ईस्‍टर्न कॉरिडोर तैयार हो चुका है, इसलिए दिल्‍ली हावड़ा लाइन से चलने वाली करीब 900 मालगाड़ियां इस कॉरिडोर पर शिफ्ट की जाएंगी. जब इतनी संख्‍या में मालगाड़ियां शिफ्ट होंगी तो दिल्‍ली हावड़ा लाइन से ट्रैफिक कम होगा. इससे सवारी गाड़ियों की स्‍पीड बढ़ेगी. वो अपने गंतव्‍य तक कम समय में पहुंच सकेंगी. इस तरह इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों का समय बचेगा. इसका दूसरा फायदा होगा कि ट्रेनों की संख्‍या बढ़ाई जा सकेगी. हालां‍कि रेलवे का नया टाइम टेबल जुलाई में ही बनता है, तभी ट्रेनों की स्‍पीड और संख्‍या बढ़ाई जा सकेगी.

दोनों कॉरिडोर लिंक हुए

न्यू खुर्जा जंक्शन से न्यू रेवाड़ी जंक्शन पर 173 किमी. लंबी ट्रैक का निर्माण हुआ है. इससे पश्चिमी और पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बीच कनेक्टिविटी हो गयी है, जो अभी तक अलग-अलग थे. इसका फायदा मालगाड़ियों के साथ साथ यात्री गाड़ियों को भी होगा. इसके लिंक होने के बाद ईस्‍टर्न से वेस्‍टर्न कॉरिडोर तक माल सीधा पहुंचाया जा सकता है. इस तरह माल पहुंचाने में कम समय लगेगा.

Sharad Pandeyविशेष संवाददाताकरीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्‍यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज…और पढ़ेंकरीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्‍यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :Mumbai,MaharashtrahomebusinessJNPT से जल्दी पहुंच सकेगा व्यापारियों का माल, DFCC ने बनाया रिकार्ड

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