नई दिल्ली. फेस्टिवल सीजन में महीनों पहले आपने वेटिंग टिकट इस उम्मीद के साथ लिया था कि अभी यात्रा में समय है और जाने के दिन तक कंफर्म हो ही जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब आपको मारामारी करके यात्रा करनी पड़ रही है. क्या आपको पता है कि फेस्टिवल सीजन में भारतीय रेलवे कितने लोगों को कंफर्म टिकट दे पा रहा है और कितनी वेटिंग कंफर्म नहीं हो पा रही है? आंकड़ा चौंकाने वाला हैं. आप भी जानिए.
भारतीय रेलवे द्वारा सामान्य दिनों में 10000 से अधिक ट्रेनें चलाई जाती हैं. मौजूदा समय एक्स्ट्रा 7500 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इस तरह मौजूदा समय रोजाना करीब 17500 ट्रेनें भारतीय रेल नेटवर्क में चल रही हैं और इनसे 1.03 करोड़ यात्री सफर कर रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा भीड़ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ट्रेनों में हो रही है. इस समय स्टेशनों में 33 फीसदी तक भीड़ बढ़ गयी है.केवल 20 फीसदी वेटिंग हो रही है कंफर्म
आपका आरएसी टिकट भी कनवर्ट हो सकता है वेटिंग में, रेलवे ने बताई इसकी वजह
रेलवे के अनुसार रोजाना सफर करने वाले 1.03 करोड़ यात्रियों में केवल 22 से 23 लाख ही कंफर्म टिकट पर यात्रा करते हैं. इस तरह 80 लाख लोग वेटिंग या जनरल टिकट पर यात्रा कर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं. कंफर्म टिकट में सफर करने वालों में 20 फीसदी यात्री वो होते हैं, जिनका वेटिंग टिकट कंफर्म होता है. यानी केवल 4.5 लाख यात्रियों का वेटिंग को कंफर्म सीट मिलती है. बचे हुए लोग ट्रेनों में मारामारी करके यात्रा कर रहे हैं.
घर पहुंचने के लिए ट्रेनों में मारामारी.
सबसे ज्यादा भीड़ वाली प्रमुख ट्रेनें
सप्तक्रांति (12558), वैशाली (12554) ,श्रमजीवी (122392), संपूर्णक्रांति (12394) , मगध ( 20802), महाबोधी (12398) प्रमुख ट्रेनें हैं, जिनमें ज्यादा भीड़ हो रही है.
95 फीसदी नॉन एसी से सफर करने वाले
रेलवे के आंकड़ों के अुनसार पिछले साल आठ माह में (अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान) देश के सभी ट्रेनों में कुल 390.20 करोड़ यात्रियों ने सफर किया. इनमें से 372 करोड़ यात्रियों ने नॉन एसी मतलब यानी जनरल और स्लीपर क्लास में यात्रा की. अगर फीसदी की बात करें तो 95.3 फीसदी नॉन ऐसी में सफर करने वाले यात्री हैं. वहीं, एसी क्लास में कुल 18.2 करोड़ यात्रियों (4.7 फीसदी) ने सफर किया.
औसतन 16 करोड़ सालाना बुक होते हैं वेटिंग टिकट
रेलवे बोर्ड के अनुसार कोरोनो से पूर्व ट्रेनों में सालाना करीब 16 करोड़ वेटिंग टिकट बुक होते थे. इनमें से करीब 7 करोड़ से अधिक पैसेंजरों को वेटिंग टिकट ट्रेन छूटने से पहले कन्फर्म हो जाते थे और करीब 9 करोड़ के कन्फर्म नहीं हो पाते थे. यानी औसतन 60 फीसदी कंफर्म नहीं होते थे, लेकिन फेस्टिवल सीजन में वेटिंग का आंकड़ा 80 फीसदी पहुंच गया है.
Tags: Chhath Puja, Indian railway, Indian Railway newsFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 08:29 IST
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