Last Updated:March 06, 2025, 15:54 ISTभारतीय रेलवे 31 मार्च तक देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन लॉन्च करेगा. यह ट्रेन चेन्नई की ICF में बनी है और दिल्ली डिवीजन के जींद-सोनीपत रूट पर चलेगी. 1200 एचपी की पावर वाली यह ट्रेन पूरी तरह से प्…और पढ़ेंइस ट्रेन का परिचालन हरियाणा में शुरू किया जाएगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर.)हाइलाइट्सभारतीय रेलवे 31 मार्च तक हाइड्रोजन ट्रेन लॉन्च करेगा.ट्रेन जिन्द-सोनीपत रूट पर चलेगी.ट्रेन की पावर क्षमता 1200 HP होगी.नई दिल्ली. भारत में जल्द ही आपको डीजल और इलेक्ट्रिसिटी के बगैर चलने वाली ट्रेन आपको परटरियों पर दौड़ती दिख जाएगी. केंद्र सरकार जिस प्रोजेक्ट पर काफी दिन से काम कर रही थी अब उस सपने के साकार होने का समय नजदीक आ गया है. देश में जल्द ही हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन लॉन्च होने वाली है. यह ट्रेन 31 मार्च तक पटरियों पर दौड़ने लगेगी. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस तकनीक के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ग्रीन मोबिलिटी को अपनाने में आगे हैं. इनमें जर्मनी, फ्रांस, चीन और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश शामिल हैं.
रेल मंत्रालय ने 2023-24 में 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेनों के निर्माण के लिए 2,800 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस ट्रेन का पूरा डिजाइन और तकनीक भारत में ही विकसित की गई है.
कहां चलाई जाएगी सबसे पहले?भारत में तैयार की जा रही पहली हाइड्रोजन ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी. इसे चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में तैयार किया जा रहा है और शुरुआत में इसे नॉर्दर्न रेलवे के दिल्ली डिवीजन में जींद-सोनीपत रूट पर चलाया जाएगा. इस ट्रेन की पावर क्षमता 1,200 हॉर्सपावर (HP) होगी, जो अन्य देशों में चल रही हाइड्रोजन ट्रेनों से दोगुनी अधिक है. यह ट्रेन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से बिजली उत्पन्न करेगी, जिससे केवल जल वाष्प (water vapour) उत्सर्जित होगा, यानी यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगी. अगर यह प्रयोग सफल होता है तो भारतीय रेलवे प्रदूषण कम करने में भी अहम योगदान करने वाला नियोक्ता हो जाएगा.
सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में से एकरेलवे इस प्रोजेक्ट के तहत हाइड्रोजन रीफिलिंग के लिए एक विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार कर रहा है. सरकार का दावा है कि यह दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेनों में से एक होगी और इसकी पावर क्षमता भी सबसे अधिक होगी. इस कदम से भारत में स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रेलवे का कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 06, 2025, 15:54 ISThomebusinessडीजल-बिजली हुए पुराने, अब इस गैस से चलेगी आपकी ट्रेन, ये होगा रूट
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