Last Updated:May 22, 2025, 17:59 ISTHome Buyers Project : नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना महामारी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर काफी दबाव में चला गया था, लेकिन पिछले 2 से 3 साल में यह सेक्टर जबरदस्त वापसी कर चुका है. ऐसे में प्रमोटर्स ने अधूरी और पुरान…और पढ़ेंरियल एस्टेट सेक्टर में बीते 3 साल से फिर तेजी आनी शुरू हो गई है. हाइलाइट्सरियल एस्टेट सेक्टर ने 2022-24 में जबरदस्त वापसी कीपुरानी और अधूरी परियोजनाओं को फिर से शुरू किया गयाघर खरीदारों को जल्द ही उनके घर मिलने की उम्मीदनई दिल्ली. साल 2016 की नोट बंदी और 2017 में जीएसटी आने के बाद रियल एस्टेट बाजार खुद को संभाल ही रहा था कि साल 2020 में कोविड महामारी ने उसे बेहाल कर दिया. इसके बाद तो रियल एस्टेट सेक्टर में जबरदस्त मंदी आई जिसके पीछे घरों की मांग का घटना और फंड की कमी सबसे बड़ी वजह थी. इस दौरान अधिकतम परियोजनाओं में निर्माण कार्य धीमा हुआ और कई प्रोजेक्ट पूरी तरह से बंद हो गया, लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर ने 2022-24 में जबरदस्त वापसी की और प्रॉपर्टी की मांग, कीमतों में उछाल ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. इसका फायदा सेक्टर के साथ मकान खरीदारों को भी मिला, क्योंकि प्रमोटर्स ने कई रुकी परियोजनाओं को दोबारा शुरू करने पर जोर दिया.
रियल एस्टेट में आई इस तेजी ने कई ऐसी पुरानी और अधूरी परियोजनाओं को भी पटरी पर ला दिया जिनमें वर्षों से काम बंद था. इनके खरीदारी भी अपना घर पाने की उम्मीद खो चुके थे. यूनिटस की बढ़ती मांग और कीमतों में तेजी के कारण ऐसी अधूरी परियोजनाएं फायदा देने लायक हो गईं और तो और कुछ स्तर तक निर्माण होने के कारण इनके जल्द पूरे होने की संभावना भी बढ़ गई है. कुल मिलाकर प्रोमोटर्स द्वारा इनमें दोबारा निवेश करके निर्माण और विकास कार्य करना मुनाफे का सौदा बन गया है. इसके लिए मुख्य रूप से 4 विकल्पों पर काम किया गया है.
पुरानी कंपनी का टेकओवरइस मॉडल के अन्तर्गत किसी नई रियल एस्टेट कंपनी द्वारा पुरानी रियल एस्टेट कंपनी का अधिग्रहण कर लिया जाता है और अधूरी परियोजना के भूखंड का उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया में पुरानी कंपनी का शत प्रतिशत शेयर ट्रांसफर करना या पूरी ईक्विटी खरीदने का विकल्प होता है. इस आधार पर रेनॉक्स ग्रुप ने निवास प्रोमोटर्स का अधिग्रहण करके लगभग एक दशक के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 3.30 एकड़ भूखंड पर रेनॉक्स थ्राइव परियोजन शुरू की है. रेनॉक्स ग्रुप के चेयरमैन शैलेन्द्र शर्मा के अनुसार, परियोजना से जुड़े सभी पक्षों का बकाया चुका दिया गया है जिसमें ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, बैंक, रेरा और पुराने बकायेदार शामिल हैं. इसके बाद पूर्व प्रोमोटर की परियोजना का रेरा से पंजीयन रद्द करवाकर नए नाम से परियोजना शुरू की गई है.
पुरानी कंपनी में नया प्रबंधनकई परियोजनाएं फंड की कमी के साथ एक प्रभावशाली प्रबंधन के अभाव से भी नहीं चल पाती हैं. ऐसे में परियोजना के पूर्व प्रोमोटर्स द्वारा की जा रही गलतियों को दूर करने के लिए नया प्रबंधन लाया जाता है, जो फंड के अलावा बेहतर नेतृत्व से परियोजना को जल्दी पूरा करता है. इस मॉडल पर डिलिजेन्ट बिल्डर्स द्वारा ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही 2.5 एकड़ में फैले अंतरिक्ष वैली नाम की परियोजना का दोबारा निर्माण किया जा रहा है. डिलिजेन्ट बिल्डर्स के सीओओ लेफ्टिनेंट कर्नल अश्वनी नागपाल (रिटायर्ड) के अनुसार, पुरानी कंपनी में ही नए प्रबंधन द्वारा नए स्तर से फंड की आपूर्ति करके न केवल प्राधिकरण का बकाया चुकाया, बल्कि परियोजना से जुड़े पुराने आवंटियों को रिफंड भी दिया गया. अब हम जल्द ही घर खरीदारों को उनका घर दे सकेंगे और परियोजना पूरी कर सकेंगे.
एनसीएलटी से रिवर्स इनसॉल्वेनसीरियल एस्टेट सेक्टर में ऐसी परियोजनाएं बहुत सीमित हैं, जो एनसीएलटी में जाने के बाद प्रक्रिया को पूरी कर सकें. लेकिन, ऐसे अपवाद भी हैं, जहां प्रोमोटर द्वारा एनसीएलटी से परियोजना न केवल वापस लाई गई, बल्कि उसे पूरा करके ओसी प्राप्त की जा चुकी है. आरजी ग्रुप द्वारा अपनी कंपनी को एनसीएलटी की प्रक्रिया से रिवर्स इनसॉल्वेनसी द्वारा वापस लाया गया और अपनी आरजी लग्जरी होम्स को पूर्ण करके ओसी प्राप्त किया गया है. आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार, यह गौतम बुद्ध नगर में संभवतः अकेली कंपनी है जो रिवर्स इनसॉल्वेनसी के जरिए अपने प्रोजेक्ट को एनसीएलटी से वापस लाई और पूरा करके कब्जा भी दे दिया है. अभी तक 7 टॉवर का ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) प्राप्त कर लिया है और शेष 2 टॉवर के ओसी का आवेदन कर चुके हैं.
को-डेवलपर पॉलिसीनीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अगुवाई वाली समिति की कई सिफारिशों में से एक को-डेवलपर पॉलिसी के अन्तर्गत भी कई प्रोमोटर्स की परियोजना को किसी अन्य प्रोमोटर द्वारा पूरा कराया जा रहा है. इस मॉडल में प्राधिकरण के शर्तों के अनुरूप भूखंड का शेष बकाया व अन्य कर्जे चुकाकर नया प्रोमोटर अधूरी परियोजना में पुनर्निर्माण के अधिकार प्राप्त करता है. इस आधार पर निम्बस ग्रुप द्वारा सेक्टर 168 और हवेलिया ग्रुप द्वारा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की परियोजना पूर्ण करने के अधिकार प्राप्त किए गए हैं. दोनों ही ग्रुप अपने प्रोजेक्ट पूरा करने पर जोर दे रहे हैं, ताकि ग्राहकों को उनके घर जल्द ही सौंपे जा सकें.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें OXBIG NEWS NETWORK India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness9 साल से इंतजार कर रहे घर खरीदारों को तोहफा! अधूरी परियोजनाओं का काम शुरू
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