नई दिल्ली. जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने के आसपास की जमीनों की कीमतों में बीते तीन वर्षों में जबरदस्त उछाल आया है. जमीन की दरें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं. एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीते एक साल में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ही 390 एकड़ जमीन खरीदी जा चुकी है. इस दौरान करीब ₹2,340 करोड़ के सौदे हुए हैं. यहां एक एकड़ जमीन की औसत कीमत ₹5 से ₹6 करोड़ है. पूर्वांचल ग्रुप, एल्डेको ग्रुप, वीवीआईपी ग्रुप और ग्रीनबे इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे बड़े नामों ने यमुना एक्सप्रेसवे पर जमीन खरीदी है.
जमीन की कीमतें जहां दोगुनी हुई हैं, वहीं अपार्टमेंट्स की कीमतों में बीते दो वर्षों में सिर्फ 15-20% की वृद्धि हुई है. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि अभी बड़ी संख्या में लोग इस क्षेत्र में रह नहीं रहे हैं. लोग यहां भविष्य की उम्मीद में निवेश कर रहे हैं.
इस वजह से बढ रही है मांगयमुना एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाला 165 किलोमीटर लंबा छह लेन का एक्सप्रेसवे है. 750 मीटर लंबा एलिवेटेड रोड एयरपोर्ट को सीधे इस एक्सप्रेसवे से जोड़ता है. हालांकि अभी तक हुई ये जमीन खरीदारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की 25,000 एकड़ की विकास योजना का केवल 1.5% हिस्सा है. एनारॉक लैंड सर्विसेज के एमडी और सीईओ मयंक सक्सेना का कहना है कि अच्छी कनेक्टिविटी, विकसित हो रहा इंफ्रास्ट्रक्चर और नए एयरपोर्ट की वजह से डेवलपर्स को इस क्षेत्र में रियल एस्टेट के बेहतरीन अवसर नजर आ रहे हैं.
फॉक्सकॉन 300 एकड़ में लगाएगी इलेक्ट्रॉनिक्स पार्कफॉक्सकॉन जैसी कंपनियां यहां 300 एकड़ भूमि पर इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क स्थापित करने की योजना बना रही हैं. सिफी इन्फिनिट और जैकसन ने यहां 10 एकड़ में डेटा सेंटर के लिए जमीन प्राप्त की है. वहीं, YEIDA खुद 13,300 एकड़ कृषि भूमि खरीद रहा है, जिसे औद्योगिक और वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए विकसित किया जाएगा.
गौड़ ग्रुप के चेयरमैन मनोज गौड़ का कहना है कि इस क्षेत्र में रियल एस्टेट की भारी संभावनाएं हैं. “यहां जमीन उपलब्ध है और कनेक्टिविटी भी शानदार है. हमने एयरपोर्ट के पास 250 एकड़ में टाउनशिप तैयार की है.” गौड़ ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें ₹15,000 से ₹20,000 प्रति वर्गफुट तक पहुंच चुकी हैं, जबकि यमुना एक्सप्रेसवे पर ₹10,000 प्रति वर्गफुट से कम कीमतों पर प्रॉपर्टी मिल रही है.
एनारॉक के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने बताया कि एयरपोर्ट निर्माण के चलते औद्योगिक इकाइयां और अन्य सहायक संस्थान भी क्षेत्र में तेजी से आ रहे हैं. एटीएस ग्रुप के एमडी उदयवीर आनंद के अनुसार, जेवर एयरपोर्ट और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) की कनेक्टिविटी ने इस क्षेत्र को हॉस्पिटैलिटी, एजुकेशन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पसंदीदा स्थान बना दिया है.
आने वाले समय में होगा पूर्ण विकसित शहरगौड़ का मानना है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र एक पूर्ण विकसित शहर बन जाएगा. “सरकार मेट्रो रेल और रैपिड ट्रांजिट सिस्टम पर काम कर रही है और नोएडा, ग्रेटर नोएडा व दिल्ली से कनेक्टिविटी पहले से ही अच्छी है.”
एटीएस ग्रुप ने एयरपोर्ट के पास 100 एकड़ में टाउनशिप प्रोजेक्ट शुरू किया है और कई प्लॉट बेच भी दिए हैं. आनंद ने कहा, “आने वाले समय में व्यापारिक गतिविधियों के बढ़ने से इस बेल्ट में आवास और व्यवसाय दोनों की मांग में जबरदस्त इजाफा होगा.”
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