Last Updated:April 09, 2025, 15:32 ISTReal Estate Growth : आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के बाद रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों का रिएक्शन आया है. उनका कहना है कि इससे कर्ज सस्ता होगा तो मकानों सहित सभी तरह की प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ेगी, लेकिन आ…और पढ़ेंआरबीआई के रेपो रेट घटाने से रियल एस्टेट सेक्टर की डिमांड बढ़ेगी. हाइलाइट्सआरबीआई के रेपो रेट कटौती से होम लोन सस्ते होंगे.रियल एस्टेट सेक्टर में प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ेगी.मकानों की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है.नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट एक बार फिर घटा दिया है, जिससे होम लोन सहित तमाम तरह के खुदरा कर्ज सस्ते हो जाएंगे. आरबीआई के इस फैसले प्रॉपर्टी की डिमांड भी बढ़ने का अनुमान है. रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों और विशेषज्ञों ने कहा कि आरबीआई के रेपो दर में कटौती से ब्याज दर कम होने की उम्मीद है, जिससे मकानों की बिक्री बढ़ेगी और रियल एस्टेट क्षेत्र को गति मिलेगी.
क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि टैरिफ वॉर और ग्लोबल टेंशन के बीच आरबीआई का यह कदम महंगाई में कमी व स्थिर होते वृहद आर्थिक दृष्टिकोण के बीच वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है.. उन्होंने कहा कि दरों में कटौती सही समय पर की गई है, जिससे उपभोक्ताओं की डिमांड को बढ़ाने और उधार लेने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे होम लोन सस्ता होगा और डिमांड को बढ़ावा मिलेगा. इसका सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास व किफायती मकानों की डिमांग पर होगा.
मकानों की बिक्री तेजी से बढ़ेगीरियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा कि इस निर्णय से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि कम ब्याज दर से होम लोन सस्ते हो जाएंगे, जिससे सभी श्रेणियों में आवास की मांग बढ़ सकती है. इसके परिणामस्वरूप रिहायशी मकानों की बिक्री में बढ़गी और बाजार में नकदी का प्रवाह अच्छा होने से अनसोल्ड मकानों की संख्या में भी कमी आएगी. डेवलपर को खासकर किफायती श्रेणी में नई परियोजनाएं शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा.
कर्ज सस्ता होगा पर क्या कीमतें बढ़ेंगीरियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली कंपनी सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि मौजूदा शुल्क चिंताओं और वैश्विक चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था के लिए रेपो दर में कटौती का आरबीआई का फैसला महत्वपूर्ण है. इस कदम का उद्देश्य नकदी की कमी को दूर करना और कारोबारी भरोसे को बढ़ावा देना है. इससे प्रॉपर्टी की डिमांड में तेजी आने की उम्मीद है. हालांकि, इस डिमांड से प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी आने की भी आशंका है.
पहले ही महंगी हो चुकी है प्रॉपर्टीसंपत्ति सलाहकार फर्म प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसुजा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद मकानों की औसत कीमतों में करीब 50 फीसदी की वृद्धि हुई है. रेपो रेट में कटौती के बाद ग्राहकों को कम से कम लोन के स्तर पर तो राहत मिलेगी. होम लोन जैसे-जैसे सस्ता होगा, लोग मकान खरीदने के लिए आगे आएंगे. हालांकि, जैसे-जैसे डिमांड बढ़ेगी मकानों की कीमतों में भी बढ़ोतरी की आशंका है.
रुके हुए प्रोजेक्ट पूरे होंगेकृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा कि नीतिगत दरों में कटौती से डेवलपर के लिए कर्ज की लागत घटेगी, जिससे वे रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. आरबीआई के इस फैसले से सरकार की मंशा भी साफ पता चलती है, जो देश के इन्फ्रा सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं. रियल एस्टेट अकेला ऐसा सेक्टर है, जो देश की 200 सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को सीधे तौर पर बढ़ावा देता है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 09, 2025, 15:32 ISThomebusinessरेपो रेट घटने से मकान खरीदारों को नफा होगा या नुकसान, क्या कहते हैं दिग्गज
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