बिल्डर्स के साथ खूब याराना निभा रहे बैंक? चढ़ गए कोर्ट की नजर में, सीबीआई अब सूद समेत लेगी हिसाब

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Last Updated:April 29, 2025, 23:34 ISTसुप्रीम कोर्ट ने CBI को रियल एस्टेट डेवलपर्स और वित्तीय संस्थानों के संदिग्ध गठजोड़ की जांच का आदेश दिया है. यह जांच दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़, मोहाली और कोलकाता में होगी. कोर्ट ने कहा कि गरीब होमबायर्स को …और पढ़ेंसुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर.)हाइलाइट्सCBI करेगी रियल एस्टेट और बैंकों के गठजोड़ की जांच.सुप्रीम कोर्ट ने CBI को 7 प्रारंभिक जांचें दर्ज करने का आदेश दिया.दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़, मोहाली और कोलकाता में होगी जांच.नई दिल्ली. देश के बड़े शहरों में रियल एस्टेट डेवलपर्स और वित्तीय संस्थानों के बीच संदिग्ध गठजोड़ की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 29 अप्रैल को CBI को सात प्राइमरी जांचें (Preliminary Enquiries) दर्ज करने और एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का निर्देश दिया है. यह फैसला दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़, मोहाली और कोलकाता जैसे शहरों में हजारों होमबायर्स की लगातार शिकायतों के मद्देनजर आया है, जो वर्षों से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं लेकिन नियमित EMI चुकाते रहे हैं.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस आदेश को जारी करते हुए साफ कहा कि यह मामला कोर्ट की निगरानी में चलेगा और हर महीने इसकी समीक्षा होगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, पहली जांच सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ शुरू होगी, जो पहले से ही निर्माण मानकों के उल्लंघन को लेकर विवादों में है.

कौन-कौन से शहर घेरे में?यह जांच नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम और गाजियाबाद में स्थित प्रोजेक्ट्स को कवर करेगी. इसके अलावा, बाकी छह जांचें उन रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ होंगी, जो दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय हैं. जांच के दायरे में उन स्कीमों को भी लिया जाएगा जिनमें बैंकों ने सबवेंशन प्लान के तहत होमबायर्स को लोन दिया और फिर कब्जा न मिलने के बावजूद EMI वसूली की.

RBI और विकास प्राधिकरणों को भी सौंपे गए जिम्मेदारीसुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और संबंधित विकास प्राधिकरणों को भी नोडल अफसर नियुक्त करने के लिए कहा है, ताकि जांच टीम को जरूरी मदद मिल सके. इसके अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों (DGPs) से कहा गया है कि वे अधिकारियों की सूची CBI को दें जो जांच में शामिल किए जा सकें.

“होमबायर्स को बंधक बना लिया गया”कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “गरीब होमबायर्स को बिल्डरों और बैंकों ने बंधक बना लिया है. यह स्थिति अस्वीकार्य है.” कोर्ट ने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि एक स्वतंत्र एजेंसी इस पूरे गठजोड़ की सच्चाई सामने लाए. CBI ने कोर्ट को बताया कि इस तरह के मामलों में बिल्डरों और बैंकों की मंशा व कार्यप्रणाली को समझने के लिए प्रारंभिक जांच जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि यह एक बड़ा आर्थिक और सामाजिक मुद्दा है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. यह आदेश उन हजारों होमबायर्स के लिए राहत की उम्मीद है जो सालों से अपने सपनों के घर की आस में, कानूनी और आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 29, 2025, 23:33 ISThomebusinessबिल्डर्स के साथ खूब याराना निभा रहे बैंक? आ गए सीबीआई के रडार में, होगा हिसाब!

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