घर खरीदने से पहले Pre-EMI और Full-EMI के बारे में जान लें, दोनों होम लोन ऑप्शन में है अंतर

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Last Updated:March 17, 2025, 16:47 ISTPre-EMI Vs Full EMI: प्री-ईएमआई (Pre-EMI) और फुल-ईएमआई (Full-EMI) दोनों लोन से जुड़ी टर्म हैं. अगर आप दोनों के कॉन्सेप्ट को लेकर कन्फ्यूज हैं तो आज इस कंन्फ्यूजन को दूर करने का समय है. हाइलाइट्सप्री-ईएमआई में केवल ब्याज का भुगतान होता है.फुल-ईएमआई में ब्याज और मूलधन दोनों शामिल होते हैं.प्री-ईएमआई से कैश फ्लो मैनेज करना आसान होता है.Pre-EMI Vs Full EMI: आज की दौर में अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है. अगर आपने कभी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में निवेश करने को लेकर किसी बिल्डर या बैंक से बात की होगी तो आपने प्री-ईएमआई (Pre-EMI) और फुल-ईएमआई (Full-EMI) टर्म कई बार सुना होगा. अगर आप दोनों टर्म के कॉन्सेप्ट को लेकर कन्फ्यूज हैं तो आज इस कंन्फ्यूजन को दूर करने का दिन है.

प्री-ईएमआई एक अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए लिए गए लोन पर चुकाया जाने वाला ब्याज है. जब आप ‘प्री-ईएमआई’ का ऑप्शन चुनते हैं, तो लोन की रकम प्रॉपर्टी के कंस्ट्रक्शन की प्रोग्रेस के अनुसार, कई स्टेज में डिस्बर्स की जाती है. लेकिन आपको डिस्बर्स्ड की गई रकम पर ब्याज चुकाना होता है और पूरी रीपेमेंट (प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट सहित) तब शुरू होगी जब आप प्रॉपर्टी का पजेशन ले लेंगे. पजेशन के बाद मिलने वाली ईएमआई में प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों शामिल होते हैं जिसे फुल ईएमआई कहते हैं.

प्री-ईएमआई के फायदेप्री-ईएमआई में ‘फुल ईएमआई’ की तुलना में काफी कम राशि होती है क्योंकि इसमें केवल ब्याज का भुगतान करना होता है. प्री-ईएमआई आपको प्रॉपर्टी के कंस्ट्रक्शन फेज के दौरान कैश फ्लोज को मैनेज करने में मदद करता है. इससे आपकी फाइनेंशियल स्टेबलिटी बनी रहती है. यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो किराए के मकान में रहते हैं क्योंकि इससे वे किराया और ईएमआई दोनों का भुगतान कर सकते हैं. आप ‘प्री-ईएमआई’ का चयन तब भी कर सकते हैं जब आप संपत्ति को खरीदने के कुछ सालों के भीतर या घर के बनते ही बेचने की योजना बना रहे हों.

प्री-ईएमआई के नुकसान‘प्री-ईएमआई’ का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आपके ब्याज भुगतान ‘फुल ईएमआई’ विकल्प से ज्यादा होंगे. आपकी मासिक किस्तें भी लंबी होंगी क्योंकि आपका लोन टेन्योर आधिकारिक रूप से तभी शुरू होगा जब आप संपत्ति का कब्जा लेंगे. उदाहरण के लिए, अगर आप 50 लाख रुपये का होम लोन 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज दर पर 20 साल की अवधि के लिए ले रहे हैं और संपत्ति का निर्माण 2 साल में पूरा हो जाता है, तो ‘प्री-ईएमआई’ चुनने से भुगतान की अवधि 22 साल तक बढ़ जाएगी (दो साल ‘प्री-ईएमआई’ और 20 साल ‘फुल ईएमआई’).

क्या होती है फुल-ईएमआई‘फुल ईएमआई’ रेगुलर ईएमआई हैं, जो आपको तब चुकानी होती हैं जब पूरा लोन अमाउंट जारी कर दिया जाता है. इनमें ब्याज और मूलधन दोनों शामिल होती हैं. ये EMI तब तक जारी रहती हैं जब तक लोन पूरी तरह से चुका नहीं दिया जाता.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 17, 2025, 16:28 ISThomebusinessघर खरीदने से पहले Pre-EMI और Full-EMI के बारे में जान लें, क्या है अंतर

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