रेडी टू मूव नहीं, अब इस तरह के मकान हैं सबकी पसंद, लोग कहां लगा रहे पैसा

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रेडी टू मूव नहीं, अब इस तरह के मकान हैं सबकी पसंद, लोग कहां लगा रहे पैसा

Last Updated:March 25, 2025, 22:26 ISTProperty Market : देश में मकानों की बिक्री तो काफी तेजी से हो रही है, लेकिन साथ ही नया ट्रेंड भी दिख रहा है. मकान खरीदार अब रेडी टू मूव मकानों को खरीदने के बजाय नई लॉन्‍च परियोजनाओं में पैसे लगाना ज्‍यादा पसंद …और पढ़ेंमकान खरीदारों ने अब निर्माणाधीन प्रोजेक्‍ट पर ज्‍यादा भरोसा जताया है. हाइलाइट्सरेडी टू मूव मकानों के बजाय नई परियोजनाओं में निवेश बढ़ा.2024 में बेचे गए 42% घर नए प्रोजेक्ट से थे.रेरा के बाद निर्माणाधीन परियोजनाओं की मांग बढ़ी.नई दिल्‍ली. घर खरीदार तेजी से रेडी टू मूव परियोजनाओं के बजाय नए या हालिया लॉन्च किए गए परियोजनाओं में घर खरीदना ज्‍यादा पसंद कर रहे है. इनमें भी घर खरीदारों की पसंद बड़े और नामी डेवलपर्स हैं, जिनका ट्रैक रिकार्ड शानदार रहा है. प्रॉपर्टी कन्सल्टन्ट एजेंसी एनारॉक से बताया कि 2024 में बेचे जाने वाले 4.60 लाख घरों में से 42% से अधिक नए लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट से थे. यह स्थिति कोविड महामारी से पूर्व वर्ष साल 2019 के 26% से काफी ज्‍यादा है. तब नई परियोजनाओं में लगभग 2.61 लाख घरों की बिक्री हुई थी.

एनारॉक डाटा के अनुसार, साल 2020 में शीर्ष सात शहरों में बेची गई 1.38 लाख आवासीय इकाइयों में से 28% नई लॉन्च की गई थीं, जबकि 2021 में बेची गई 2.37 लाख इकाइयों में से यह आंकड़ा बढ़कर 34% हो गया था. वर्ष 2022 में भी 3.65 लाख घरों में से 36% और 2023 में बेचे गए लगभग 4.77 लाख घरों में 40% नई परियोजनों का हिस्सा थे. इस बार यह आंकड़ा 42 फीसदी पहुंच गया है.

ग्राहकों में दिख रहा नया भरोसादिनेश गुप्ता, क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव का कहना है कि रेरा के पूर्व रियल एस्टेट सेक्टर में फैली अनियमितता के कारण एनसीआर के बायर रेडी टू मूव यूनिट लेना ही पसंद करते थे. परिस्थिति बदली है और रेरा नियामक का पालन कराया जा रहा है तथा व्यवस्थित बिल्डर की एंट्री हो चुकी है. इससे अब निर्माणाधीन परियोजनाओं में नई यूनिटस की मांग बढ़ रही है जो किसी भी घर खरीदार के लिए निवेश हेतु उत्तम चुनाव होता है, क्‍योंकि यह रेडी टू मूव के मुकाबले सस्‍ता भी पड़ता है.

अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रॉपर्टी खरीदना ज्‍यादा बेहतरआरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार, निर्माणाधीन परियोजना या टॉवर में निवेश करना किसी भी होम बायर्स की प्राथमिकता होती है. कोविड के बाद हमने मार्केट की जरूरतों के अनुसार अपने निर्माण की तकनीक और डिजाइन में बदलाव करते हुए नए टॉवर लॉन्च किए थे जिसमें अधिकतर यूनिट्स बड़े / 3 बीएचके साइज के थे. इसके बाद हमें अपने उपभोक्ताओं और निवेशकों से अपनी निर्माणाधीन टावर में भी शानदार प्रतिक्रिया मिली.

सेक्‍टर के लिए शुभ संकेतकेडब्लू ग्रुप के निदेशक पंकज कुमार जैन के अनुसार, यह बदलाव रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बढ़िया संदेश है. एक घर खरीदार के लिए परियोजना लॉन्च होने के साथ निवेश करना ही सबसे अच्छा समय होता है. प्रोमोटर्स लचीले पेमेंट प्लान के जरिए भी प्रारम्भिक स्तर पर ही घर खरीदारों को जोड़ने का प्रयास करते है. वैसे, अच्छे रिकार्ड वाले और पहले से स्थापित व शानदार ट्रैक रिकार्ड वाले प्रोमोटर्स की परियोजनाओं पर कभी भी उपभोक्ताओं की कमी नहीं रही है, परियोजना चाहे निर्माणाधीन रही हो या रेडी टू मूव.

पसंद आ रही नई डिजाइनरेनॉक्स ग्रुप के एमडी शैलेन्द्र शर्मा के अनुसार, हमें न्यू एज के घर खरीदारों की मांग का एहसास हुआ जो अब लक्जरी के साथ-साथ सीमित संख्या वाले प्रोजेक्ट में नए कान्सेप्ट, डिजाइन और वास्तु फीचर से लैस घरों की मांग कर रहे है. हमने प्रोजेक्ट को रि-डिजाइन कर दिया जिससे घर खरीदार पुराने और रेडी टू मूव प्रोजेक्ट से हटकर नए कान्सेप्ट के प्रोजेक्ट का ऑप्शन पसंद कर रहे हैं. निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग के अनुसार, आज भी पूरे एनसीआर में ग्रेटर नोएडा का प्रॉपर्टी मार्केट सबसे किफायती घर देने के लिए जाना जाता है. डेवलपर्स भी अपनी रणनीति में बदलाव ला रहे हैं, जिससे ऐसे प्रोजेक्ट लॉन्च किए जा सकें जो बाजार की मांग के अनुरूप हों और तय समय में क्‍वालिटी वाला निर्माण दे सकें.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 25, 2025, 22:26 ISThomebusinessरेडी टू मूव नहीं, अब इस तरह के मकान हैं सबकी पसंद, लोग कहां लगा रहे पैसा

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