नई दिल्ली. भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में कोविड के बाद से एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. आवासीय प्लॉट्स की डिमांड में जबरदस्त उछाल आया है और इंदौर, रोहतक जैसे टियर-2 शहर इस बदलाव के केंद्र में हैं. प्रॉपइक्विटी की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2022 से मई 2025 के बीच डेवलपर्स ने 10 प्रमुख टियर-1 और टियर-2 शहरों में 2.44 लाख करोड़ रुपये की कीमत के आवासीय प्लॉट्स लॉन्च किए हैं. इस दौरान कुल 4.7 लाख प्लॉट्स रिलीज़ हुए हैं.
इंदौर, हैदराबाद, जयपुर, कोयंबटूर, मैसूर, रायपुर, नागपुर, चेन्नई, बेंगलुरु और सूरत जैसे शहरों में सबसे ज्यादा एक्टिविटी देखी गई है. इनमें से इंदौर अपनी बढ़ती लोकल इकॉनमी, बेहतर कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण बायर्स के लिए टॉप चॉइस बन रहा है.
अफोर्डेबिलिटी: मेट्रो सिटीज़ के मुकाबले प्लॉट्स की प्राइसेस अभी भी रीज़नेबल हैं, जो स्मार्ट मिडिल क्लास और इन्वेस्टर कस्टमर्स को अट्रैक्ट करती हैं.
फ्लेक्सिबिलिटी: बायर्स कस्टम होम्स डिज़ाइन करने की स्वतंत्रता के लिए प्लॉट्स को पसंद कर रहे हैं. यह ईक्षा पैंडेमिक के बाद और भी बढ़ गई है क्योंकि प्राथमिकताएं ओपन स्पेसेज़ और इंडिपेंडेंट हाउसिंग की तरफ शिफ्ट हो रही हैं.
हाई कैपिटल अप्रीसिएशन: एक एसेट क्लास के रूप में, प्लॉट्स ने कई इमर्जिंग मार्केट्स में अपार्टमेंट्स के मुकाबले तेज़ी से वैल्यू ग्रोथ और लिक्विडिटी दिखाई है.
डेवलपर फोकस: डेवलपर्स के लिए, प्लॉटेड डेवलपमेंट्स फास्ट कैश फ्लो उत्पन्न करते हैं और प्रोजेक्ट एक्जीक्यूशन रिस्क को कम करते हैं.
रोहित किशोर, सीईओ, हीरो रियल्टी ने कहा, “बढ़ती हाउसिंग डीमांड और निवेशकों की रुचि के कारण टियर-2 और टियर-3 शहर रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए तेज़ी से आकर्षक होते जा रहे हैं. बेहतर सड़कें और बढ़ते मेट्रो नेटवर्क जैसे बेहतर बुनियादी ढाँचे इन इलाकों को और भी आकर्षक बनाते हैं. सोनीपत में, प्लॉटेड डेवलपमेंट की मांग बढ़ रही है क्योंकि खरीदार बड़े, अनुकूलन योग्य रहने की जगह चाहते हैं. दिल्ली-एनसीआर और आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से इसकी निकटता इसकी मार्केट स्थिति को मजबूत कर रही है.“
इंदौर का विस्तार
रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशांक वासन का कहना है कि इंदौर का टॉप थ्री प्लॉटेड डेवलपमेंट मार्केट में आना, एक डायनामिक रियल एस्टेट डेस्टिनेशन के रूप में इसकी ग्रोथ का सबूत है. “सुपर कॉरिडोर एक्सपेंशन, आने वाली मेट्रो रेल और बेहतर रोड नेटवर्क जैसे मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों के साथ, यह शहर अब इन्वेस्टर्स और होम बायर्स, दोनों के लिए एक आकर्षक प्रपोज़ल प्रस्तुत कर रहा है.”
वासन के अनुसार, इंदौर की स्ट्रैटेजिक लोकेशन, वेल-प्लान्ड अर्बन स्ट्रक्चर और इन्वेस्टर-फ्रेंडली पॉलिसीज़ इस मोमेंटम को और बढ़ा रही हैं. साफ़ पर्यावरण, बेहतर कनेक्टिविटी और बढ़ती इकॉनमिक पॉसिबिलिटीज़ के साथ, इंदौर तेज़ी से रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के लिए एक हॉट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.
हैदराबाद का केस स्टडी
स्टोनक्राफ्ट ग्रुप के फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर किर्थी चिलुकुरी का कहना है कि भारत के शहरों में प्लॉटेड डेवलपमेंट में वृद्धि यह दर्शाती है कि लोगों में ओनरशिप, पर्सनालिटी और नेचर के साथ कनेक्शन की इच्छा बढ़ रही है. “हैदराबाद का स्ट्रॉन्ग प्रदर्शन कोई आश्चर्य नहीं है; यह एक ऐसा शहर है जहाँ डिमांड अब थॉटफुल प्लान्ड कम्युनिटीज़ की तरफ बढ़ रही है, जो ग्रीन स्पेसेज़ और सस्टेनेबल लिविंग को प्रायॉरिटी देते हैं.”
चिलुकुरी के अनुसार, “हम इसे एक अवसर और दायित्व के रूप में देखते हैं, जहां हम ऐसे प्लॉट्स डिज़ाइन करें जो सिर्फ़ ज़मीन न बेचें, बल्कि एक बेहतर लाइफस्टाइल ऑफर करें, जो अर्बन डेवलपमेंट को एनवायरनमेंटल रेस्पॉन्सिबिलिटी के साथ बैलेंस करे.”
बेंगलुरु टॉप तीन शहरों में
ईएक्सपी रियल्टी इंडिया के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड सैम चोपड़ा का कहना है कि भारत के टॉप 10 शहरों में सिर्फ़ तीन साल में 4.7 लाख प्लॉट्स का लॉन्च, बायर्स के व्यवहार में एक निर्णायक बदलाव को दर्शाता है. “यह बिल्ट-अप यूनिट्स से लैंड ओनरशिप की तरफ़ एक शिफ्ट है. बेंगलुरु का इस बूम में टॉप तीन शहरों में से एक के रूप में उभरना कोई आश्चर्य नहीं है.”
चोपड़ा के मुताबिक, “यह होम बायर्स की एक नई वेव को दर्शाता है जो फ्लेक्सिबिलिटी, ऑटोनमी और अपने लिविंग स्टाइल में लॉन्ग-टर्म वैल्यू चाहते हैं. प्लॉटेड डेवलपमेंट अब सिर्फ़ एक फॉर्मेट नहीं रह गए हैं, बल्कि ये पर्सनलाइज़्ड, फ्यूचर-रेडी लिविंग की तरफ़ एक स्टेप हैं.”
रोहतक का इमर्जेंस
दिल्ली-एनसीआर से अपनी प्रॉक्सिमिटी और कनेक्टिविटी में सुधारों के साथ, रोहतक भी बायर्स और डेवलपर्स की इंटरेस्ट को नए सिरे से आकर्षित कर रहा है. इसकी लाभप्रद पोज़ीशन और अपकमिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कारण यह शहर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है.
फ्यूचर आउटलुक
प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के अनुसार, सप्लाई में बढ़ोत्तरी और कई बड़े मेट्रो शहरों के रिहायशी सेक्टर्स में स्लोडाउन के बावजूद, इंदौर और रोहतक जैसे टियर-2 शहर अभी भी मज़बूत स्थिति में हैं. बेहतर सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, एम्प्लॉयमेंट की बढ़ती पॉसिबिलिटीज़ और हाउसिंग इंडस्ट्री के विस्तार के उद्देश्य से स्टेट गवर्नमेंट की पॉलिसी इंसेंटिव्स, सभी लोकल डिमांड को बढ़ा रहे हैं. इंदौर का अर्बन एक्सपेंशन, यंग वर्कफोर्स और शहर का एक एजुकेशनल और इंडस्ट्रियल सेंटर के रूप में उभरना, इसे नए प्लॉट डेवलपमेंट के लिए विशेष रूप से आकर्षक बनाते हैं.
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