Last Updated:January 26, 2025, 07:01 ISTRailway Budget merged- साल 1924 के बाद से ‘रेल बजट’ और दूसरा ‘आम बजट’ अलग-अलग पेश किए जाते थे. पर केन्द्र सरकार ने 21 सितंबर 2016 को आम बजट के साथ रेल बजट के विलय को मंजूरी दे दी. इसके बाद से केवल आम बजट ही पे…और पढ़ेंसाल 2016 में पेश हुआ था आख्रिरी रेल बजट.Railway Budget Merged. पहले आम बजट के साथ-साथ लोगों को रेल बजट का भी इंतजार रहता था, क्योंकि देश का एक बड़ा वर्ग रेल बजट से सीधा प्रभावित होता था. यात्रियों को इस बजट में ट्रेनों में सुविधाएं, नई ट्रेनों का एलान और किराया कम या ज्यादा काफी कुछ उम्मीद होती थीं. लेकिन 2017 से एक ही बजट बजट पेश किया जाने लगा. क्या आप जानते हैं कि इसे आम बजट में क्यों शामिल किया गया और यह सुझाव किसने दिया? आइए जानते हैं-
साल 1924 के बाद से ‘रेल बजट’ और ‘आम बजट’ दोनों अलग-अलग पेश किए जाते थे. पर केन्द्र सरकार ने 21 सितंबर 2016 को आम बजट के साथ रेल बजट के विलय को मंजूरी दे दी. उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. उन्होंने 1 फरवरी, 2017 को आजाद भारत का पहला संयुक्त बजट संसद में पेश किया गया. इस तरह 92 साल पुरानी प्रथा खत्म हो गयी.
रेलवे के राजस्व में कमी आने लगी
देश की आजादी के बाद धीरे-धीरे रेलवे के राजस्व में कमी आने लगी और 70 के दशक में रेलवे बजट सम्पूर्ण राजस्व का 30 प्रतिशत ही रह गया और 2015-16 में रेलवे का राजस्व कुल राजस्व का 11.5 प्रतिशत पर पहुंच गया. उसके बाद विशषज्ञों ने अलग रेलवे बजट को समाप्त करने का सुझाव दिया था.
नीति आयोग की सलाह पर फैसला
नीति आयोग ने भी सरकार को दशकों पुराने इस चलन को खत्म करने की सलाह दी थी. काफी विचार-विमर्श और अलग-अलग अथॉरिटीज के साथ मंथन के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में विलय का फैसला किया. यह निर्णय नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिशों तथा देबरॉय और किशोर देसाई द्वारा ‘रेल बजट के साथ वितरण’ पर एक अलग पत्र पर आधारित था. रेल मंत्रालय ने नवंबर 2016 में रेल बजट का आम बजट में विलय करने की घोषणा कर दी.
संसद में पेश हुआ विधेयक
सिफारिशों के अनुसार यह तय किया गया कि वित्त मंत्रालय रेलवे के अनुमानों के साथ एक विनियोग विधेयक तैयार करेगा और संसद में प्रस्तुत करेगा. वित्त मंत्रालय इससे जुड़े सभी विधायी कार्य भी संभालेगा. भारतीय रेलवे को सरकार को लाभांश का भुगतान करने से छूट दी जाएगी. इसके साथ ही रेलवे का पूंजी प्रवाह समाप्त कर दिया जाएगा। इसके स्थान पर रेल मंत्रालय को अपने पूंजीगत व्यय के हिस्से को कवर करने के लिए वित्त मंत्रालय से सकल बजटीय सहायता मुहैया कराई जाएगी. यह भी तय किया गया कि रेलवे अपने पूंजीगत व्यय को फाइनांस करने के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के माध्यम से बाजार से संसाधन जुटाना जारी रखेगी.
हाईवे, रेलवे और जलमार्गों के बीच ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में सुधार
रेल और आम बजट के विलय का उद्देश्य केंद्र सरकार के वित्तीय लक्ष्य को एक समग्र दृष्टिकोण देने के अलावे हाईवे, रेलवे और जलमार्गों के बीच ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में सुधार करना था.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 26, 2025, 07:01 ISThomebusinessरेल बजट का आम बजट में क्यों किया गया विलय, किसने दिया सुझाव? जानें
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