Last Updated:March 05, 2025, 07:48 ISTसुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर बैंकों और बिल्डरों को खरीदारों को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए एसआईटी जांच की मांग की. कोर्ट ने सीबीआई से भी जवाब मांगा है.सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में आदेश दिया था कि बैंकों या बिल्डरों द्वारा खरीदारों के खिलाफ किसी भी प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी.हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर-बैंक गठजोड़ की जांच की मांग की.खरीदारों की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग हुआ.सीबीआई से जांच के लिए जवाब मांगा गया.नई दिल्ली. एनसीआर में अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और बिल्डरों को जमकर लताड़ लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंकों और बिल्डरों ने घर खरीदारों को बंधक बना लिया है. न्यायालय ने कहा कि खरीदारों की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग करने वाले बिल्डर और बैंकों के गठजोड़ को उजागर करने के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) से जांच कराई जानी चाहिए. साथ ही कोर्ट ने इस जांच के लिए सीबीआई से भी जवाब मांगा. अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के लिए सवालों का मसौदा सौंपेगा. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ कोर्ट उन हजारों खरीदारों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने एनसीआर की विभिन्न परियोजनाओं में सबवेंशन प्लान (subvention plans) के तहत फ्लैट बुक किए थे.
इन खरीदारों का आरोप है कि बिल्डरों द्वारा फ्लैट सौंपने में अत्यधिक देरी के बावजूद बैंक उनपर ईएमआई चुकाने का दबाव बना रहे हैं. इस योजना के तहत बैंक सीधे बिल्डरों के खाते में लोन राशि डाल देते हैं और बिल्डरों को तब तक ईएमआई का भुगतान करना होता है जब तक कि वे खरीदारों को फ्लैट सौंप न दें. लेकिन जब बिल्डर ईएमआई भुगतान में चूक करने लगे, तो त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार, बैंकों ने खरीदारों से ईएमआई वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी.
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणीपीठ ने कहा, “लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश की, लेकिन गरीब घर खरीदारों को बंधक बना लिया गया है. बिल्डर और बैंकों के गठजोड़ की जांच के लिए एसआईटी बनाई जानी चाहिए, जो हमें रिपोर्ट सौंपेगी। हम सीबीआई से केस दर्ज करने के लिए कहेंगे.” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरिम समाधान पेशेवरों (IRP) को भी जांच से छूट नहीं मिलेगी और उनके कार्यों की भी जांच होगी. हालांकि, जिन लोगों ने ईमानदारी से काम किया है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है.
खरीदारों के वकीलों की दलीलघर खरीदारों की ओर से पेश वकील अंशुल गुप्ता, आदित्य परोलिया और पीयूष सिंह समेत अन्य अधिवक्ताओं ने जांच की मांग का समर्थन किया. सुनवाई की शुरुआत में ही पीठ नाराज हो गई जब वकीलों ने बताया कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी अब तक दाखिल नहीं की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों को दी थी राहतसुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में आदेश दिया था कि बैंकों या बिल्डरों द्वारा खरीदारों के खिलाफ किसी भी प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी और ईएमआई भुगतान को लेकर उनके खिलाफ चेक बाउंस मामलों पर भी कोई सुनवाई नहीं होगी.
बैंक-बिल्डर गठजोड़ का आरोपयाचिकाकर्ताओं का आरोप है कि बैंकों ने बिल्डरों के खातों में अवैध रूप से ऋण राशि स्थानांतरित की, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया, “यह क्लासिक मामला है, जहां एक अमीर (बैंक/वित्तीय संस्थान) ने दूसरे अमीर (बिल्डर) को पैसे दिए. जिसे पैसा मिला (बिल्डर) वह उसे लेकर भाग गया और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया. जिसने पैसा दिया (बैंक), उसने कानून की अवहेलना कर दी. और अब गरीब आदमी (खरीदार) को पीड़ित बना दिया गया है.” खरीदारों ने आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ एक माध्यम की तरह इस्तेमाल किया गया, जिससे बैंक से बिल्डर को लोन मिले.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 05, 2025, 07:48 ISThomebusinessबिल्डर्स और बैंकों ने मिलकर घर खरीदारों को बंधक बना लिया…
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