नई दिल्ली. जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) से घर खरीदने वाले लोगों को अब भी फ्लैट मिलने की कोई आस नजर नहीं आ रही है. इसी कारण होमबायर्स ने एक बार फिर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मार्च 2023 में समाधान योजना स्वीकृत होने और इस साल मई में अपीलीय ट्रिब्यूनल द्वारा मंजूरी मिलने के बावजूद, सुरक्षा ग्रुप ने फ्लैटों के निर्माण में कोई प्रगति नहीं की है. सुरक्षा ग्रुप ने दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण किया है. जेपी इंफ्राटेक रियल एस्टेट अलॉटीज़ वेलफेयर सोसाइटी (JREAWS) के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा ग्रुप निर्माण के लिए आवश्यक 3,000 करोड़ रुपये जुटाने, श्रमिकों की तैनाती करने और समाधान योजना के अनुसार एस्क्रो खाते स्थापित करने में विफल रहा है.
स्वीकृत समाधान योजना के अनुसार सुरक्षा ग्रुप को 90 दिनों के भीतर फ्लैटों का निर्माण फिर से शुरू करना था. यह आदेश इस साल मई में एनसीएलएटी ने पारित किया था. ट्रिब्यूनल ने 10 दिसंबर को खरीदारों की अपील सुनी और सुरक्षा ग्रुप, जेपी इंफ्राटेक, इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) और पूर्व अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) अनुज जैन को नोटिस जारी किए. अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.
एक दशक से फ्लैटों का इंतजार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैसे देने के बावजूद खरीदारों को फ्लैट नहीं मिले हैं. उन्हें लगभग एक दशक से यह प्रोजेक्ट लटका हुआ है. जेपी इंफ्राटेक रियल एस्टेट अलॉटीज़ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष आशीष मोहन गुप्ता का कहना है कि अब तक कोई फंड जुटाया नहीं गया है. सुरक्षा को नौ लंबित परियोजनाओं के निर्माण के लिए 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी थी.
होमबायर्स ने कहा कि सुरक्षा द्वारा योजना की मंजूरी के चौथे महीने से निर्माण गति बढ़ाने के वादों के बावजूद निर्माण गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई हैं. आईआरपी के कार्यकाल के दौरान किए गए सीमित कार्य, पिछले ठेकेदार को हटाने के बाद रुक गए. नौ परियोजनाओं में 97 टावरों में से, अगस्त 2024 तक केवल 41 टावरों के लिए निविदाएं जारी की गईं, जबकि शेष 56 पर अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है.
सुरक्षा ग्रुप ने किया ये दावा सुरक्षा ने दावा किया कि उसने परियोजना के लिए 125 करोड़ रुपये का ऋण सुविधा, 3,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन, और 1,000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट की व्यवस्था की है. समाधान योजना के अनुसार, समूह चार वर्षों में विश टाउन, मिर्जापुर और आगरा में 1,700 खरीदारों को घर सौंपेगा. कंपनी के सूत्रों ने स्वीकार किया कि नवंबर से विभिन्न चरणों में लागू GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है.
Tags: Noida news, Property, Real estateFIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 07:35 IST
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