सरकार के एक फैसले से बिल्‍डरों की हुई मौज, घर खरीदार भी हैप्‍पी

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सरकार के एक फैसले से बिल्‍डरों की हुई मौज, घर खरीदार भी हैप्‍पी

हाइलाइट्स

ग्रेटर नोएडा में फरवरी से अब तक हुआ है 8,106 फ्लैटों का रजिस्‍ट्रेशन. अगले साल मार्च तक 8000 फ्लैटों का पंजीकरण होने की संभावना. फ्लैट रजिस्‍ट्रेशन से सरकारी खजाने में आएंगे 1300 करोड़ रुपये.

नई दिल्‍ली. उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्‍ट को सिरे चढ़ाने को लाई गई ‘ब्‍याज छूट’ योजना रंग दिखा रही है. सरकार की इस एक छूट से जहां बिल्‍डर्स को अपने अटके प्रोजेक्‍ट्स को पूरा करने में मदद मिल रही है, वहीं घर खरीदारों का भी अपने घर का सपना पूरा हो रहा है. ग्रेटर नोएडा में ब्‍याज छूट वाली योजना लागू होने के बाद इस वर्ष फरवरी से अब तक 8,106 फ्लैटों का पंजीकरण किया गया है. यह जानकारी ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) की रविवार को हुई बोर्ड बैठक में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसा, अगले साल मार्च तक 8,000 और फ्लैटों की रजिस्‍ट्री होने की संभावना है.

गौरतलब है कि यूपी सरकार ने प्रदेश में अटके हुए रियल एस्‍टेट को पूरा करने के विकल्‍प तलाशने को सेवानिवृत्‍त नौकरशाह अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. समिति ने सिफारिश की थी कि जो बिल्‍डर उसकी और बकाया रकम का 25 फीसदी अग्रिम भुगतान करता है तो उसे कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए ब्‍याज से छूट दी जाए. सरकार ने इस सिफारिश को मान लिया और बिल्‍डरों को यह विकल्‍प दे दिया. बिल्‍डर्स ने भी इसे हाथों-हाथ लिया.

ग्रेनो में 73 डेवलपर्स ने उठाया फायदा
रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा में 73 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के डेवलपर्स ने इस नीति का लाभ उठाते हुए अपने 32,435 अपंजीकृत फ्लैटों का पंजीकरण करवाने का निर्णय लिया है. इससे जीएनआईडीए को इस साल लगभग 547 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है और अगले वर्ष तक 1,300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय की उम्मीद है.

त्रिपक्षीय बिक्री समझौता लागू
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने होमबायर्स के हितों की सुरक्षा के लिए नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरणों की तरह त्रिपक्षीय ‘सेल एग्रीमेंट’ मॉडल अपनाया है. इस समझौते में बिल्डर, खरीदार और प्राधिकरण शामिल होते हैं. सौदे की कुल रकम का दस फीसदी भुगतान होते ही, सेल एग्रीमेंट का रजिस्‍ट्रेशन कराना जरूरी होता है. पहले पंजीकरण पूरी राशि चुकाने के बाद ही होता था. इससे सेल एग्रीमेंट होते ही प्राधिकरण को पता चल जाएगा कि फ्लैट किसने खरीदा है.

त्रिपक्षीय बिक्री समझौते के अलावा अथॉरिटी ने वरिष्ठ नागरिक होम कॉम्प्लेक्स वेलफेयर सोसाइटी में फ्लैट पंजीकरण के लिए भी एक नई नीति बनाई गई है. नई नीति के तहत, सोसाइटी को वर्तमान निवासियों की सूची और एक शपथ पत्र देना होगा, जिसके बाद जीएनआईडीए एनओसी जारी करेगा.

Tags: Business news, Greater Noida Authority, Property, Real estate

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